भाग 27
ठाकुर साहब के रूप में शैतान उस गांव को छोड़ पड़ोस के गांव कि ओर खेतो के रास्ते जाता है ताकि किसी की नजर न पड़े ,वह पड़ोस के गांव में घुसता है,!!
इधर वीर सिंह सभी को अलर्ट करने में लगे हैं वह सभी से पूछते हैं कि ठाकुर साहब कही दिखाई दिए , सभी कहता है की अभी तक नही वीर सिंह का माथा ठनका वह गुरु जी से कहते हैं *" गुरु जी वह कहां गायब हो गया ,किसी को दिखाई नही पड़ रहा है,*"!
केवल नाथ ध्यान लगाते हैं , तो उन्हें वह दक्षिण कि ओर जाते दिखाई पड़ता है ,वह वीर सिंह से कहते हैं *" वह दक्षिण की ओर गया है , हे भगवान कहीं वह दूसरे गांव की ओर ना चला गया हो ,*"!!
ठाकुर साहब दूसरे गांव के अंदर घुसते हैं ,पहरा वहां भी है पर उनके गांव कि तरह नही है, इस गांव की ओर तो वह पहले आया नही था, ,वह खेतो के अंदर से निकल रहा होता है की खेतों में बने एक झोपड़े से किसी लड़की के सिसकने की आवाज आती है ,शैतान चौक कर उस ओर देखता है , तो उसे झोपड़े में एक जोड़ा अपनी मस्ती में लीन दिखाई देते हैं ,वह झोपड़े की ओर बढ़ता है, *"!!!
वीर सिंह अपने सिपाहियों के साथ बाहर दूसरे गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर खड़े सिपाही से पूछता है कि*" उसने ठाकुर साहब को जाते देखा है क्या, *"!?
सिपाही नकारता है , तो वीर सिंह सोच में पड़ जाता है, तभी एक कुत्ता खेतो के बीच में घुसता है तो वीर सिंह का ध्यान उस और जाता है , और वह देखता है कि खेती के अंदर से अगर कोई जाता है तो वह सिपाही के नजर में नही आयेगा , वह गाड़ी मांगता है ,और दूसरे गांव के गस्ती दल को खबर करता है कि हर आने जाने वाले पर नजर रखे विशेष कर ठाकुर साहब पर ,खेतो में भी देखो,"!
इधर खेत में झोपड़े के अंदर शैतान झाकता है तो उसमे एक जवान लड़का एक लड़की के साथ प्यार का जाम पी रहा था,लड़की और लड़के की स्थिति देख शैतान एकदम से विकल हो उठता है वह झोपड़े में घुस जाता है, उसको देख तो लड़की डर कर बेहोश हो जाती है ,क्योंकि वह अपने असली रूप में घुसा था ठाकुर साहब का शरीर वह बाहर छोड़ आया था,लड़का भी घबराकर नंगे बदन ही कपने लगता है वह लड़के को एक जोरदार पंजा मारता है तो वह भी एक ही फटके में बेहोश हो जाता है ,!!
शैतान कांड कर चुका था ,वह लड़की का खून पीकर डकार लेता है ,और मुस्कराया फिर कहता है *" केवल नाथ अब तू नही बचेगा , मैं अब तेरा और तेरे उस पागल का भी रक्त पान करूंगा , *"!!
शैतान वहा से वापस खेतो के रास्ते जाने लगता है तो उसे खेतो में लाइट मारते पुलिस वाले दिखाई दे जाते हैं, वह लोग शायद उसे ही खोज रहे थे ,वह वहा से पीछे हो नहर की तरफ जाता है ,खेत से एक बड़ा सा नाला नहर कि ओर गया था,तो वह उस नाले में लेट कर चलता है और नहर में उतर जाता है ,और पानी में घुसकर एकदम नीचे से तैरता हुआ गांव की ओर जाता है , उड़ा मुखिया और लड़के वीर सिंह के कहने ,पर पूरे गांव को रोशनी से जगमग कर देते हैं ताकि कोई वहां से निकले तो तुरंत पकड़ में आ जाएं, *"!!
उधर दूसरे गांव में वीर सिंह पहुंचता है ,उन्हे अभी तक कोई नही दिखाई पड़ा था ,तभी एक खेत के अंदर से भेड़ियों के आवाज़ आती है तो वह चौक उठता है ,और सिपाहियों को लेकर वह खेत में घुसता है ,तो खेत के बीच बना झोपड़ा दिखाई देता है ,जो अक्सर किशन धूप और शीत से बचने के लिए छोटा सा बनाते हैं , ताकि फसल की रखवाली कर सके ,आज रखवाली की बारी उस लड़के की थी और उसने अपनी प्रेमिका को बुला लिया और दोनो ही अपने प्रेम लीला में मगन हो गए थे ,जिस वजह से लड़की के मुंह से जोर की सिसकारी निकली थी, और शैतान को उनका पता चल गया था ,नही तो शैतान तो गांव में जाने वाला था, भेड़ियों झोपड़ी के अंदर बाहर खड़े थे तो वीर सिंह डंडों से मारने जाता है तो वह आटैकिंग मूड में आ जाते हैं तो एक सिपाही उनपर गोली चलता है और दूसरा डंडे से एक दो को जोरदार तरीके से मारता है,*!!
वह सब झोपड़े में जाते हैं तो उनकी आंखे फटी कि फटी रह जाती हैं, सामने दो लाशे अध खाई हुई नग्न अवस्था में पड़ी थी ,उनके शरीर में जरा भी खून नहीं था , यह देख वीर सिंह को बहुत ही गुस्सा आता है,वह गुस्से में दो तीन भेड़ियों को दौड़ा कर गोली मारता है ,*"!!
शैतान नहर से बाहर निकलने लगता है ,तो देखता हैं पूरे गांव में रोशनी कि चमकार भरी पड़ी थी ,है कोने में बड़ी बड़ी लाइट्स लगी थी,,*"!!!
क्रमशः