भाग 16
ठाकुर साहब अपने सामने से भागते हुए जोड़ों को देख वह गुस्सा होता है,पुलिस वाले उन्हे देख कहते हैं, *" ठाकुर साहब आप कहां रात में परेशान हो रहे हैं आप को तो सब पता है ,कुछ दिन गांव में ही घूमिए माहौल ठीक होने दीजिए उसके बाद घूमिए आराम से ,*"! ठाकुर साहब मन ही मन क्रोधित होते हैं,और आगे बढ़ते हैं , उसी समय पीछे से कचरू बाइक से आता है ,वह ठाकुर साहब को देख कहता है ,*" मालिक आपको घर छोड़ दूं , *"? ठाकुर साहब उसे देख खुश होता है वह देखता है कि पुलिस वाले पास ही है, तो वह कहता है ,* तुम जाओ मैं चला जाऊंगा, *"!! वह बाइक आगे बढ़ता है ,ठाकुर साहब पीछे की तरफ़ जाता है ,वह पुलिस वालो को भी क्रॉस कर गांव कि तरफ जाते हैं,और थोड़ा आगे बढ़कर थोड़ा आड़ में जाते है, और फिर बहुत ही तेज़ी से गायब होते हैं ,*"!
कचरू गांव के रास्ते पर धीरे धीरे बाइक लेकर आगे बढ़ रहा है ,तभी अचानक सामने से ठाकुर साहब आकर खड़े होते हैं ,उन्हे देख वह हड़बड़ा कर बाइक रोकते रोकते गिर पड़ता है, वह उठ कर हुए डरते हुए पूछता है *" मालिक आप तो गांव कि तरफ गए थे फिर यहां अचानक कैसे आ गए हैं*"! ठाकुर साहब के अंदर का शैतान बाहर आने लगता है , उसे देख कचरू की बोलती बंद होती है ,शैतान उसकी गर्दन को पकड़ खींचता है और उसके गर्दन में अपने दांत घुसा कर रक्त पान करने लगता है ,अब वह पूरी तरह से बाहर आ जाता है , ठाकुर साहब का शरीर उसी तरह खड़ा रहता है,उसी समय भेड़िए वहां पहुंचते हैं ,उसी समय एक मोटर साईकिल पर दो पुलिस वाले आते हैं वह देख कर चिल्लाते हैं *" कौन हो बे छोड़ उसे ,दोनो बाइक से उतरकर उसकी तरफ भागते हैं , शैतान उनकी तरफ देखता है दोनो शैतान को देख जितने स्पीड में दौड़े थे उतनी ही स्पीड में रुकते हैं और एकदम से इतने भयंकर शैतान को देख उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी, वह जब तक समझते और सम्हलते तब तक शैतान उनके सर पर पहुंच चुका था ,भेड़िए कचरू पर टूट पड़े थे कुछ अब नए आहार का इंतजार कर रहे थे, शैतान उन दोनो का भी वही हाल करता है, और फिर भेड़िए टूट पड़ते हैं , तभी दूर से जीप की लाइट दिखलाई पड़ती हैं, तो शैतान ठाकुर साहब में प्रवेश कर वहां से गायब होते हैं, जीप वहां पहुंच कर वहां का हाल देख अचंभित रह जाते हैं ,सभी भेड़ियों को देख फायरिंग करते हैं तो भेड़िए उन्हे देख गुर्राते है और गोली कि आवाज़ से डर कर भागते हैं , वह देखते हैं तीन तीन लाशे पड़ी थीं,दो पुलिस वाले और एक ठाकुर साहब के नौकर कि लाश थी ,पुलिस वाले तुरंत वायरलेस से मैसेज करते हैं , आधे घण्टे में पुलिस कि गाडियां वहा पहुंच जाती हैं, वीर सिंह तो एकदम से पागल जैसे हो गए थे ,उसे समझ नही आ रहा था की इतने जल्दी कैसे वह कातिल सबको मार कर गायब हो जाता है,*"!!
ठाकुर साहब उर्फ शैतान अपने कमरे मे पहुंच गया आज उसने तीन तीन लोगो का रक्त पान किया था वह बाहर निकल कर अंगड़ाइयां लेने लगा था, आज तो उसके शरीर में कुछ अधिक ही उभर आ गए थे , उसके दांत और अधिक नुकीले हो गए थे, उसके नाखून भी धारदार हो गए थे, तभी सीता देवी के पास रखा ठाकुर साहब का मोबाइल बजता है , जब से ठाकुर सहब मौत के मुंह से लौटे थे उनका मोबाइल सीता देवी के पास ही था उन्होंने न ही फोन मांगा और नही उसकी उन्हे जरूरत थी , वह फोन सीता देवी के पास ही रहता था सारे काम की बाते सीता देवी ही कर रही थी, सीता देवी फोन उठाती है तो सामने से पुलिस वाला कहता है ,*" ठाकुर साहब एक दुखद समाचार है ,आपके नौकर कचरू को किसी ने मार दिया है,लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ,सुबह उसकी रिपोर्ट भी आ जायेगी और सदर अस्पताल से उसकी मृत देह भी मिल जायेगी ,आप उसके घरवालों को खबर कर दे और उसकी मोटर साईकिल पुलिस स्टेशन पर खड़ी है, सीता देवी हक्की बाकी रह जाती है ,वह जोर से चीखती हैं ,काली ,*"! काली भागता हुआ आता है सीता देवी वहीं कुर्सी पर हताश होकर बैठी थी ,काली पूछता है ,*" क्या हुआ मालकिन ,आप की तबियत तो ठीक है ना, *"? सीता देवी के आंखो से आंसुओ कि धारा बहती है तो काली एकदम से घबरा जाता है, वह सीता देवी से कहता है, *" मालकिन क्या हुआ कुछ तो बताइए सब ठीक तो है ठाकुर साहब तो अपने कमरे में हैं उनको तो आकर काफी समय हो गया, *"!?सीता देवी कहती हैं *" कचरू , कचरू को किसी ने मार दिया , उस बेचारे ने किसी का क्या बिगाड़ा था, उसको मार दिया ,उसके घर वालो को खबर कर मैं ठाकुर साहब को लेकर अभी पुलिस स्टेशन जाती हूं*"!!
क्रमशः