कभी ये हाल था कि समूची कांग्रेस इंदिरा गांधी के इर्द-गिर्द घूमा करती थी. कांग्रेस क्या, करीब पूरा मुल्क ही. यही हाल आज-कल भाजपा और नरेंद्र मोदी के केस में है. भाजपा का सारा ढांचा नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व के आस-पास खड़ा है. यहां तक कि विपक्ष भी (जितना भी बचा है) मोदी के ही नाम से चल रहा है. मीडिया में भी सबसे ज़्यादा बार मोदी का ही नाम लिया जाता है. मोदी की ख़बरें, मोदी की प्रशंसा, मोदी की आलोचना और मोदी के बारे में अफवाहें.
आज ऐसी ही कुछ अफवाहों पर बातें करेंगे.
1. मोदी के साथ ब्रीफकेस में परमाणु बम का बटन!
ये अफवाह सबसे ज़्यादा थ्रिल पैदा कर गई. ख़ास तौर से उन लोगों में, जो पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद करना चाहते हैं. नरेंद्र मोदी के सुरक्षाकर्मियों के हाथ में हमेशा काले ब्रीफकेस दिखते हैं. इसके बारे में ये अफवाह थी कि इसमें न्यूक्लियर बम का बटन है. ये ब्रीफकेस नरेंद्र मोदी के काफिले के साथ हमेशा रहता है. किसी भी इमरजेंसी में वो तत्काल न्यूक्लियर बम एक्टिवेट कर सकते हैं.
हकीकत कुछ और थी. पता करने पर सामने आया कि ये न्यूक्लियर ब्रीफकेस नहीं, बल्कि पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड है. ये पूरी तरह खुल जाता है और रक्षा कवच का काम करता है. ये उनकी पर्सनल प्रोटेक्शन के लिए है. मान लीजिए प्रधानमंत्री पर कोई आतंकी हमला होता है. ऐसे में जिस सुरक्षा कमांडो के पास ये ब्रीफकेस है, वो फ़ौरन इसे खोल कर पीएम को कवर कर लेगा.
2. मोदी पर चला जूता
जूते वाली बात अभी कुछ दिन पहले सोशल साइट्स पर खूब उछली. मोदी विरोधियों ने इस ख़बर को चटखारे लेते हुए शेयर किया. हकीकतन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था.
मई महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर ये खुसुर-फुसुर होने लगी. लोग कहने लगे कि एक मीटिंग के दौरान किसी औरत ने प्रधानमंत्री मोदी की तरफ जूता उछाल दिया. वाकये की तारीख बताई गई 28 अप्रैल. इस क्लेम के सबूत के तौर पर एक क्लिप भी शेयर की गई. कई सारी वेबसाइट्स ने इस ख़बर को छाप भी दिया. हालांकि छपी हुई ख़बरें अधूरी थीं. न तो औरत का नाम बताया गया, न घटना की जगह. साथ लगाई गई क्लिप में भी ‘ऐसा’ कुछ नहीं था.
दरअसल ये घटना 8 मार्च की थी. गांधीनगर में मोदी एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे. वहां पर एक महिला शालिनी नारे लगाते हुए मंच की ओर बढ़ने लगीं. उन्हें रोक कर ऑडिटोरियम के बाहर कर दिया गया. ‘एबीपी अस्मिता’ ने इसकी फुटेज जारी की थी, जिसे ही ‘मोदी पर जूता फेंके जाने की घटना’ कहकर चलाया गया, जबकि फुटेज में ऐसा कुछ नहीं है.
