भाग 39
शैतान को पीछे खसकते देख सभी लोग चिल्लाने लगते हैं तो शैतान को बहुत गुस्सा आता है और वह भैंसे का रूप धर लोगो पर टूट पड़ता है ,सभी घबरा कर भागते हैं ,शैतान तो क्रोध से पागल हो रहा था , एक दो लोग उस पर लाठी भी चलाते हैं पर उस पर लाठी वैगेरह का कोई असर नही होता है , !!!
वह सींग से उठा कर कई लोगो को ऊपर उछाल कर घायल कर देता है , चारो ओर अफरा तफरी मच जाती है *!!!!
केवल नाथ यह सब देख क्रोधित होते हैं ,वह एक मुट्ठी सरसो उठाकर मंत्र पढ़ कर आधा ठाकुर साहब के शव पर डालते हैं और आधा हवन कुंड में डालते हैं, तो भैसा बना शैतान वही गिर पड़ता है ,और फिर अपने असली रूप में आकर चिंघाड़ता है , *"!!!
सभी घबराकर भाग चुके थे ,कुछ लोग थे जो उस से बहुत दूर थे , हां केवल नाथ के जो पास थे वह सब अपना मंत्र पढ़ रहे थे , यहां तीनो तांत्रिक और उनके शिष्य पूरी तैयार हो गए थे ,यह अंतिम मौका था उसे समाप्त करने का , ,!!!!
वह नवयुवक लोग भी एकदम तैयार थे उन्हे भी बदला लेने था सब सरसो भरे मटके के पास खड़े थे ,और केवल नाथ के आदेश का इंतजार कर रहे थे, उन सबको दूर से आता हुआ शैतान दिखाई पड़ रहा था ,घबरा तो वह लोग भी रहे थे ,पर पास में सभी लोग थे , एक ओर वीर सिंह अपनी पूरी फौज के साथ था तो दूसरी तरफ जोर जोर से मंत्र जाप करते गांव वाले थे, और एक ओर केवल नाथ अपने टीम के साथ लगे थे ,*"!!!
शैतान पीछे की ओर भागने के लिए पूरी ताकत झोंक देता है ,और इधर केवल नाथ और उनकी टीम भी पूरी तरह से उसे
खीच कर लाने का प्रयास कर रहे हैं वह शैतान भी बहुत ही बलशाली था वह तो तीन दिन की साधना का फल था जो उसे खीच पा रहे थे ,अन्यथा उसे खींचना आसान नहीं था ,!!!!!
नरेंद्र खुद कहते हैं ,*" यह सौ साल पुराना शैतान है यह जल्दी बेताल बनने वाला था , अगर इसने सौ लोगो की बलि ले ली फिर इसे साधारण हम जैसे तांत्रिक तो नही मार सकते फिर तो कोई बड़ा तपस्वी ही मार सकता है *" ,!!!
शैतान आगे बढ़ने के बजाय वहीं ad kar खड़ा हो गया था,!!!
पागल तांत्रिक कहता है *" लगता है उसे यहां तक लाने के लिए उसके पास जाना होगा ,*"!!!
नरेंद्र कहते हैं*" ऐसी गलती मत करिए वह बहुत क्रोध में तुरंत हानि पहुंचाए बिना मानेगा नही,*"!!!!
पागल कहता है *" अगर उसे यह तक ले नही आए तो समय निकल जायेगा इसी लिए तो वह रुक रहा है ताकि समय निकल जाते फिर उसका कोई कुछ नही बिगड़ पाएगा ,क्योंकि तब उसे मार नहीं पाएंगे*",!!!
सभी एक दूसरे को देखते हैं और आंखो से ही हामी भर देते हैं , !!
पागल तांत्रिक एक गमछे में सरसो लेकर मंत्र जाप करते हुए उसकी ओर बढ़ते हैं ,!!!
वह शैतान भी पागल तांत्रिक को पास आते देख कहता है ,,*" आ जा कमीने आज तो तेरी बलि चढ़ेगी ,*"!!!!
पागल तांत्रिक मंत्र पढ़ते पढ़ते उस से थोड़ा दूर रहकर उस पर। सरसो फेंकता है तो वह तिलमिला उठता है ,और गुस्से से उसे देखता है ,*"!!
पागल तांत्रिक कहता है *" आज तेरा समय आ गया आज तुझे भस्म करके ही रहेंगे तु कितनी भी ताकत लगा ले ,*"!!!
शैतान कहता है ,*" अरे न जाने कितने तुर्रम खां आए मुझे समाप्त करने का सपना लेकर और सभी के रक्त मैने पिए हैं ,आज तुम सभी का नंबर है ,*"!!!!
वीर सिंह भी थोड़ी दूरी से उसके पास से चलता है ,उधर सर्वेश ठाकुर भी अपनी गुण लिए चल रहा है ,और बाकी सिपाही भी हथियार एकदम तैयार रखे थे , वह सब शैतान का ध्यान भटकाने के लिए लगे हुए थे ,ताकि उसकी शक्ति थोड़ा कम हो तो वह मजबूर हो जायेगा आगे बढ़ने के लिए ,*"!!!
शैतान सभी को देख परेशान होता है ,वह वीर सिंह की ओर देखता है तो वीर सिंह उसकी आंखो में गोली मरते हैं ,तो उसकी आंख पूरी तरह छतिग्रस्त हो जाती है , तभी पागल तांत्रिक अभिमंत्रित सरसो उसके ऊपर फेकते हैं तो वह चीखकर उसकी ओर बढ़ता है ,वह जैसे ही आगे बढ़ता है ,तो उधर से केवल नाथ सरसो हवन कुंड में फेकते हैं तो वह दो तरफा वार से हड़बड़ा जाता है ,और क्रोधित हो तेज़ी से पागल की ओर बढ़ता है *"!!
तभी दूसरी ओर से सर्वेश उसके सर का निशाना लगता है जिस से उसका सर फट कर बिखर सा जाता है तभी वीर सिंह पीछे से उसे जोर की एक लात मारता है ,तो शैतान आगे की तरफ़ गिरता है,*"!!!
वह उठ खड़ा होता है ,उसकी पूरी खोपड़ी के चिथड़े चिथड़े उड़ गए थे पर वह खड़ा था ,वह चिल्लाकर कहता है *" अगर तुम सब अपनी सलामती चाहते हो तो मुझे जाने दो नही तो मैं पूरे गांव को तबाह कर डालूंगा**!!!
और वह अचानक से रूप बदल लेता है अभी वह एक खतरनाक भेड़िया बन जाता है ,*"!!!!
क्रमशः