पागल तांत्रिक गुरु जी से कहता है कि ठाकुर के अंदर शैतान प्रवेश कर चुका है,गुरुदेव कहते हैं " तुम्हारी भी आवश्यकता होगी उस से निपटने में ,वह शैतान है ,और बहुत ही शक्तिशाली है ,वह पागल कहता है, मैं इस गांव के लिए आपके साथ हमेशा हूं , गुरुदेव उस से आश्रम चलने के लिए कहते हैं,वह साथ जाता है, ,"!
रात अभी अभी शुरू हो चुकी थीं ,चांद अपनी चांदनी बिखेरने लगा था, सितारे भी अपनी जगह पर टिमटिमा रहे थे , तीन दिन पहले ही पूर्णिमा था तो चांद अभी भी बड़ा था और उसकी चांदनी फैली हुई थी ,जिसमे खेतो में फैली फसल बड़ी प्यारी लग रही थी , !
ठाकुर साहब बाहर जाने के लिए व्याकुल होने लगते हैं , अंदर का शैतान रात होते ही बाहर शिकार की तलाश में जाना चाहता था, वह तैयार होकर निकलता है, तभी कचरू पीछे से सीता देवी से कहता है , " मालिक तो आज बड़ी देर से निकले हैं,ठाकुर साहब बाहर से ही सब सुन लेते हैं ,दरअसल शैतान का एक कान हमेशा कचरू के पास ही लगा रहता था क्योंकि वही एक था जो हमेशा उसके विरोध में था, वह गुस्से में वहां से जाता है , बाहर जो भी लोग उन्हे देखते हैं सभी उन्हे प्रणाम करते है ,वह सबको देख सर हिलाता है और हाथी कि तरह झूमता हुआ आगे बढ़ता है , वह गांव से बाहर बाग कि तरफ जाता है ,और मस्त होकर झूमता है ,आज बाग में डर के मारे कोई आया नही था , तो वह खुल कर नाचता हैं अगर इस वक्त उसे कोई देख लेता तो डर के मारे वहीं गिर कर मर जाता ,इतना भयानक रूप था उसका , नाच कर उसका दिल भर जाता है तो ,वह फिर से ठाकुर साहब के शरीर में प्रवेश कर जाता है , और वह दूसरे गांव की तरफ बढ़ता है तो सामने कुछ भेड़िए नजर आए तो वह उनकी तरफ बढ़ता है , भेड़िए उसकी गंध पाकर शांत खड़े हो जाते हैं, वह उनके पास जाकर सभी को सहलाता है ,भेड़िए भी उसका मुंह चाटते हैं, भेड़ियों और शैतानों में संबंध मधुर रहता है , जहां शैतान होते है भेड़िए वहां जरूर मिलते हैं,शैतानों के खून पीने के बाद जो शरीर का मांस होता है उसे भेड़िए ही तो खाते हैं , शैतान उन लोगो को प्यार करने के बाद आगे बढ़ता है,भेड़िए भी उसके पीछे पीछे चलने लगते हैं, थोड़ी दूर नहर के किनारे चांदनी रात में एक प्रेमी युगल आपस में चोंच लड़ा रहे थे , वैसे तो उनकी गंध तो शैतान को पहले ही मिल गई थी पर वह भेड़ियों कि वजह से रुक गया था पिछली रात भी उस जोड़े का रक्त पान कर उनकी लाश इन्ही भेड़ियों के झुंड के पास ही तो लाकर डाला था , और भेड़ियों ने उनके शरीर को इतनी बुरी तरह नोच कर खाया था कि लोगो को उनकी लाश देख उनके शरीर में सिहरन सी दौड़ गई थी, युगल जोड़ी अपने ऊपर आ रहे मुसीबत से बेखबर आपस में लगे हुए थे, ये जोड़े शायद कही दूर से आए थे ,उनकी बाइक रोड पर खड़ी थी ,और वह नहर के किनारे बने घाट पर बैठे थे , शैतान उनके सर पर जाकर खड़ा हो जाता है ,जब उनकी नज़र शैतान पर पड़ती हैं तो उसे देख दोनो डर के मारे बिना आवाज किए ही बेहोश हो जाते हैं, शैतान पहले लड़के का रक्त पान कर उसका शरीर भेड़ियों के आगे फेंक देता है, और फिर लड़की के साथ दुष्कर्म करता है वह तो उसके दुष्कर्म के बीच में ही अपने प्राण खो देती हैं , और शैतान अपनी इच्छा पूरी कर उसका भी रक्त पान करता है , और उसके शरीर को भी भेड़ियों के हवाले कर जाता हैं , भेड़िए लाशों पर टूट पड़ते हैं, उसी समय वहां से पुलिस कि पेट्रोलिंग टीम जीप से निकलती है वहा रोड पर मोटर साइकिल खड़ी देख उनका माथा ठनका और तभी उन्हे भेड़ियों कि गुर्राहट सुनाई पड़ती हैं तो , उनका ऑफिसर कहता है,," लगता है भेड़िए कोई शिकार किए हैं चलो देखे तो सही कहीं यही भेड़िए तो नही मारे उन जोड़ो को और लगता है कोई और भी यहां आया है ,कहीं उसका भी नंबर ना लग गया हो, " !! वह सब जीप रोक कर नीचे उतरते हैं, और अपने पिस्टल निकल लेते हैं ,क्योंकि भेड़िए अगर ग्रुप में होते हैं तो बहुत ही खतरनाक होते हैं ,ऐसे में तो अकेला शेर भी उनके सामने आने से कतराते हैं यहां तक कि वो हाथी को भी नोच खाते हैं , दो सिपाही लाठी ले लेते हैं ,यह लोग भी पांच थे इसलिए उन्हें भी डर नही था , वह नहर की तरफ जाते हैं जहां से आवाज आ रही थी ,
नीचे उतरने पर उन्हे कई चमकती आंखे दिखाईं देते हैं, ऑफिसर और हवलदार टॉर्च कि रोशनी उनकी तरफ करते हैं तो सभी चौक उठते हैं , सामने युगल जोड़ी कि लाश पड़ी है और वह सब उसे नोच रहे थे,"!!
क्रमशः