shabd-logo

इन्तजार भाग 5

14 मार्च 2022

21 बार देखा गया 21

पिछले भाग में आपने पढ़ा ,अवनी कॉलेज में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए मंचन हेतु कहानी लिखने का प्रयास करती हैl परंतु आप कुछ भी लिख नहीं पातीl थक हारकर वह सो जाती है ,सोते समय वह फिर वहीं सपना देखती है । तभी अचानक रात 1:00 बजे उसकी नींद खुल जाती है। सपने के दृश्य से उसे कहानी का सब्जेक्ट सूझ  जाता है और वह कहानी लिखना शुरु कर देती है। अब आगे.............................

रात भर कहानी लिखने  के कारण  भोर मे उठने वाली अवनी सुबह के 9:00 बजे तक सोती रहती है।
"अवनी उठ ,बेटा क्या हुआ? तेरी तबीयत तो ठीक है ना... आज इतनी देर तक सो रही है।" शोभा ने कहा
मां की आवाज सुनकर वह उठती है और मां से समय पूछती है मां के द्वारा समय बताने पर वह हड़बड़ा जाती है और मां से कहती है
" 9:00 बज गए आप ने मुझे जगाया क्यों नहीं मम्मा, आज तो मैं कॉलेज के लिए लेट हो जाऊंगी"
" मैंने सोचा तेरी तबीयत ठीक नहीं होगी इसीलिए तू इतनी देर तक सो रही है, पहले तो तू कभी इतनी देर तक नहीं सोती थी।"
" हां ,वह कल रात कॉलेज में प्ले के लिए कहानी लिख रही थी।  देर से सोई थी ना, इसीलिए नींद ही नहीं खुली। अच्छा अब मैं तैयार होने जा रही हूं ,बाद में बात करती हूं" कह कर अवनी बाथरूम में चली जाती है और शोभा किचन में अवनी के लिए नाश्ता बनाने के लिए चली जाती है ।
"बाय मम्मी "
"नाश्ता तो कर ले"
" नहीं आज बहुत लेट हो गई हूं वही कैंटीन में कुछ खा लूंगी"
" यह लड़की भी ना, खाने पीने का तो होश ही नहीं रहता। जब देखो तब इसकी ट्रेन छुटती रहती है "
अवनी क्लास रूम में पहुंचती है तो क्लास चल रही होती है और जब वह टीचर से अंदर आने की परमिशन मांगती है तो सर उसे देर  से आने के लिए डांटते हैं ,और दोबारा ऐसा न करने की हिदायत देकर बैठा देते हैं। क्लास खत्म होने के बाद सभी कैंटीन में इकट्ठे होते हैं।
" क्या यार अवनी ,आज तो तूने हद कर दी, इतनी देर कैसे हो गई तुझे?" शिखा ने कहा
" हां यार ,वह रात भर सो नहीं पाई थी तो सुबह आंख नहीं खुली"
" अच्छा तो रात भर जाकर कहानी लिखी जा रही थी। चल सुना जल्दी से स्टोरी, मैं काफी एक्साइटेड हूं कुछ नया प्ले करने के लिए" शिखा ने कहा
" हां न, पर पेट में चूहे कूद रहे हैं पहले कुछ खा लूं ,सुबह जल्दी जल्दी में नाश्ता भी नहीं कर पाई थी ।"
"हां बाबा हां ,खा ले फिर अपनी कहानी सुना"
नाश्ता करने के बाद अवनी कहानी और डायलॉग सुनाने लगती है, शिखा सब को बुला लेती है ।और सभी कहानी सुनकर अब अपने व्यक्तित्व के अनुसार अपने किरदार का चुनाव करते हैं । सब डायलॉग के रिहर्सल में जुट जाते हैं लीड रोल के लिए अवनी और ध्रुव  का चयन होता है।  फिर वह दिन भी आ जाता है ,जिस दिन उन्हें अपना प्ले करना होता है। स्टेज पर अवनी ग्रामीण परिधान में एक और बैठी है ,वही ध्रुव भी ग्रामीण प्रधान में स्टेज की दूसरी और बैठा हैं ।
"रूपा मैं तुम्हारे बिना 1 दिन भी नहीं रह सकता। तुमसे दूर रहकर में केवल मौत का आलिंगन कर सकता हूं।"
ध्रुव ने कहा
" मेरी भी यही दशा है विजय तुम बिन मैं जल बिन मछली की बात तड़प कर मर जाऊंगी ।..............परंतु हमें एक दूसरे का सानिध्य पाने का कोई मार्ग नहीं दिखाई पड़ता। विधाता ने अजब रीत बनाई है, इंसान को उसने ऊंची नीची जात में बाटकर बहुत बड़ा अन्याय किया है ।एक ही रंग का खून सभी के रगों में बह रहा ,सभी की संवेदनाएं एक जैसी, सुख दुख का एहसास एक जैसा फिर जन्म के आधार पर हम अछूत कैसे हो गए?"अवनि ने कहा
