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क्राइम

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शर्मसार होती इंसानियत जब आज का टैग मिला तो मैं समझ नहीं पाया की किस मुद्दे पर लिखा जाए. क्योंकि 'शर्मसार होती इंसानियत'  इस विषय पर लिखने के लिए मुद्दों की कमी नहीं है , उलटा इस विषय पर लिखने क

डियर काव्यांक्षी                कैसी हो प्यारी🥰 मैं कैसी हूं?आज मन अच्छा नही प्यारी अब क्यों नही है तो क्या ही बताऊं तुम्हे, और आज विषय भी ऐसा मिला शर्मसा

खरंच आम्ही वांझ आहोत* ( सिन 1    स्क्रिन प्ल्ये - मित्र गेट उघडून बंगल्यात प्रवेश  सुधाकर एका रेस्ट खुर्चीवर बसून त्यांचं लक्ष पुढील रामभाऊ च्या घराकडे असते मित्र म्हणतो )                      सिन

नौजवान क्रांतिवीर यानी 14 अगस्त 1942 , आज़ादी से ठीक पांच वर्ष पहले बेवर नगर विदेशी दासता से हो गया था आज़ाद.... मिडिल स्कूल के कक्षा 6 व 7 के छात्र  व नगर के नौजवान क्रांतिवीर ( विद्यार्थी कृष्ण कु

डियर काव्यांक्षी                  कैसी हो प्यारी, मै अच्छी ही आज का विषय मिला घरेलू हिंसा अब इस पर लोगों की मानसिकता के बारे में क्या ही कहे तुम्हे तो पता ही है एक औरत किस किस तरह इस हिंसा का शिकार ह

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कासगंज। कासगंज पुलिस ने 2 लोगों को मोबाइल फोन लूट के आरोप में गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 1 चोरी की मोटरसाइकिल अपाचे व एक लूटा हुआ मोबाइल बरामद हुआ है।दिनांक 30 जुलाई 2022 को योगेंद्र कुमार पुत्र

कहते हैं लोग ख्वाब मे मै गीत लिखा करता हूँ अपने दुश्मन को भी मै तो मीत लिखा करता हूँ बदलकर जब दिनो के फेर आते हैं मकड़ी के जाल मे भी शेर आते हैं तक़दीर तेरे दिये हर पल को मैं रीत लिखा करता हूँ दोस्तों

 दुल्हनिया एक तरफ रख दो एक तरफ रख दो माल मुंह भर भर के क्यो  दूल्हा मांगे कैसे हो वो कंगालएक हाथ में हाथ दुल्हन का दूजे हाथ दहेज 10 तोले सोना देकर अपने साथ हमारी भेजकदमों में जो रख

पहले खबर फेसबुक में दिखती है,  फिर अखबार बाज़ार में बिकती है ।सोशल मीडिया की यही अब तहजीब है,  हर अखबार का अपना टीवी इक नई तरकीब है।    शहर शहर  में फैला यह कैसा

डायरी सखि, हमारे पुरखे कह गये हैं कि जैसा कर्म करोगे वैसा फल भी भुगतोगे । मगर आधुनिकता की नकली चादर ओढ़कर लोगों ने पाप कर्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है । भगवान का अस्तित्व मानने से ही इंकार कर

डायरी सखि, अभी कल ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था । मैंने भी उसे देखा था । उसे देखकर मैं भी हतप्रभ रह गया । एक बार तो आंखों को विश्वास ही नहीं हुआ कि जो कुछ मैं देख रहा था , व

डायरी सखि, कुछ लोगों को विवाद पैदा कर विवादों में रहने में बड़ा मजा आता है । और मजे की बात यह है कि ऐसे लोग सोच समझ कर षड्यंत्र पूर्वक अपने ऐजेण्डे के अन्तर्गत हिंदू समाज के देवी देवताओं के नकारा

सुबह हो चुकी थी । राजन की आंख  खुली तो वह अपने बिस्तर पर पड़ा हुआ था । उसे बीती रात की एक एक करके सारी घटनाएं याद आ गई । कल रात एक साथ दो दो भूतों के दर्शन हुए थे उसे । दोनों एक जैसे लग रहे थे ।

राजन ने दृढ निश्चय कर लिया था कि चाहे जो कुछ हो जाये, वह उस मकान में ही रहेगा । मनुष्य जब सिर पर कफन बांध लेता है तो मौत भी सौ बार सोचती है कि वह इस आदमी का वरण करे अथवा नहीं ? दृढ संकल्प वाले व्यक्ति

एक विशेष प्रकार की आवाज सुनकर राजन की नींद खुल गई । आवाज ऐसी आ रही थी जैसे कोई सांप रेंग रहा है । उसने धीरे से अपनी आंखें खोली मगर उसे कुछ दिखाई नहीं दिया । उसे लगा कि उसने डर के मारे आंखें खोली ही नह

29 जून 2022    मंगलवार  समय 11:30 रात  मेरी प्यारी सहेली,             आज बहुत दिनों बाद तुमसे फिर मिलने का समय निकाल पाई। कई बार स

"सुंदर का ढाबा" जयपुर में एक जानी पहचानी जगह बन गई थी । यहां का खाना बड़ा स्वादिष्ट होता है । एक ब्रांड बन गया था "सुंदर का ढाबा" । सुंदर ने गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया था । "बढिया भोजन और मीठा व

             अनुक्रमनिका 1.महिलाओं संबंधित कानून2.घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा 🔴 कोई पुरुष महिला को चोट क्यों पहुंचता है ?🔴 महिलाओं के साथ हिंसा के कारण🔴 ह

यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है । पात्रों के नाम बदल दिए गए हैं ।  20 सितंबर 2015 को रात के 8.45 हो रहे थे । शर्मा दंपत्ति खाना खाकर अपने घर की छत पर टहल रहे थे । अचानक गोलियां चलने की आवाजें सुन

गणेश शंकर विद्यार्थी अपने समय के जाने-माने पत्रकार थे। वह राष्ट्रीय एकता और आम आदमी के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे। उन दिनों उनके नगर कानपुर में कुछ शरारती तत्व शहर का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने पर लगे

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