अभिभावक सावधान हो जाएं. अगर 18 साल से कम उम्र के उनके बच्चे बाइक या कार ड्राइव करते पाए गए, तो उनको जेल हो सकती है. हालांकि यह चेतावनी हैदराबाद के अभिभावकों के लिए है. यहां की ट्रैफिक पुलिस ने अब तक ऐसे 26 अभिभावकों को जेल का रास्ता दिखाया है, जिनके नाबालिग बच्चे ड्राइव करते पाए गए.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस के जॉइंट कमिश्नर अनिल कुमार ने बताया, 'मार्च महीने में कोर्ट द्वारा 20 पैरंट्स को जेल भेजा गया था.' वहीं फरवरी माह में ऐसे ही 1079 मामलों में 45 पैरंट्स को सलाखों के पीछे भेजा गया था. प्रत्येक अभिवावक पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया था.
हैदराबाद पुलिस इन दिनों पैरंट्स और बच्चों के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित कराने से लेकर एफआईआर दर्ज करा रही है ताकि ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरुकता बनी रहे.
शराब पीकर चलाते हैं गाड़ी, गरीबों की हो रही है मौत
इस सख्त कार्रवाई के पीछे वजह नाबालिगों के ऐक्सिडेंट मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी है. इसकी एक वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना भी है. साल 2017 में ट्रैफिक पुलिस को दुर्घटना के 130 के ऐसे मामले मिले थे जिसमें नाबालिग गाड़ी चला रहे थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हफ्ते की शुरुआत एक मामला आया जहां पब से लौटने के बाद 4 सेकंड ईयर इंजिनियरिंग छात्राओं ने गाड़ी चलाई और नियंत्रण खोकर कुशाईगुड़ा फुटपाथ पर चढ़ा दी. इसमें 48 साल के मोची अशोक की मौत हो गई जो अपने बेटे के साथ सो रहे थे.
मृतक के बेटे ने पुलिस और मीडिया को बताया था कि वह चारों युवतियां शराब पीकर गाड़ी चला रही थीं जबकि पुलिस पूछताछ में आरोपी युवतियों ने इससे इनकार कर दिया. छात्राओं की उम्र 19-21 के बीच बताई जा रही थी.