" नहीं पगली ,यह रिवाज विधाता ने नहीं, स्वार्थी इंसानों ने बनाए हैं। ईश्वर के नजर में सभी एक बराबर है। मैं ऐसे किसी रिवाज को नहीं मानता जो हमें कष्ट दे।"
" परंतु समाज तो मानता है, क्या समाज से लड़कर तुम मुझे अपना पाओगे?"
" बस तुम स्वीकृति दे दो, मैं अभी अपने रक्त से तुम्हारी मांग सजा दूं। तुम्हें मेरे प्रेम पर तनिक भी भरोसा नहीं है"
" है ना ,तभी तो सब लोक लाज मर्यादा छोड़ कर तुम्हारे पास बैठी हूं. पर डर लगता है यह समझ में नहीं स्वीकारेगा"
" कोई बात नहीं, हम यह गांव छोड़कर यहां से बहुत दूर चले जाएंगे, जहां ना तुम्हें कोई जानता हो ना मुझे केवल हम ही एक दूसरे की पहचान होंगे "
"पर मुझे बहुत डर लग रहा है, कल बिरजू ने मुझे यहां देख लिया था। बापू को बताने की धमकी दे रहा था"
" तो बताने दो, मैं जल्द ही तुम्हारा हाथ मांगने तुम्हारे घर आऊंगा"
" कहीं देर ना हो जाए, बिरजू की नियत मुझे ठीक नहीं लग रही थी।ललचाई नजर से मुझे देख रहा था"
" उसकी ये मजाल , उसने तुम्हें छुआ भी तो मैं उसके हाथ पैर तोड़ दूंगा ।बड़ा पंडित बना फिरता है और पीठ पीछे ताक झांक करता फिरता है।"
" ठीक है विजय, अब मैं चलती हूं देर हो जाएगी तो मां लाख सवाल पूछेगी"
रूपा वहां से जाने लगती है थोड़ी दूर चलने पर वह बिरजू आ जाता है और रास्ता रोक कर खड़ा हो जाता है ,
"क्या बात है, बहुत चमक रही हो ।मना आई  रंगरेलियां अपने यार के साथ" बिरजू ने कहा
"दूर हट बिरजू , मुझे घर जाने दे, देर हो रही है।"
" यार के साथ थी  तो देर नहीं हो रही थी ,अब नखरे दिखा रही हैं।... जैसे उसे खुश करती है मुझे भी कर दे मैं तेरे रास्ते से हट जाऊंगा"
" छी, कितनी गंदी सोच है तुम्हारी ।तू उसकी बराबरी करेगा, तू तो उसके जूते के बराबर भी नहीं है ।उसने आज तक मुझे छुआ भी नहीं उसका मन बहुत पवित्र है यह तेरे जैसा मैला नहीं है। और बहुत जल्द ही वह मुझसे विवाह करेगा"
" हा...हा.. हा.. सपने देख रही है तू, यह ऊंची जाति वाले तेरे जैसे अछूतों को मजा लेने के लिए फासते हैं ।जब तुझ से मन भर जाएगा, दूध की मक्खी की तरह निकाल फेकेगा अपनी जिंदगी से।"
" नहीं वो ऐसा नहीं है, मेरा रास्ता छोड़ दे नहीं तो मैं शोर मचा कर गांव वालों को कट्ठा कर लूंगी।"
" चल जा, तू भी क्या याद करेगी ।पर कहे देता हूं जिस दिन वह तुझे नोच कर फेंक देगा ना, गिरेगी मेरे ही दामन में। मेरी बात मान ले, रानी बनाकर रखूंगा ।"
"ऐसी नौबत ही नहीं आएगी"
रूपा वहां से चली जाती है। पर एक अनजाना भय उसके जेहन में अपने पैर पसार रहा था ।क्या सच में विजय उससे ब्याह करेगा या बिरजू की बात में कोई दम है ।यह सोचते सोचते वह सो जाती है ।इसी दिन बीतने लगते हैं
एक दिन, दिन ढलते ही रूपा मंदिर के बहाने घर से निकल जाती है। और मंदिर के पास बने तलाब में विजय का इंतजार करती है। तभी उसे विजय आता दिखाई देता है। वह तालाब के पास बैठ जाती है, और विजय उसके नजदीक आ कर  उसके बगल में बैठ जाता है ।विजय को अपने करीब बैठा देख वह घबरा जाती है ,क्योंकि इससे पहले विजय उससे काफी दूर बैठ कर बात किया करता था ,ताकि कोई इन पर संदेह न करें ।तभी विजय रूपा से कहता है ......
"रूपा मैं आज तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं "
"क्या लाए हो मेरे लिए"
" दुनिया की सबसे अनमोल चीज, पर यहां नहीं दिखाऊंगा चल मेरे साथ"
विजय रूपा को मंदिर के पीछे जंगलों की तरफ ले जाता है।

