बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. घटना वाली रात की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई हैं. साथ ही इस परिवार के नाम को लेकर भी नई बात सामने आई है. पुलिस का बताया कि इस परिवार का नाम चूंडावत परिवार है. परिवार की बड़ी बेटी भाटी परिवार में ब्याही हुई थी. लेकिन वो विधवा हो गई तो 30 साल से अपनी बेटी को लेकर अपने मायके में ही रहती थी. वो यहां ट्यूशन भी पढ़ाती थी. उसके भाटी सरनेम को लोग भाटिया बोलने लगे. दिल्ली में भाटिया लोग बहुत हैं. ऐसे में इस परिवार का नाम भाटिया परिवार हो गया.
क्या दिखा नई सीसीटीवी फुटेज में?
30 जून की सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि सुबह 6 बजे रोज की तरह भूपी ने मंदिर में दर्शन कर आने के बाद दुकान खोली. करीब 10 बजे ललित ने अपनी दुकान खोली और पूरा दिन सामान्य रहा. दिन में ललित एक मोबाइल की दुकान में रिचार्ज करवाने जाता दिखाई देता है.
30 जून की रात करीब 10 बजे घर की दो महिलाएं बाहर से स्टूल लेकर आती दिख रहीं हैं. दोनों महिलाओं के हाथ में छह स्टूल थे. ये स्टूल ही आत्महत्या के लिए इस्तेमाल किए गए थे. स्टूल के बाद हाथ बांधने और फंदा लगाने के लिए लाए गए. वायर लाए गए. सीसीटीवी में करीब 10.20 बजे ललित के भाई भूपी के बच्चे प्लाईवुड की दुकान से तार लेकर ऊपर जाते दिख रहे हैं.
10.40 बजे प्रियंका दो कजिन के साथ बाहर आती है. खाने की डिलीवरी वाला खाना देकर जाता है जिसको लेकर वो वापस अंदर चले जाते हैं. 11 बजे ललित कुत्ते को लेकर बाहर निकलता है. थोड़ी देर उसे घुमाकर वापस घर में चला जाता है. इसके बाद घर से न कोई बाहर निकलता न अंदर जाता दिखाई दिया.
डायरी में क्या लिखा था?
डायरी में खाने के लिए भी निर्देश लिखे थे. लिखा था कि पूजा वाली रात सिर्फ रोटियां ही खानी हैं. इसलिए ऑर्डर करके सिर्फ रोटियां ही मंगवाई गई थीं. ललित अपने पिता की आवाज में बोलता था तो परिवार वाले यह मानते है कि उसमें पिता की आत्मा आ गई है. जब वो बोलता था तो प्रियंका डायरी में नोट करती थी. डायरी में लिखा है- सब लोग कहे अनुसार फंदे पर लटक जाएं. सामने पानी रखें. जब पानी का रंग बदलेगा मैं प्रकट हो जाउंगा और सबको बचा लूंगा. बताया जा रहा है कि यह परिवार छह दिन से फांसी लगाने की प्रैक्टिस कर रहा था लेकिन हाथ खुले हो जाने की वजह से बच जाता था. 30 जून को ललित और उसकी पत्नी के अलावा सबके हाथ बंधे थे इसलिए ये बच नहीं सके. रसोई में अगले दिन के नाश्ते के लिए चने भिगोए हुए थे. दही भी जमा हुआ था. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि परिवार को यकीन था कि वो पूजा के बाद रोज की तरह बच जाएंगे.
डायरी में लिखा है कि पूरा परिवार एक कमरे में रहेगा. बुजुर्ग नारायणा दूसरे कमरे में रहेंगी. वो छत से फंदे पर नहीं लटक सकती हैं इसलिए अलमारी से फंदा लगाएंगी. बाकी लोग वेंटिलेशन जाल से और प्रतिभा खिड़की से लटकेगी. सभी के हाथ बंधे होंगे. आंख-मुंह पर पट्टी बंधी होगी.
प्रियंका की सगाई के बाद और अंधविश्वासी हो गया था परिवार
प्रियंका करीब 32 साली की थी. मांगलिक होने की वजह से उसकी शादी नहीं हो पा रही थी. डायरी के मुताबिक मांगलिक दोष को दूर करने के लिए परिवार पूजा-पाठ करने लगा. बताया गया कि परिवार ने उज्जैन में भी इसके लिए पूजा करवाई थी. प्रियंका की सगाई हो जाने के बाद परिवार और अंधविश्वासी हो गया था. घर से हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र की किताबें मिली हैं. साथ ही हवन में काम आने वाली चीजें भी मिली हैं.
मौत के बाद छत पर कहां से आया सामान?
घर की छत के दो फोटो सामने आए हैं. एक फोटो 1 जुलाई का है और दूसरा 4 जुलाई का है. 1 जुलाई के फोटो में छत पर कुछ सामान नहीं था लेकिन 4 जुलाई के फोटो में छत पर एक बाल्टी में कुछ कपड़े और बर्तन दिखाई दे रहे हैं. जबकि ये घर घटना के बाद से ही सील है. पुलिस ने बताया कि ये सब सामान यहां कैसे आया इसकी जांच की जाएगी.
इस पूरी घटना के बाद आस-पड़ोस में भय का माहौल है. बच्चे भूतों के भय से डरे हुए हैं. पड़ोसी कह रहे हैं कि 12 दिन पूरे होने पर हवन करवाया जाएगा. पुलिस अब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस घटना की जांच कर रही है.
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