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हर घर तिरंगा

hindi articles, stories and books related to Har ghar tiranga


कोई जो हर दम पूछता है,बता क्या है तेरे लिए तिरंगा,अब उस पगली को क्या कहूं,है मेरी आन,बान,शान तिरंगा।कहता है एक फौजी वतन से,तिरंगा रहा है सदा रब उसका,ईमान से ना कभी गिरने देता,है तिरंगा उसकी धड़कन सदा।

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स्वतंत्रता दिवस को मिलकर भाईचारा अपनाओ।आजादी के इस अमृत महोत्सव को सब मनाओ।।गंगा यमुना के इस तहज़ीब को सभी धर्म अपनाओ।सभी धर्म के लोग यहां अब राष्ट्र धर्म को अपनाओ।।आजादी के इस अमृत काल को अब तुम सब ज

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आज जो आजादी का अमृत महोत्सव माना रहे है।ये आजादी हमने बड़ी मुश्किल से पाई है ।बन्दी बने कितने सेनानी , कितनों ने शहादत पाई।खुली हवा में ले रहे सास ये उसका ही परिणामसारे जहा से अच्छा ,सुंदर ,प्यारा मेर

हमारे देश की शान ,भारतीयों की पहचान , रहेगी जब तक धरती - अंबर में जान , तब तक तिरंगे का होगा जयजयकार ।तिरंगे की आन , बान , शान के , लिए हम देते रहेंगे बलिदान , मर कर भी कर जाए

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हर घर लहराये तिरँगा,मेरा मन भी डोला जाये।कुर्बान हो गए वीर जो इस पर,आज याद बहुत वो आये।।आज उन्हीं कुर्बानी की दम पर,हम स्वतन्त्र कहलाये।शान से खड़ा तिरँगा हमारा,लहर लहर लहराये।।देखो इन्हीं तीन रँगों मे

दिलरुबा डायरी,,हर घर तिरंगा 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 दिनांक -14/8/2022 दिन -रविवार विजई विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा, शान न इसकी जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए,,,,, हां दिलरुबा मुझ

भाईयों और बहनों ।जैसा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ आ रही है तो मै चाहता हूं भारत के हर घर मे तिरंगा लहराना चाहिए।"भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण टीवी पर आ रहा था ।चमेली और उसका पति दिहाड़ी म

*इस संसार में जन्म लेने के बाद स्वतंत्र रहने का अधिकार प्रत्येक जीव मात्र को है ! परिस्थिति वश मनुष्य पराधीन हो जाता है ! पराधीनता का दुख वही समझ सकता है जिसने यह कष्ट झेला है ! बाबा जी ने मानस में लि

आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इस वर्ष "आजादी का अमृत महोत्सव" मनाया जा रहा है, इसीलिए प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से अनुरोध किया है कि इस वर्ष राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को भरपूर सम्मान देना

अमृत महोत्सव कैसा होगा,कैसी होगी आजादी।हीन मानसिकता जो ले बैठे,हीन चरित्र के आदी।।तोड रहे प्रकृति की विधि,मानव संग में दुर्व्यवहार करें।क्यों स्वहित में दरिंदों,मानव का संहार करें।।जाति व्यवस्था खत्म

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14/8/2022प्रिय डायरी,                  आज शब्द.इन का शीर्षक है  हर घर तिरंगाआजादी के इस अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ते हम देशवासी

हर घर तिरंगा लहराया      आजादी का दौर फिर से आया     इस जश्न ने सबको फिर एक साथ     मिलवाया आजादी का दौर फिर      से आया हर वीर ने अपने खून&

वो अकेला तिरंगा नहीं, है जिंदगी की पहचान,जब आकाश को चूमने जाती तिरंगे की शान।

हर घर तिरंगा आजादी के अमृत महोत्सव पऱ  "हर घर तिरंगा"  पऱ सभी भारतवासी का उत्साह अपने चरम पऱ हैं। जीवन में हर एक पल में हमें आजादी चाहिए होती हैं क्योंकि हर पल हम एक नए गुलामी से युद्ध कर रहे होते है

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भारत का अभिमान तिरंगा।जन जन का है मान तिरंगा।।गांव गांव और शहर शहर।चहुंओर फहराए तिरंगा।।आजादी का यह अमृत काल।पूर्ण हो  रहा  पचत्तहर साल।।घर घर की है शान तिरंगा।हम सब का है मान तिरंगा।।धरती अ

डायरी दिनांक १४/०८/२०२२ सुबह के आठ बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं । कल मुझे एक सर्वे के कार्य से बहुत दूर जाना पड़ा । यूएसओ ओर्गनाइजेनश और भारत सरकार द्वारा प्राप्त आदेश को पूरा करने के लिये कम

हर घर तिरंगा फहराना हैहर घर तिरंगा लहराना हैचाहे कोई भी हो धर्म भाषाबनी रहे भाईचारे की आशाहम सब एक हैंयह जग में फैलाना हैघर-घर तिरंगा फहराना हैयह भारत की शान हैयह भारत का अभिमान हैतीन रंगों में बसा हि

डियर काव्यांक्षी                    सुप्रभात प्यारी 🥰 अभी अभी नीं द खुल गई अब रोज के समय जग ही जाते है नीं द  को कहा याद रहता है आज sunday है जर

कितना प्यारा हिंदुस्तान हमारावंदे मातरम गूंजे वसुधा पर घाटी से लेकर सागर तकपूर्वोत्तर से  लेकर पश्चिम तक चारो ओर लहराए  तिरंगा प्यारातन मन धन जिस पर कुर्बान वो प्यारा हिंदुस्त

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