भाग 29
शैतान ठाकुर की लाश लिए आगे बढ़ता है ,वह थोड़ी दूर जाता है ,तो एक पुलिस जीप आती दिखलाई पड़ती है, तो वह ठाकुर साहब की लाश छोड़ एक तरफ छुप कर खड़ा हो जाता है, ""!!
पुलिस जीप पास आती है , तो उसे सामने एक लाश पड़ी दिखाई देती है तो वह सब नीचे उतरकर देखते है तो चौक उठते हैं , क्योंकि सामने ठाकुर साहब की लाश पड़ी थी ,वह सब तुरंत ही वीर सिंह को वायरलेस पर खबर करते हैं ,!!!
थोड़ी ही देर में वीर सिंह से लेकर एस पी तक वहां पहुंच जाते हैं , उसी में उन्हे एक आदमी की और लाश मिल जाती है जिसे भेड़िए नोच कर खा रहे थे, सभी आदमी के मारे जाने का अफसोस तो करते हैं पर ठाकुर साहब की लाश पाकर खुश भी होते हैं ,उन्हे लगता है की चलो अब मुसीबत से पिंड छूटा *"!?
ठाकुर साहब की लाश मिलने की खबर आग की तरह फैल जाती है ,पूरे के पूरे तीन गांव के लोग वहा जाना होने लगते हैं ,
केवल नाथ को कुछ लड़के कहते हैं , *" अरे ढोंगी बाबा बंद करो ये सब नाटक ठाकुर साहब की लाश मिल गई है , और तुम अभी भी सबको बेवकूफ बना रहे हो ,बंद करो ये पूजा पाठ,*"!!!
केवल नाथ और पागल तांत्रिक चौक उठते हैं , वह ध्यान लगाते हैं तो , उन्हे बड़े खतरे का अहसास होता है , जिस बात का उन्हे डर था वही हो गया था , शैतान ने अपना शरीर बदल लिया था , वह जब तक लोगो को पता नही था तब तक ठाकुर साहब के शरीर में था और यही सबके लिए अच्छा भी था क्योंकि तब केवल नाथ को तो ठाकुर साहब को उलझाए रहना था पर अब वह तो जान गया था की सभी उसे पहचान गए तो उसने मौका देख शरीर ही बदल लिया ,*"!!
केवल नाथ वीर सिंह को कॉल करते हैं ,तो वह व्यस्त होने के कारण नहीं उठाता है , कई बार करने पर वीर सिंह फ़ोन उठा कर कहता है , *" गुरु जी शैतान मारा गया शायद ठाकुर साहब की लाश मिल गई है , *" !!
वीर सिंह के पास पूरे गांव वालो की जमघट लगी थी और सबकी बातो से इतना शोर मचा था की उन्हे केवल नाथ की आवाज ही सुनाई नही पड़ रही थी , *"!!
इधर पूरे गांव के आदमी तो ठाकुर साहब की लाश देखने चलेंगे उधर शैतान पूरा गांव खाली देख एक घर में घुसता हैं , वहां पर दो दो जवान लड़कियां और उनकी मां सोई हुई थी ,शैतान उन्हे देख खुश होता है वह पहले ,एक बेटी के ऊपर से हाथ फेरता है और उसे धीरे से उठा कर कमरे में ले जाता है ,और उसके साथ पहले दुष्कर्म करता है ,फिर उसका रक्त पिता है , उस के बाद उन दोनो के साथ भी वही करता है, और बहुत ही प्रसन्न होकर कुछ देर वहीं नाचता है ,*"!!
केवल नाथ एस पी को फोन लगाते हैं तो एस पी साहब फोन उठाकर प्रणाम कर बताते हैं की ठाकुर साहब मिल गए ,पर जो बात केवल नाथ बोलते हैं वह सुन उनके चेहरे की हवाइयां उड़ने लगती है , वह भागकर वीर सिंह के पास जाते हैं जो पंचनामा करने में लगा था ,!!
एस पी साहब वीर सिंह को जब केवल नाथ की बात बताते हैं तो वीर सिंह एकदम से सकते में आ जाता है ,केवल नाथ ने यह भी कहा था *" ,पूरा गांव खाली है सिर्फ औरते और बच्चे हैं ,वह बहुत नुकसान करेगा,वह खून का नंगा नाच करेगा , सभी को कहो जल्दी से जल्दी अपने अपने घर और गांव में हो रहे , *"!!!
वीर सिंह और एस पी दोनो ही समझ नही पा रहे हैं की अब वह क्या करें ,सबसे पहले तो वह सबसे अपने अपने घर तुरंत जाने को कहता है , पर कोई हटने को तैयार नहीं था , तब वह स्पीकर पर सभी से चेतावनी देते हुए कहते हैं *" भाईयो आप सब कृपा करके अपने अपने घर पर जाओ शैतान अभी ठाकुर साहब के शरीर से निकल कर किसी और के शरीर में प्रवेश कर गया है , वो आप में से कोई भी हो सकता है ,*"!!!
एक आदमी कहता है *" दरोगा साहब भी तो हो सकते हैं *"!!
सभी हंसते हैं,!!
वीर सिंह कहता है *" हां मैं भी हो सकता हूं पर अभी नहीं हूं ,जान हमारे आदरणीय ठाकुर साहब के अंदर वह प्रवेश कर सकता है तो किसी में भी कर सकता है ,तो कृपा करो आप सब जिस प्रकार पहरे पर लगे थे उसी प्रकार लगे रहिए ,अन्यथा फिर कोई अनहोनी हो सकती है ,*"!!
उसी समय एक आदमी कहता है *" साहब ये जो हमें लाश मिली है ये हमारे गांव के हरिया का है और इसके साथ मुरारी था वह तो दिखाई नही पड़ रहा है , *"!!
वीर सिंह का माथा ठनका वह केवल नाथ को फोन लगाते हैं, *"!!
इधर शैतान और एक घर में घुसता है ,
क्रमशः