बिहार के बांका जिले में एक अनोखई घटना सामने आई है. यहां के मंदार पर्वत पर अचानक ही तेज आग की लपटे उठने लगी और उसका धुआं आसमान मे छा गया, लेकिन उस धुएं में साक्षात महादेव का रुप दिखने लगा. आपको बता दें कि देव और असुरों के सागर मंथन से जुड़े पौराणिक मंदार पर्वत पर नीलकंठ भगवान शिव प्रकट हुए.
ये वाक्या बुधवार की शाम मंदार पर्वत पर घटी जहां आग की लपटों के बीच देवाधिदेव महादेव डमरू के साथ एवं त्रिशूलधारी स्वरूप में नजर आएं. इसे देख लोग चमत्कार समझने लगे और पूरे क्षेक्ष में चर्चा का विषय बन गया. इस खबर को बांका के एक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है, जिसमें एक तस्वीर भी डाली गई है. इस खबर के साथ लगी तस्वीर भगवान शंकर के इस प्राकट्य और दर्शन का गवाह है.
जंगल में भीषण आग लग गई
दरअसल, बुधवार की शाम मंदार पर्वत के पीछे वाले हिस्से में स्थित जंगल में भीषण आग लग गई. देखते ही देखते आग की ऊंची लपटें उठने लगीं. इस अग्निकांड की चर्चा दूर दूर तक फैल गई, क्योंकि आग की लपटें आस-पास की बस्तियों में काफी दूर से दिखाई पड़ रही थी. बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे. अनेक पदाधिकारी भी वहां पहुंच गए. उन्होंने आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड को फोन किया. फायर ब्रिगेड वाले भी पहुंचे और आग बुझाने की जी तोड़ कोशिश करने लगे.
लोगों ने कई सारी तस्वीरें भी क्लिक की
वहां मौजूद लोगों ने कई सारी तस्वीरें भी क्लिक की हैं. इस दौरान मीडिया वाले भी मौके पर पहुंचे. आग की लपटों के बीच नृत्य करते गमनाचल शिव भगवान भोले शंकर की जटाजूटधारी तस्वीर उभर रही थी, जिनके हाथ में डमरु और त्रिशूल स्पष्ट परिलक्षित हो रहा था. इस खबर के साथ यह तस्वीर इस बात का पुष्ट गवाह है. वहां मौजूद लोग जय शिव शंकर का जयघोष कर रहे थे.
यह विशालकाय पर्वत ग्रेनाइट पत्थर के एक ही चट्टान का है, जिसे इस क्षेत्र की सनातन आदिवासी संस्कृति के मुताबिक महान शिवलिंग माना जाता है. मंदार शब्द से मंदार बना है जो शिव आकृति का पर्यायवाची है. बड़वानल की अग्निशिखा में ही सही, भगवान शिव ने एक बार फिर से अपना प्राकट्य कर यहां के लोगों को अपना दिव्य दर्शन करा दिया है. लोग इस दृश्य और तस्वीर को देखकर धन्य हो रहे हैं.
Source: live cities news
बिहार के इस जिले में प्रकट हुए भगवान शिव, मंदार पर्वत पर आग की लपटों में दिखा नटवर स्वरूप