वज़्न - 212---212---212
अर्कान - फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
बहर - बहरे-मुतदारिक मुसद्दस सालिम
सांकेतिक गाना- आज जाने की ज़िद ना करो
प्यार पाने की रट ना करो
जीत
जाने का जिद ना करो
देख
लो हार दिल आपना
दिल
लगाने की हद ना करो।।
ये
विलाशक अजब चीज है
पास
आने का पद ना करो।।
हो
गयी गर किसी को कभी
दूर
जाने का नद ना करो।।
आजमा
ले इसे बावला
छोड़
जाने का मद ना करो।।
दौलतें
हैं यही जिंदगी की
लूट
लेने की छद ना करो।।
गौतम
चाह रखना मगर
राह
खोने का कद ना करो।।
महातम मिश्र,
गौतम
गोरखपुरी