3. दस करोड़ का पानी पीने वाले मोदी
ये ख़बर भी खूब चली. RTI के हवाले से बताया गया कि दस दिनों में मोदी दस करोड़ का पानी और जूस पी गए. यानी रोज़ाना लगभग एक करोड़ का खर्चा. जिस तरह ये सुनने में ही असंभव लगता है, ये था भी गलत. ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
असल में ये एक व्यंग्य था जिसे कि सोशल मीडिया के अक्लमंद सच मान कर ले उड़े. एक वेबसाइट के मिलते-जुलते नाम वाली एक पैरोडी वेबसाइट है, जो कि ख़बरों का मज़ाकिया वर्जन लगाती है. उसने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का मज़ाक उड़ाते हुए ख़बर लगाई, ‘मोदी जी नवरात्रों में दस करोड़ का पानी पी गए.’ ख़बर में मज़ाकिया लहज़े में ये भी कहा गया कि ये सूचना एक RTI के जवाब में मिली है. ख़बर में RTI लिखा होना काफी था फेसबुक के अधीर वीरों के लिए. उन्होंने ख़बर जम के शेयर की.
4. नरेंद्र मोदी की तस्वीर
एक तस्वीर और खूब शेयर हुई. इसमें जवानी के दिनों के नरेंद्र मोदी एक सजी-धजी लड़की के साथ हंसते-मुस्कुराते दिखाई दे रहे हैं. कहा गया कि ये लड़की जसोदा बेन है. इस तस्वीर के सहारे ये कहा जाने लगा कि नरेंद्र मोदी ने शादी के बाद काफी अरसा जसोदा बेन के साथ गुज़ारा था. मोदी के कभी शादीशुदा ज़िंदगी नहीं जीने के दावे को झूठा कहा जाने लगा.
ज़ाहिर सी बात है कि इस तस्वीर की भी पड़ताल हुई. सामने आया कि ये लड़की भाजपा के पूर्व नेता कांशीराम राणा की बेटी है. ये राणा की बेटी की शादी के वक़्त ली गई फोटो है. कांशीराम राणा की 2012 में मौत हो चुकी है.
पूरी तस्वीर ये है:
5. मोदी ने भेजी मुसलमानों के बच्चों को ख़त्म करने वाली सुई
हालांकि ये अफवाह देश के एक ख़ास इलाके में ही फैली, लेकिन इसकी दहशत ज़बरदस्त थी. सरकारी स्कूलों में टीकाकरण चल रहा था. राजस्थान के मुस्लिम बहुल इलाके मेवात में किसी ने ख़बर उड़ा दी कि टीकाकरण के लिए इस्तेमाल हो रही सुइयां मोदी ने भिजवाई हैं. इनका मकसद मुसलमान लड़के-लड़कियों की संतान पैदा करने की क्षमता को ख़त्म करना है.
इस अफवाह से इतनी दहशत फैली कि इसकी पड़ताल करने गए न्यूज़ चैनल वाले लोगों से भी लोग डर गए. जब एक स्कूल में ये लोग पहुंचे तो वहां भगदड़ मच गई. क्लास में बैठे बच्चे दीवार फांद कर भाग गए. लोगों को समझाने के लिए अलवर जिले के डिप्टी सीएमओ डॉ. छबील कुमार को एक बयान देकर मामला साफ़ करना पड़ा.
6. चीन से ऐसे जंग जीतने वाले थे हम
एक बाकायदा छपा हुआ पैम्पलेट घूमने लगा था दीवाली के आस-पास. जिसमें लिखा था कि दीवाली पर अपने घरों में रोशनी, सजावट या मिठाई सब भारत में बनी ही इस्तेमाल करें. प्रधानमंत्री के नाम से भावुक अपील की गई थी कि देश की तरक्की के लिए स्वदेशी सामान इस्तेमाल करें. चाइनीज़ सामान को ‘नो थैंक्स’ बोल दें.
हालांकि वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी की इस अपील को किसी ने माना नहीं. प्रधानमंत्री ऑफिस ने बाकायदा ट्वीट कर के कहा कि हमने ऐसी कोई अपील नहीं की है.
rumors about Narenda Modi went viral on social media like nuclear briefcase, shoe hurling