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इन्तजार भाग 13

18 मार्च 2022

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ट्रेन जयपुर स्टेशन पर पहुंचती है, अलका ,स्वीटी ,अनिल और बाकी सभी फ्रेंड से नीचे उतर कर अपना अपना सामान चेक करते हैं lऑटो स्टैंड से ऑटो लेकर वे सभी जयपुर के एक अच्छे होटल में पहुंच जाते हैं l
"यार हम सभी जयपुर पहली बार आए हैं तो यहां घूमने के लिए हमें एक गाइड की आवश्यकता पड़ेगी ना ।चलो गाइड के लिए होटल के मैनेजर से बात करते हैं "अलका ने कहा।

" हां.... हां उसके बारे में भी पता करेंगे, पर अभी बहुत तेज से भूख लगी है पहले खाना खाते हैं फिर कुछ देर रेस्ट करके आगे की प्लानिंग करते हैं।" अनिल ने कहा
"हां तो मैंने कब कहा कि मुझे अभी घूमना है। मैं तो वैसे भी सफ़र से थक गई हूं। मैं भी कुछ देर आराम करूंगी फिर यहां की नजारे देखूंगी।"

सभी खाना खा कर के अपने अपने रूम में सोने चले जाते हैं और अनिल होटल के मैनेजर से बात करने लग जाता है
"एक्सक्यूजमी, सर"
"जी कहिए क्या सेवा कर सकते हैं हम आपकी"
"सर हम जयपुर घूमना चाहते हैं, और यहां के पर्यटन स्थल के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है, तो क्या आप हमें यहां के किसी टूरिस्ट गाइड के बारे में बता सकते हैं। जो हमारी घूमने में मदद कर सकेl"
"जी बिल्कुल सर ,हमारे होटल के मैनेजमेंट में एक टूरिस्ट बस और गाइड है ,जो यहां पर आने वाले सभी पर्यटकों को आसपास के सभी दर्शनीय स्थलो की सैर कराती हैl
आपकी तरह ही कल कुछ और टूरिस्ट ग्रुप होटल में आया है, जिन्हें जयपुर घूमना है कल सुबह 8:00 बजे होटल के   बाहर बस और गाइड तैयार मिलेंगे आप सभी समय से रेडी होकर के नीचे आ जाइएगा।"
"सर आसपास के इलाके में घूमने में हमें कितना समय लगेगाl"
"2 से 3 दिनों में आप  आसपास के सभी इलाकों में घूम लेंगेl"
"थैंक यू सर "
"थैंक्यू की कोई बात नहीं ,यह तो हमारा फर्ज है कि होटल में रुकने वाले किसी भी यात्री को कोई असुविधा न हो।"

सुबह 8:00 बजे स्वीटी ,अलका ,अनिल और उनके सभी फ्रेंड्स टूरिस्ट बस के पास इकट्ठे होते हैं है तभी अवनी, मयंक ,सिखा और  ध्रुव वहीं आ जाते हैं
"हेलो फ्रेंड्स ,क्या आप लोग भी हमारे साथ ही जयपुर घूमने चल रहे हैं" अनिल ने कहा
" जी हां, हमारा ग्रुप है पिंकसिटी जयपुर देखने को बेताब है " मयंक ने कहा।
" अच्छा है, साथ में घूमने से हमें नए दोस्त मिल जाएंगेl"
"हेलो दोस्तों ,मैं हूं आप सब का गाइड राजू। मेरी इस बस में आप सभी का स्वागत है। जयपुर उर्फ गुलाबी शहर के नाम से आप भली-भांति वाकिफ होंगेl भारत के सबसे बड़े राज्य की राजधानी जिसके विशिष्ट व्यंजन घेवर ,दाल, बाटी ,चूरमा, प्याज कचोरी का स्वाद कभी भुलाए नहीं भूलता।
क्या आपको पता है कि जयपुर को गुलाबी शहर क्यों कहा जाता है?"
"नहीं"
" चलिए मैं आपको बताता हूं। शहर को वेल्स के राजकुमार के स्वागत की खुशी में पूरी तरह से गुलाबी रंग से रंगा गया था ।तभी से इसका नाम गुलाबी शहर पड़ गया। जयपुर के दर्शनीय स्थलों की बात करें तो सबसे पहला नाम आएगा हवामहल।...... तो सबसे पहले हम सभी हवामहल घूमने जाएंगे।"
सब बस में अपनी अपनी सीट पर बैठ जाते हैं और हवा महल घूमने के लिए निकल जाते हैं वहां पहुंचकर राजू ने सभी को हवामहल के बारे में बताना शुरू कर दिया ।


