शैतान नहर से बाहर सर निकाल कर देखता है, तो उसे चारो ओर लाइट्स ही लाइट्स दिखाई देता है तो उसकी आंखे चुधिया जाती है , वह एक बार फिर से पानी में डुबकी मारता है क्योंकि कुछ लोग नहर में भी टॉर्च मारकर देख रहे थे ,वह थोड़ी देर अंदर रहता है फिर अंदर ही अंदर थोड़ा आगे बढ़ता है, उसे तो पानी के अंदर तैरने में कोई प्रोब्लम तो थी नहीं ,वह आराम से थोड़ा आगे निकल जाता है, *"!!
इधर वीर सिंह क्रोध से पागल सा हो जाता है ,सभी को वायरलेस पर खबर भेजता है कि वह लोग अलर्ट रहे ,और ठाकुर साहब को देखते ही गोलियों से छलनी कर दे,*"!!
एस पी साहब पुलिस स्टेशन में सोचनीय मुद्रा में बैठे है ,अपनी जिंदगी में पहली बार वह इतनी इंसल्ट फील कर रहे हैं थे,और उन्हे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने सीनियर को कैसे समझाए की यहां पर नॉर्मल अपराधी नहीं है ,यह एक शैतान है ,जो ठाकुर साहब कि लाश में घुसा हुआ ये सब कांड कर रहा था,उन्होंने पहली बार अपनी आंखो से शैतान देखा था ,वैसे इंसानी शैतान तो बहुत देखे थे ,पर असली शैतान कैसा होता है ,उन्हे अब एहसास हुआ था ,अब तक वो वीर सिंह को उल्टा सीधा सुनाते रहे थे ,पर अब वह खुद क्या बताएं यही सोच रहे थे ,उसी समय वीर सिंह का फ़ोन आता है और वह बताता है की शैतान ने कांड कर दिया है ,तो एस पी भड़क उठते हैं और कहते हैं*" में भी आ रहा हूं ,देखते हैं की वह कितना बड़ा शैतान है ,*"!!
वीर सिंह कहते हैं *" साहब आप आयेंगे*"? एस पी साहब कहते हैं *" पहली बार एकदम से देखा तो इंसान हूं थोड़ा अधिक ही डर गया था पर अब मैं नॉर्मल हूं ,अब नही डरूंगा मैं आ रहा हूं तुम उस तरफ देखो मैं ठाकुर साहब का गांव समहालता हूं, !! वह तुरंत निकलते हैं,!!
शैतान थोड़ा आगे मतलब करीब दो किलोमीटर दूर बाहर सर निकालता है तो वहां थोड़ा कम पहरा था , वह दबे पांव बाहर निकलता है , तो वहां उसे आस पास कोई दिखाई नही देता है तो वह खुश हो जाता हैं ,वह दूसरी तरफ जाता है ,!!
केवल नाथ बहुत परेशान होता है , अब वो कर भी क्या सकते थे ,उन्होंने तो बाहर निकलने वाले रास्तों को रोका था , पर वह तो बहुत तेज निकला ,अब उसका पकड़ा जाना बहुत जरूरी था , वैसे भी अब तो सभी को पता चल गया था कि ठाकुर साहब जिंदा नही हैं उनकी लाश में शैतान घुसा हुआ है ,कई लोग तो उनकी कोठी के चारो ओर हथियारों के साथ फैल गए थे की उसके आते ही सब उस पर हमला कर देंगे,!!
केवल नाथ उन्हे समझने का प्रयास करते हैं कि वह साधारण आदमी नही जिसे तलवार और गोलियों से मार दोगे ,उसे इन सब हथियारों से नही बल्कि मंत्र शक्ति से ही मारना होगा पर लोग कहते हैं 2 दिन से तो आप मंत्र पढ़ रहे हैं क्या फर्क पड़ गया, वह लोग कुछ नही मानते हैं ,तभी एस पी साहब वहां आते है ,वह केवल से कहते हैं *" गुरु जी आप चिंता मत करिए मैं इन लोगो को समझाता हूं , *"!!
वह सभी को साउंड बॉक्स लेकर कहते है ,*" मेरे भाई सभी गांव वालो आप सभी से निवेदन है कि आप सब कल तक के लिए शांत रहिए और एकत्र रहिए ,शैतान के सामने मत पड़िए और यदि वह दिख जाए तो सभी उसके सामने लाइट जला दीजिएगा तो वह घबरा जायेगा पर इसका मतलब यह नहीं की आप सब उसे मार सकेंगे ,वह इन साधारण हथियारों से नही मरेगा या डरेगा,उसे तो तंत्र मंत्र यंत्र से ही मारना होगा ,अगर आप लोग जिद्द करेंगे तो अपनी जान गवाएंगे ,इसलिए आप सब कृपा करके एक तरफ हो जाए ताकि वह घर में आ जाए ,कल उसकी मौत निश्चित है , आप सब एक और खड़े हो जाएं, *"!!
सभी एक तरफ होते हैं , केवल नाथ और पागल तांत्रिक अपने हवन कार्य में लगे हुए थे ,सभी बैठकर वही देखने लगते हैं!!
शैतान तीसरे गांव की तरफ बढ़ गया था ,रस्तेवमे उसे उसके मित्र भेड़िए मिल जाते हैं वह सब उसे घेर कर चाटने लगते हैं , इसी तरह वह अपना प्यार जताते हैं,वह भी उन सबके बीच बैठ कर उनको सहलाता और चूमता है, उसी समय वहां से दो लोग जो की गांव के पहरे पर थे ,!!
वह सब भेड़ियों को कुत्ते समझ आते हैं और टॉर्च की रोशनी जब उन पर मारते हैं तो वह भेड़ियों के साथ किसी इंसान को देख घबरा कर पूछते हैं ,तो शैतान ठाकुर साहब का शरीर छोड़ उन्हे दबोच लेता है ,और दोनो का रक्त पान कर लेता है ,और ठाकुर का शरीर छोड़ उसे आदमी के शरीर में प्रवेश कर जाता है,और जोर से अट्टहास करता है , और एक लाश भेडिओ को खाने के लिए दे देता है और ठाकुर की लाश को कंधे पर उठा लेता है,*"!!
क्रमशः