भाग 3
रिपोर्टर के बार बार जिद्द करने पर सर्वेश उसे लेकर घर कि तरफ बढ़ता है, और वह जैसे ही घर के दरवाजे के पास पहुंचते हैं, ठाकुर साहब खुद बाहर आते दिखाई पड़ते हैं, शैतान को पूरे 24 घंटे में एक बार रक्तपान करना होता है तभी उसके अंदर की शक्तियां कार्यरत रहती हैं,और फिलहाल उसे थोडा सा रक्त मिल गया था, उन्हे किसी का भी रक्त मिल जाए चलता है पर मनुष्य रक्तपान से तो उनमें डबल शक्ति का प्रसार होता है, ठाकुर साहब कि आंखे एक दम लाल लाल थी जैसे उसमे से रक्त अभी टपक पड़ेगा , रिपोर्टर उनके मुंह के पास माइक लगाकर पूछता है ," ठाकुर साहब अच्छा हो गया आप उठ गए , क्या आप बताएंगे कि आपको मरने के बाद कैसा लगा , और अब आप फिर से जिंदा हो गए तो कैसा लग रहा है, ,"!! ऐसा लग रहा था जैसे माइक वह मुंह में घुसा देगा, ठाकुर साहब उसे एक जोरदार थप्पड़ मारते हैं तो वह 10 फिट दूर जा गिरता है, सभी चौक उठते हैं ,क्योंकि ठाकुर साहब जल्दी गुस्सा नही होते थे ,और गुस्सा हो गए तो उनको शांत करना मुश्किल होता था , वह रिपोर्टर नीचे गिरने के बाद उठने की कोशिश करता है ,उसका कैमरा मैन तो भाग गया, ठाकुर साहब उसके पास जाकर उसका कॉलर पकड़ कर उठते हुए पूछते हैं, " अब बोलो मार खाते हुए कैसा लगा, और अब कैसा लग रहा है, बोल ,रिपोर्टर तो दर के मारे बेहोश हो जाता है, उस बेचारे को क्या पता था कि वह मार किसकी खाया है , ठाकुर साहब तो खुद भी तगड़ी डील डौल वाले थे और उस पर शैतान का मारना अच्छे अच्छे बर्दाश्त नहीं कर सकते थे यह तो एक रिपोर्टर था जो सिर्फ बोलना जनता है, उसे बेहोश देख ठाकुर साहब उसे छोड़ते हैं ,तो वह जमीन पर ढेर हो जाता है,सर्वेश आकर उस रिर्पोटर को घसीट कर उसकी गाड़ी की तरफ ले जाता है ,तब तक उसका कैमरा मैन भाग कर आता है और उसे उठाकर ले जाता है, ठाकुर साहब के अंदर का शैतान एकदम से विचलित हो रहा था , इतने सारे लोगो को देख उसे अब मानव रक्त कि प्यास लग रही थीं,पर वह एक दिन में सब खेल खत्म नहीं करना चाह रहा था , अब तो अंधेरा भी होने लगा था ,सभी धीरे धीरे अपने अपने घर जाते हैं, अब कुछ घर के और आस पड़ोस के लोग रह जाते हैं, ठाकुर साहब को बहुत बैचेनी हो रही थी , सबके लिए चाय बनाती है, सभी चाय पीते हैं पर ठाकुर साहब पीने से इंकार करते हैं तो सब फिर चौक उठते हैं, क्योंकि ठाकुर साहब चाय बहुत पीते थे,वह कहीं जा रहे हो और किसी ने कह दिया कि चाय पी लीजिए तो वह रुककर चाय पीकर ही जाते थे , कई बार तो वह काम भी एक तरफ रह जाता था चाय के चक्कर में , और रात को तीन पैग शराब की पीते थे, तो घरवालो ने गांव के लोगो को उनसे चाय के लिए बोलना ही माना करवा दिया था, वही ठाकुर साहब चाय के लिए मना कर रहे थे, ठाकुर साहब के पुनः जीवित होने के बाद लोग उनमें कई बदलाव देख रहे थे ,जाए चाय के लिए मना करना, हमेशा हर बात पर खुल कर ठहाके लगाकर हंसने वाले ठाकुर साहब शांत हो गए थे, उनकी आवाज तो पहले भी बुलंद थी पर अब उसमे घरघराहट आ गई थी, और हर किसी को देख नाम से बुलाने वाले ठाकुर साहब ऐसे लग रहा था जैसे किसी को पहचान ही नही रहे थे, लोग सोचते हैं कि शायद दुबारा जीवित होने की वजह से कुछ बदलाव हो गए हों पर ठाकुर साहब जीवित है बस सब इसी बात पर खुश बाकी बदलाव तो फिर से ठीक हो सकता है, पर किसी को ये अंदाजा नही हुआ कि ये ठाकुर साहब नही एक शैतान हैं चलता फिरता जिंदा लाश थे, उस बेचारे तांत्रिक ने पहचान लिया तो लोगो ने उसे पीट पीट कर भागा दिया, "!
