पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी का फ्रेंड्स ग्रुप अनिल का फ्रेंड्स ग्रुप दोनों एक साथ हवा महल देखने जाते हैं ।वहां का खूबसूरत दृश्य देखने के दौरान अवनी अनिल से टकरा जाती है ।जिससे दोनों के शरीर में अजीब सी तरंगे दौड़ने लगती है ।उसके बाद सभी सिटी पैलेस देखने के लिए निकल जाते हैं ।वहां पहुंचकर गाइड राजू उन्हें महल के बारे में जानकारी देने लगता है।

"आइए अब आप सबको सिटी पैलेस के बारे में बताता हूं" राजू ने कहा।
"सिटी पैलेस राजस्थानी और मुगल शैलियों के मिश्रण से बना ,शाही आवास है। जो कि शहर के बीचो बीच बसा हुआ है ।"
"इसे देखिए यह भूरे रंग के संगमरमर के खंभों पर मेहराब ,सोने और रंगीन पत्थरों के नक्काशीदार फूल, पत्तियों से सजाए गए हैं ।प्रवेश द्वार पर नक्काशी दार हाथी प्रहरी की तरह बनाए गए हैं। चलिए अब पैलेस के संग्रहालय की तरफ चलते हैं। यहां पर अनेक प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर आपको देखने को मिलेगी।......
यह देखिए राजस्थानी पोशाकों का अनूठा संग्रह ,रहा है और यह रहा मुगल और राजपूत राजाओं के हथियारों का संग्रह। यह नक्काशी दार तलवारे मीनाकारी और हीरे जवाहरात से अलंकृत है।,हाँथीदाँत की तलवारें,चेन हथियार ,बंदूक,पिस्टल,तोपें,प्वाइजनटिप वाली ब्लेड,गन पाउडर के पाउच, इन सब में सबसे अधिक आकर्षक सीजर कैंची है इनमें से कुछ हथियार 15 वी शताब्दी के भी हैं ।.....चलिए महल के कला दीर्घा में चलते हैं।"
" यह कला दीर्घा क्या है ?"अलका ने कहा
"कला दीर्घा में शाही कलाकारों के लघु चित्र, उत्कृष्ट तरीके से बनाई गई कालीने ,शाही साजो सामान है।.......... आइए वहां पर चल कर देखते हैं ...यहां अरबी ,फारसी, लेटिन व संस्कृत भाषाओं में खगोल विज्ञान के संबंधित अनेकों रचनाएं उपलब्ध है।...........
इनका संग्रह सवाई जयसिंह द्वितीय ने खगोल विज्ञान का ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया था ।"
गाइड के साथ सभी ने चंद्र महल ,मुबारक महल ,मुकुट महल ,महारानी महल, श्री गोविंद देव मंदिर इत्यादि स्थानों को देखा।
" यह देखो यह तो बहुत ही खूबसूरत जार हैं लगता है यह चांदी से बने हुए हैं "अवनी ने कहा
"हां यह शुद्ध चांदी के बने जार हैं सबसे शुद्ध चांदी के सबसे बड़े चारों के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है ।"राजू ने कहा
"पैलेस के एक छोरमें खूबसूरत बगीचा और झील थी जिनको देखकर अवनी बहुत खुश हो रही थी। ग्रुप के सभी सदस्य महल के चारों तरफ घूम घूम कर उसकी सुंदरता और अद्भुत कला सौंदर्य को निहार रहे थे ।बीच-बीच में राजू उन्हें उस स्थान की विशेषता और इतिहास भी बताता जा रहा था ।सिटी पैलेस घूमने के बाद सब वापस होटल आ गए ।
" अब आप लोग विश्राम कीजिए ,सुबह हम अंबेर किला घूमने चलेंगे आप सभी 8:00 बजे तक बस के पास आ जाइएगा"
" आज तो मजा आ गया ऐसा खूबसूरत नजारा हम लोगों ने आज तक नहीं देखा था "अलका ने कहा
"हाँ यार मुझे तो लगा था कि राजस्थान जाकर हमे रेत ही रेत देखने को मिलेगी ।ऐसे खुबसूरत नजारों की मैनें कल्पना भी नहीं की थी।"स्वीटी ने कहा।
"अभी तो यह शुरुआत है आगे-आगे देखना कितनी खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे "अनिल ने कहा।
दोनों ग्रुप के सभी मेंबर खाना खा कर अपने अपने कमरों में आराम करने चले गए ।अवनी भीअपने बिस्तर पर लेटी थी ।पर उसके आंखों से नींद कोसों दूर थी उसे बार-बार अनिल के साथ हुई टक्कर का दृश्य बेचैन कर रहा था ।उसे समझ में नहीं आ रहा था। कि आखिर अनिल का स्पर्श होते ही उसे झटका क्यों लगा वह अचेत क्यों हो गई थी।इसी उधेड़बुन मे वह नींद के आगोश में समा गई ।
इधर अनील भी अवनी के बारे मे सोचते हुऐ गहन निद्रा में चला गया ।
हर सुबह की तरह अवनी की आखों से हर रोज दिखने वाला सपना नदारद था ।फिर भी वह रोज की तरह सूरज से पहले जाग कर ,बालकनी से भोर का आनन्द ले रही थी। तभी उसकी निगाह थोड़ी दूर खडे अनील की तरफ जाती है जो न जाने कब से उसे देख रहा था ।
उसे इस तरहसे देखता देख अवनी असहज महसूस करती है और रुम में चली जाती है ।
क्रमशः