महाराजा सवाई सिंह द्वारा बनवाया गया यह महल अत्यंत ही खूबसूरत है ।यह महल शाही महारानीयो और राजकुमारियों के लिए बनवाया गया था। ताकि वह बाजार में होने वाली चहल-पहल ,उत्सव, त्योहारों को इनमें बने झरोखों से देख सकें। इसे हिंदू राजपूत और इस्लामिक वास्तुकला के सम्मिश्रण से बनाया गया है। इसमें 953 झरोखे हैं जिससे आप आसपास के सभी नजारों को बखूबी देख पाएंगे। कई झरोखे और खिड़कियां होने के कारण इस महल को "पैलेस ऑफ विंड "भी कहा जाता है। इसके सभी झरोखे दूर से देखने पर मधुमक्खियों के छत्ते के समान दिखाई देते हैं, जो राजपूतों के समृद्ध विरासत का एहसास दिलाते हैं। हवा महल की सबसे खास बात यह है कि यह दुनिया में किसी भी नीवके बिना बनी हुई सबसे ऊंची इमारत है।"
" वाओ सो ब्यूटीफुल आप हमें बाहर से ही इसके बारे में बताते रहेंगे कि अंदर भी ले चलेंगे" अलका ने कहा
" चलिए चलिए "
"यह तो बहुत ही खूबसूरत है परंतु इसका गेट सामने नहीं दिखाई दे रहा।
" हां इसका दरवाजा बगल से है ,चलिए आप सभी को अंदर से दिखाता हूं।"
" इतनी सारी खिड़कियां यहां से तो बाहर का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रहा है। मुझे तो राजकुमारियों वाली फीलिंग आ रही है।"अल्का ने कहा
" यह कितना हवादार है ना, हां तभी तो इसे हवामहल कहते हैं ।यह गर्मी का भी कोई असर नहीं पड़ता बाहर कितनी भी गर्मी हो अंदर का तापमान सामान्य रहता है। सभी काफी उत्सुकता से महल नक्काशी और खूबसूरती को बारीकी से निहारते हुए आगे बढ़ते हैं महल  की अलौकिक सुन्दरता को निहारते हुये अवनी आगे बढती है। तभी दूसरी ओर से आते हुये अनील से टकरा जाती है। टकराहट में एक दूसरे का स्पर्श हो जाने से दोनों के शरीर में अजीब सी तरंगे दौड़ने लगती हैं ।जिससे दोनों मूर्तिवत वही खड़े हो जाते हैं। तभी ध्रुव ,अवनी के नजदीक आ जाता है । वह अवनी के सर पर चपत लगाते हुये कहता है। आगे नहीं चलना है क्या? संभल कर चला करो ।सहसा अवनी यथार्थ में लौट आती है और इसके बाद वे सभी सिटी पैलेस के लिए निकल जाते हैं ।


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रचनाएँ
इन्तजार
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इन्तजार ,सच्चे प्यार की कहानी है ।जिसमें कुछ सामाजिक कुप्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।दर्द, तडप ,साहस ,विश्वास सभी इस कहानी के प्रमुख तत्व हैं ।काल्पनिक होते हुये भी जीवन्तता कीअनुभूति कराती यह कहानी आपको अवश्य पसंद आयेगी ।
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23 मार्च 2022
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हफ्ते भर जयपुर घूमने के बाद सभी वापस जाने का निर्णय लेते हैं तभी मयंक सुबह का पेपर पढ़ते हुए अवनी के रूम में आ जाता है "अवनी आज का समाचार पढ़ा तुमने?" नहीं, क्यों? कोई खास बातहै" " हां यार पास के ही ए

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भोला ने अवनी को अतीत की कुछ घटनाएं बताना प्रारंभ कर दी " गरीब घर की बेटी थी। बेचारी न जानेकैसे ठाकुर के चंगुल में फंस गई। उसकी कुछ ख्वाहिशों को पूरी न करने के कारण किसी बहाने से ठाकुर ने उसे डाय

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इन्तजार (भाग 24)

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30 मार्च 2022
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मंदिर की सीढ़ियों पर अनिल बेसब्री से अवनी का इंतजार कर रहा था। एक मिनट उसे युगों के बराबर लग रहा था तभी उसकी नजर मंदिर की ओर आती हुई अवनी पर पड़ती है, गुलाबी सूट में वह किसी गुड़िया की तरह दिख रही थी

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इन्तजार (भाग 26)

30 मार्च 2022
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इन्तजार (भाग 27)

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इन्तजार (भाग 28)

30 मार्च 2022
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इन्तजार (भाग 29 ) अंतिम भाग

30 मार्च 2022
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