सीता कुछ सामान खोज रही थी तो अपनी बिल्ली किटी को एक कोने में छुप कर बैठे देखा तो उन्हे आश्चर्य होता है ,कहां वह दिन भर ठाकुर साहब के आस पास ही रहती थी, और आज वह डर के मारे छुपी बैठी थी ,यही हाल उन्होंने भोलू का भी देखा ,वह दोनो सीता से तो आकर चिपक गए सीता उनसे कहती जाओ बाहर जाकर घूम के आओ जय पापा बाहर बैठे है, पर कोई नही हिला, "!!
अंधेरा हो चुका था अब सभी चले गए थे, ठाकुर साहब का मन बैचेन हो उठता है और वह उठकर बाहर घूमने निकलते हैं, वह अभी गांव से बाहर कदम ही रखे थे कि फिर से वह तांत्रिक आ जाता हैं और उन्हे भागने लगता है और कहता है," भाग यहां से शैतान , तु यहां क्या करने आया है में सब समझता हूं , छोड़ दे इस पुण्यात्मा का शरीर ये गांव के लोग भोले भाले है, में सुबह से तेरे लिए मंत्र तैयार कर रहा हुं ,पर अभी तक सफलता नहीं मिली, मैं तुझे जला कर खाक कर दूंगा, "!! शैतान की आंखे क्रोध से लाल होने लगती है ,वह गुस्से में तांत्रिक की तरफ बढ़ता है और कहता है," तूने मुझे पहचान कर अपनी मौत को दावत दी है ,आज मैं तेरे खून से ही अपनी प्यास बुझाऊंगा ,वह उसे पकड़ने वाला ही होता है तभी एक दो गांव वाले आ जाते है और उन्हे देख कहते हैं ," ठाकुर साहब ,घूमने निकले हैं और ये पागल फिर से आपको प्रश्न कर रहा है क्या ,"!! तांत्रिक कहता है ," पागल मैं नही तुम लोग हो ,जो इस शैतान को गांव में ले गए ,देखना एक दिन पूरा गांव वीराना हो जायेगा, गांव वाले ठाकुर साहब से कहते हैं " ठाकुर साहब आप जाइए यह तो पागल ही है ,"!! ठाकुर साहब उसे गुस्से से देख दूसरी तरफ गांव के बाहर जाते हैं , गांव के लोग में से एक उस तांत्रिक से कहते हैं ," क्या बाबा ,जो आदमी तुम्हे खाना खिलाता रहा ,तुम्हे इस गांव में शरण दिया तुम उसी को शैतान कह रहे हो ,लगता है शमशान का मसान तुम्हारे अंदर आ गया है क्या, ! जा भाग यहां से नही तो बहुत मार खाओगे , "? वह तांत्रिक चिल्लाते हुऐ जाता है ," तुम सब के सब पागल हो गए हो ,ठाकुर साहब तो मार गए हैं ,उनके शरीर में शैतान का वास है ,"!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए"!!