9 सितम्बर 2015
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मै महातम मिश्रा, गोरखपुर का रहने वाला हूँ, हाल अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ |D
सादर धन्यवाद आदरणीय अवधेश सिंह जी
10 सितम्बर 2015
सादर धन्यवाद आदरणीय ओमप्रकाश शर्मा जी
10 सितम्बर 2015
सादर धन्यवाद आदरणीय विजय कुमार शरमा जी
10 सितम्बर 2015
बहुत सुन्दर दोहे !
10 सितम्बर 2015
अतिउत्तम दोहा मिश्र जी
9 सितम्बर 2015
नहि पराग कण पाखुडी, कलियन मह नहि वास कब वसंत आयो गयो,***चित न चढें मधुमास ||१ अति सुन्दर प्रस्तुति.....अभिनन्दन मिश्रा जी
9 सितम्बर 2015