भाग 31
वह नेता लड़की के शरीर पर हाथ फिरा कर उसे क्रोधित कर रहा था, शैतान को उसका हाथ ऐसे लग रहा था जैसे वह उसे उसका रक्त पीने का निमंत्रण दे रहा हो,वह नेता को थोड़ा ढील देता है तो वह उसके होठों को चूमने के लिए अपने होठ लगता है तो शैतान उसकी जीभ को अपनी जीभ से खीच कर उसका रक्त पीने लगता है ,उसकी तो आवाज़ भी नही निकल पाती है ,और वही दम तोड देता है ,!!!!
शैतान उसे पीछे से दूर फेंकता है ,और लड़की की आवाज में चिल्लाता है,*" शैतान , शैतान ,वो उसे ले गया , सभी भाग कर पीछे आते हैं तो वह घबराई हुई पीछे की ओर इशारा करती हैं ,!!
सभी लोग पीछे कि ओर भागते हैं , वहां पर थोड़ी दूरी पर उस नेता का शव मिलता है ,उसका भी रक्त शैतान पी गया था ,लोगो में शैतान के प्रति रोष व्याप्त हो जाता है ,"!!
वीर सिंह को खबर दी गई की एक छूट भईया नेता श्याम यादव को भी शैतान ने मार दिया , वीर सिंह कहता है ,*" अच्छा हुआ ससुरा मारा गया , तीन तीन रेप केस के बाद भी ससुरा खुले सांड कि तरह खुला घूम रहा था , ऐसे लोगो को तो पहले ही गोली मार देनी चाहिए , पर ये साला शैतान तो एकदम छलावा हो गया है ,इसका क्या करे *"!!!
केवल नाथ कहते हैं *" अब कल शाम तक यह खैर मनाना होगा की वह कम से कम लोगो का नुकसान करे ,*"!!
वीर सिंह और एस पी उनके पास पहुंचते हैं ,दोनो ही हाथ जोड़कर खड़े होते हैं एस पी साहब कहते हैं *" गुरु जी अब आप ही का सहारा है , अन्यथा वह पूरे गांव को शमशान में बदल देगा , अब हमे समझ आ रहा है की आप क्यों हमे रोक रहे थे ,पर हम भी क्या करे कानून को भी तो जवाब देना होता है ,*"!!!
वीर सिंह पूछता है *" अब हम क्या करे यह बताइए हमे अपने सस्पेंड होने से अधिक चिंता गांव लोगो के जान की है , हैं तो अब सस्पेंड हो ही जाएंगे क्योंकि हम उन्हे ये तो समझा नही पाएंगे की यह सब शैतान की करामात है ,*"!!
केवल नाथ कहते हैं ,*" कल तक तो इंतजार करना होगा ,दो दिन से हम भी लगातार अनुष्ठान कर रहें हैं , उस पर भी गांव वालो कि बाते और ताने भी सुन रहे हैं ,सभी हमे पाखंडी समझने लगे हैं, *"!!
उसी समय वह लड़का जिसने उन्हे पाखंडी कहा था वह भाग कर आता है और कहता है *" गुरु जी उस शैतान ने मेरे भाई को मार दिया मुझे माफ करिए मैंने बेवजह आप को उल्टा सीधा कहा उसका फल मुझे तुरंत मिल गया ,आप उसे जल्दी से जल्दी भस्म करिए ,*"!!
वीर सिंह कहता है ,*" अब अगर अकल ठिकाने पर आ गई हो तो जवान लडको को लेकर गांव की रखवाली में लग जाओ, *"!!
वह कहता है *" पहले भाई का क्रियाक्रम करे ये पहरा दे ,*"!!
एस पी साहब कहते हैं, *" पहरा भी देना जरूरी है कुछ लोगो को हमारी सहायता के लिए भेज और तु बाकी का काम निपटा, *"!!
सभी लोग पांच पांच दस दस के झुंड में हथियार लेकर मुरारी को खोजने लगे ,पर शैतान तो मीना में घुस बैठा था,धीरे धीरे सुबह हो गई , सभी लोग परेशान थे दो गांव में करीब तेरह लोग एक रात में मारे गए थे , !!!
मीडिया वाले पुलिस और सरकार दोनो को घेरने में लगी थी ,मीडिया वाले वीर सिंह से इतने उल्टे सीधे सवाल पूछने लगी कि वह एकदम से डिस्टर्ब हो गया और बोला *" भाई तुम लोगो को जो बोलना है बोलो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता पर सच्चाई तुम लोग समझ नही सकते हो*"!!
वीर सिंह और एस पी दोनो ही 48 घंटे से एक पल के लिए भी आराम नही कर पाए थे ,ना ही घर जा पाए थे ,इस वजह से वह दोनो थोड़ा एग्रेसिव हो गए थे ,ऊपर से सीनियर्स की डांट फटकार भी सुन रहे थे ,और ऐसे माहौल में उनके अलावा कोई और यहां हैंडल भी नही कर सकता था , !!
शैतान मीना के रूप में घर पर सो रहा था ,मीना के पिता अपनी पत्नी और बेटे कि लाश लेने हॉस्पिटल गए थे ,एक तरह से पूरा गांव ही हॉस्पिटल पर पहुंच गया था , !!!
सीता देवी बच्चो के साथ हवेली आती है ,वहां पर उसे पता चलता हैं कि ठाकुर साहब का शव हॉस्पिटल में है ,उसे केवल नाथ सारी बाते बताते हैं और यह भी कहते है *", मैं तो पहले दिन से ही जनता था कि ठाकुर साहब नही है पर उस समय आप लोगो को मुझ पर विश्वास नहीं होता, इसलिए मैने आप सबको ताबीज बना कर दिया था ताकि आप लोगो को कोई नुकसान नहीं हो ,और इसी लिए मैने आपको शहर जाने के लिए भी कहा , *"!!
सीता देवी और बच्चे रोते हैं और तुरंत हॉस्पिटल जाने लगते हैं, तो केवल नाथ कहते हैं कि आप लोग उस शैतान को मारने के लिए मुझे ठाकुर साहब के शव को सौप देंगे , मैं उनके शव पर क्रिया करके ही उस शैतान को पकड़ पाऊंगा ,*"!!
सीता देवी सोच में पड़ जाती हैं ,!!
क्रमशः