01 मार्च , 2016 ____
मंगलवार, शीर्षक मुक्तक आयोजन
प्रदत शीर्षक, मुद्रा/रुपैया /रुपया आदि
“शीर्षक मुक्तक”
हे यदुनंदन अब तो आओ, जग की नैया पार लगाओ
विवश हुआ है जीवन जीना, एक बार तो चक्र चलाओ।
रुपया पैसा जग जीवन में, हे प्रभु बहुत महान हुआ
आके देखों अपनी द्वारिका, गोकुल मथुरा पार लगाओ॥
महातम मिश्र