भाग 37
यहां सब शैतान को पकड़ने के लिए दुनिया भर का उपाय कर रहे हैं और शैतान दूसरी गांव की ओर रुख करता है ,अब उसने रिपोर्टर का शरीर पकड़ लिया था , वह खेतो के बाहर निकलता है ,तो एक युवक उसे देख पूछता है ,*" क्यों भाई खेत मे कौन सी रिपोर्टिंग कर रहे थे ,गन्ना कैसे उगता है यह देखने गए थे ,*"!!!!
शैतान उसे देखता है और चारो ओर देखता है तो कोई नजर नही आता है ,तो वह इस से कहता है *" अंदर मस्त वाली लौंडिया है ,उसी से मिलकर आ रहा हूं ,तुम भी चाहो तो मिल लो , *"!!!
वह युवक कहता है ,*" सच कह रहे हो या हमारी खिंचाई कर रहे हो , *"!!!
रिपोर्टर कहता है *" तुम्हारी मर्जी , मैं तो मस्त हो गया ,मजा आ गया , आओ तुम्हें दिखाता हूं ,*"!!!
वह फिर से उस खेत में जाता हैं ,तो वह युवक भी उसके पीछे हो लेता है ,थोड़ा अंदर जाने पे सामने एक जवान लड़की पड़ी दिखती है ,तो लड़का चौक उठता है ,
वह उसके करीब जाकर देखता है तो वह मारी हुई दिखाई पड़ती हैं ,!!
वह पलट कर देखता है ,तो सामने शैतान अपने असली रूप में खड़ा दिखता है, वह डर के मारे जोर से चीख पड़ता है ,उसकी चीख रात के अंधेरे में गूंज उठती है , शैतान उसकी गर्दन को दबोच लेता है ,और उसका रक्त पान करता है , वह युवक छटपटाता रह जाता है और उसका शरीर शव बन जाता है ,*"!!
चीख सुन कर सभी लोग खेत की ओर भागते हैं , युवक बाहर निकलता है ,सभी उस से पूछते हैं की कौन चीख यहां पर तो वह घबरा कर कहता है ,*" अंदर दो लोगो की लाशे हैं ,*"!!!
और वह घबरा कर भागता है ,थोड़ी दूर जाने के बाद वह पलट कर देखता है ,तो सभी लोग खेत में घुस रहे थे तो वह मुस्कुराता है, और आगे बढ़ जाता है, *"!!!
सभी लोग खेत में जाते हैं तो अंदर उन्हे मीना और रिपोर्टर की लाश मिलती है ,सभी एकदम से क्रोधित हो जाते हैं , वह उस युवक जीवन से पूछने के लिए आवाज लगाते हैं तो एक कहता है *" वो ससुरा डर के भाग गया, *"!!!
केवल नाथ ठाकुर साहब कि लाश को गंगा जल से नहलाते हैं ,उसके पश्चात उस पर सरसो के तेल को मलते हैं , और फिर उस पर हल्दी और सिंदूर डालते हैं, और फिर उसके ऊपर राय के दाने बिखेरते हैं , यह सब ठाकुर साहब के शव पर होता देख सीता देवी को अच्छा नही लगता है तो वह रोती हुई गेस्ट हाउस के अंदर जाती हैं, ज्योति भी मां के साथ जाती है,!!!
केवल नाथ और पागल तांत्रिक मंत्रोच्चार करते हुए सारी क्रियाएं कर रहे थे ,नरेंद्र जी भी माला जपने में लगे हुए थे , मंत्रोच्चार करते करते केवल नाथ जी एक मुर्गा पकड़ कर उसकी गर्दन को लाश के ऊपर काटते हैं और उसका खून लाश पर गिरते हैं ,*"!!!
शैतान दूसरे गांव की ओर बढ़ रहा था तो उसके पैर वहीं रुक जाते हैं ,वह बहुत कोशिश करता है फिर भी उसके पैर आगे नहीं बढ़ते हैं ,बल्कि उसके पैर अपने आप पीछे की ओर मुड़ जाते हैं, वह जोर से चिंघाड़ता है , उसकी चिंघाड़ दूर तक सुनाई पड़ती है। ,रात में वैसे भी हल्की आवाज भी दूर तक सुनाई पड़ती हैं , !!!
उसकी आवाज़ सुन गश्त लगा रहे वीर सिंह होशियार हो जाते हैं ,वह सभी से सतर्क रहने के लिए कहते हैं , और आवाज वाले दिशा की ओर अपनी टुकड़ी लेकर जाते हैं ,वह सभी को आगाह करते हैं और कहते हैं,*" हमे सिर्फ उसे देखना है कि वह कहां पर है और वह कहा जा रहा है , ये खबर गुरु जी को देना है ,हम उसके करीब नही जायेंगे ,*"!!!!!
एस पी साहब और सर्वेश भी ये चिंघाड़ सुनते हैं वह भी सभी को सतर्क रहने को कहते हैं *"!!!
एस पी साहब ने उनके साथ हवेली में हुए घटना को सर्वेश को भी बता चुके थे ,सर्वेश कहता है *"अच्छा हुआ गुरु जी पहले ही आ गए थे जिस कारण हम सब बच गए थे,*"!!!!
बाकी पुलिस अधिकारी सभी जा चुके थे उनका कहना था की आज यदि इन लोगो से कुछ नही हुआ तो वो लोग फोर्स की मदद लेंगे इस भयानक दुर्दांत ग्रुप को पकड़ने के लिए, *"!!!
केवल नाथ नरेंद्र से कहते है ,*" महोदय देखिए तीर निशाने पर लगा है ,उसकी हालत खराब हो गई है ,अब वह और कहीं नहीं जा पाएगा , अब उसे यही आना होगा बस हमे अब मौका नही चूकना है,ये मौका चुके तो यह हमारे हाथ फिर कभी नहीं आएगा ,*"!!!!!
वीर सिंह तेज़ी से वहां पहुंचता है जहां से आवाज आई थी तो वह देखता है , एक गांव का ही युवक खेते को बीच बनी पगडंडी पर खड़ा है और वह आगे जाने की कोशिश कर रहा है पर वह आगे बढ़ नही पा रहा था, और वही चिंघाड़ भी रहा था ,*"!!!
वह दूर ही गाड़ी रोकते हैं ,*"!!!
क्रमशः