क्रिसमस के मौके पर हर घर में छोटे से लेकर बड़े क्रिसमस ट्री को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। गिफ़्ट, लाइट और मोमबत्तियों से सजा क्रिसमस ट्री बेहद सुंदर दिखता है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत कैसे हुई और इसे क्यों सजाया जाता है? ऐसा माना जाता है मशहूर संत बोनिफेस जब इंग्लैंड छोड़कर जर्मनी गए और तब उन्होंने देखा कुछ लोग ईश्वर को खुश करने के लिए ओक के पेड़ के नीचे एक छोटे बच्चे की बलि दे रहे थे। इससे गुस्से में संत बोनिफेस ने उस ओक के पेड़ को कटवा दिया और उसकी जगह फर का नया पौधा लगवाया, जिसे संत बोनिफेस ने प्रभु यीशु मसीह के जन्म का प्रतीक माना। ये फर का पौधा ही क्रिसमस ट्री के रूप में मशहूर हो गया। संत सेवकों ने उस पौधे को मोमबत्तियों से सजाया था और यहीं से क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा शुरू हुई। wallpapers इसके अलावा ये भी कहा जाता है ईसा मसीह का जब जन्म हुआ तब उनके माता-पिता मरियम और जोसेफ़ को बधाई देने स्वर्ग से देवदूत भी आए थे और ये देवदूत अपने साथ एक सदाबहार फर का सजाया हुआ पौधा लाए थे। उसी समय से इस पौधे को क्रिसमस ट्री मानकर उसे सजाया जाने लगा। क्रिसमस के मौके पर सब मिलकर क्रिसमस ट्री को सजाते हैं। लोगो अपनी हैसियत के हिसाब से इसे लाइट, मोमबत्ती और गिफ़्ट से सजाते हैं। साथ ही पौधे को स्टार्स, रिबन और रंगीन कागज़ से भी सजाया जाता है।