भाग 7
दरोगा वीर सिंह बड़ी बारीकी से पूरे जगह को देखता है , उसे एक कदम वहा से थोड़ा आगे जाते दिखाई देते हैं ,वह देखता है कुछ कुछ बूंदे खून की रास्ते में भी था, वह डॉग स्क्वायड को भी कॉल करता है, थोड़ी देर में सभी आ जाते हैं , फोरेंसिक वाले ब्लड सैंपल और कुछ स्कीन के टुकड़े भी उठाते है , जहा जहां ब्लड गिरे थे वह सैंपल भी उठाते हैं , डॉग स्क्वायड वाले कुत्ते को जग सुंघाते है और उन्हे देखते हैं कुत्ता कुछ देर तो सूंघता है फिर वही भौंकने लगता है और वह गोल गोल घुमाने लगा फिर चुपके से जाकर गाड़ी में बैठ गया,सभी भौचक्के रह जाते हैं ,पहली बार ऐसा हुआ था कि एक्सपर्ट डॉग कोई रेस्पॉन्स नही दे रहा था, दुबारा उसे लाने कि कोशिश करते है तो वह आने के लिए ही तैयार नहीं था, उसे अहसास हो गया था कि वह मौत है जिसने ये कांड किया है ,जानवर अधिक सेंसटिव होते हैं , वीर सिंह को बड़ा अजीब लगता है , डॉग का नाम टाइगर था ,वह डॉबरमैन था , एक बार वह पुलिस टीम के साथ एक टाइगर से भिड़ गया था तब से लोग उसे टाइगर बुलाने लगे ,उसने उस दिन दो पुलिस वालो की टाइगर से जान बचाई थी ,टाइगर वीर सिंह के लिए कई बार काम कर चुका था ,वीर सिंह हमेशा उसे कुछ ना कुछ खिलाते हैं ,तो वह उसे अपनी बिस्किट खाने को देते हैं और प्यार से कहते हैं " टाइगर प्लीज हेल्प , देख दो दो लोगो को बड़ी बेरहमी से मारा गया है , तु तो हेल्प कर चल मैं तेरे साथ हुं तुझे कुछ नही होगा, "!! टाइगर उसका मुंह सूंघता है , और फिर नीचे उतर कर एक बार फिर से सूंघता है और गांव की तरफ जाता है सभी उसके पीछे भागते हैं , वह गांव के कई चक्कर लगा कर फिर नहर की ओर जाता है और वहां जोर जोर से भौंकने लगता है, वीर सिंह कहते हैं ," हुं इसका मतलब कातिल ने यहां आकर नहाया होगा तभी उसकी गंध नही पा रहा है , जो भी हो कातिल यही कहीं आस पास ही है, एक सिपाही कहता है" साहब जानवर लोग भी मांस खाने के बाद नहर में पानी पीने आते हैं , "!! वीर सिंह उसे ध्यान से देख कर कहते हैं, " सही कहा साहब आपने पर जानवर लाशे घसीट कर ले जाते हैं, और यहां तो कुछ दूर घसीटने के बाद उठाकर ले गए हैं"!! , सभी इस बात को मानते हैं , वीर कहता है " यहां पर उसने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और फिर दोनो को जान से मारा फिर यह से उठाकर एक किलोमीटर दूर ले जाकर फेंका ,यह किसी एक आदमी का काम तो हो नही सकता ,हैं कोई भूत प्रेत कर सकता है पर भूत प्रेत को लाश फेकने कि जरूरत क्या है वह कौनसे पकड़े जाने थे, "!! वह भूतो वाली बात इसलिए करता है की कई गांव वाले सुगबुगाहट करने लगे थे, गांव वाले भी उसकी बात से सहमत होते हैं वीर सिंह पूरी टीम लेकर जाता है, "! ,
पूरे गांव में इसी मर्डर कि चर्चा हो रही थी , ठाकुर साहब को जबरन उठाया गया था , उन्ही के सामने कचरू आकर दोहरे मर्डर के बारे में बताता है वह तो कुछ अधिक ही बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था उसने तो कह दिया कि दरोगा कह रहा था कम से कम पांच लोग रहे होंगे , बापरे बाप क्या भयानक हालत कर दिया था उनकी लाश का , आप तो देख नही सकती है , ठाकुर साहब कचरू को गुस्से से देखने लगते हैं , सीता देवी कहती हैं, " चुप रह ,जब से आया है बस लाश लाश कि बात ही कर रहा है, तुझे बहुत मजा आता है , इन सब में, "!? तभी कचरू सीता जी के कान में धीरे से कहता है, " मालकिन वो पागल तांत्रिक बाबा तो मालिक पर इल्जाम लगा रहा है वह तो सिधे सिधे मालिक का नाम ले रहा है ,गांव वालो ने मारा भी तब भी वह यही चिल्ला रहा है ,,"!! सीता आश्चर्य से उसे देखती है और धीरे से कहती हैं" हे भगवान वो तो पागल है , वह तो किसी को कुछ भी बोलने लगता है ,उसकी बातो पर ध्यान नहीं देते हैं, "!! वह तो अपने हिसाब से बहुत ही धीरे बोल रहे थे पर शैतान के सुनने कि शक्ति बहुत ही तेज़ थी ,वह अपने कान पहले से ही उनके पास लगा रखा था ,उसे उस तांत्रिक पर बहुत गुस्सा आ रहा था,उसी समय बाहर से सीता देवी के गुरुदेव अनंत महाराज जी कि आवाज आती है ," अलख निरंजन , जो दे उसका भी भला जो न दे उसका भी भला हो , "!! उसकी आवाज सुन ठाकुर साहब की त्योरी चढ़ जाती हैं वह कहते हैं" इन्हे किसने बुलाया ,तुम सब क्या चाहते हो , यहां ये तांत्रिक वांतरिक नही आने चाहिए, "!! सीता देवी चौक कर ठाकुर साहब को देखती है और कहती हैं," अरे आप को आज इतना बुरा क्यों लग रहा है , आप ही ने इन्हे अपना गुरु बनाया था और आप ही मना ही कर रहे है,"!!!
क्रमशः