                                                                  क्रमशः


8 अप्रैल 2022

30
रचनाएँ
इन्तजार
0.0
इन्तजार ,सच्चे प्यार की कहानी है ।जिसमें कुछ सामाजिक कुप्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।दर्द, तडप ,साहस ,विश्वास सभी इस कहानी के प्रमुख तत्व हैं ।काल्पनिक होते हुये भी जीवन्तता कीअनुभूति कराती यह कहानी आपको अवश्य पसंद आयेगी ।
1

इन्तजार( भाग 1)

9 मार्च 2022
2
1
1

"इंतजार "(भाग 1) यह एक काल्पनिक कहानी है इस कहानी के माध्यम से मैंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुप्रथा पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। यह पूर्ण

2

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
1
1
0

अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बगीचे में एक दूसरे से बात करने के

3

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बग

4

इन्तजार (भाग 3)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">ग्राउंड में कुछ युवक फुटबॉल खेल रहे हैं।दोनों टीम के खिलाड़ी अपने अपने टीम के लिए गोल करने का भरसक प्रयत्न करते हैं ।तभी फुटबाल खेल रहे अनिल के सर में अचानक

5

इंतजार (भाग 4)

12 मार्च 2022
1
1
1

अवनि कॉलेज से लौट रही थी ,तभी रास्ते में उसकी स्कूटी खराब हो जाती है ।उसका घर शहर से दूर पहाड़ियों के पास मैदानी क्षेत्र में है, इसी वजह से वह स्कूटी से आती जाती है ।अब उसके पास यह समस्या है कि यदि वह

6

इन्तजार भाग 5

14 मार्च 2022
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">पिछले भाग में आपने पढ़ा ,अवनी कॉलेज में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए मंचन हेतु कहानी लिखने का प्रयास करती हैl परंतु आप कुछ भी लिख नहीं पातीl थक हारकर वह सो जाती है ,सो

7

इन्तजार भाग 6

14 मार्च 2022
1
1
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय रूपा से मिलने तालाब के किनारे आता है lऔर उससे कहता है कि वह उसके लिए कुछ उपहार लाया है lपरंतु वह उसे यहां नहीं दिखाएगा यह कह कर तालाब से उसे मंदिर के पीछे के जंगल की तरफ ल

8

इन्तजार भाग 7

14 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सब ने पढ़ा कि अवनी और उसके फ्रेंड वार्षिक उत्सव में नाटक का मंचन करते हैं। मुख्य अतिथि के द्वारा सभी कलाकारों को पुरस्कार वितरित किया जाता है। और वार्षिक उत्सव समाप्त हो जाता है। अब आ

9

इन्तजार भाग 8

15 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा की पार्टी समाप्त होने के बाद अवनी स्कूटी से घर जाने के लिए तैयार होती है। लेकिन ध्रुव उसे स्कूटी से जाने के लिए मना कर देता है। और उसे अपने साथ कार से घर छोड़ने का प

10

इन्तजार (भाग 9)

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी की तबीयत खराब होने की वजह से ध्रुव उससे मिलने आता है ।उसे सोता हुआ देखकर वहीं उसके पास बैठ जाता है। जब अवनी की नींद खुलती है तो वह दोनों बातें करने लग

11

इन्तजार (भाग 10 )

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ध्रुव अवनी से अपने हाल ए दिल बयां करता है। वहीं अवनी उसकी बातों का कोई जवाब नहीं देती, और जड़वत बैठी रहती है। अब आगे ............. "क्या हुआ अवनी तुम खामोश क्यों

12

इन्तजार भाग 11

17 मार्च 2022
0
0
0

"डॉ अनिल अनिल की बेहोशी और सर दर्द की वजह क्या है? मेरे बेटे को कब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। आप जहां कहेंगे मैं वहां उसका इलाज करा लूंगा। बस वह ठीक हो जाए।" विजय ने कहा "देखिए सर मैंने हर तरह

13

इन्तजार भाग 12

18 मार्च 2022
0
0
0

ध्रुव ,अवनि से मिलने के लिए और उसके सपने के रहस्य को जानने के लिए बेचैन हो जाता है ।शाम को वह अवनी के घर पहुंचता है डोर बेल बजाने पर दरवाजा शोभा खोलती है ।तीनों साथ में चाय पीते हैं फिर शोभा घर

14

इन्तजार भाग 13

18 मार्च 2022
0
0
0

ट्रेन जयपुर स्टेशन पर पहुंचती है, अलका ,स्वीटी ,अनिल और बाकी सभी फ्रेंड से नीचे उतर कर अपना अपना सामान चेक करते हैं lऑटो स्टैंड से ऑटो लेकर वे सभी जयपुर के एक अच्छे होटल में पहुंच जाते हैं l "यार हम स

15

इन्तजार (भाग 14)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी का फ्रेंड्स ग्रुप अनिल का फ्रेंड्स ग्रुप दोनों एक साथ हवा महल देखने जाते हैं ।वहां का खूबसूरत दृश्य देखने के दौरान अवनी अनिल से टकरा जाती है ।जिससे दोनों के शरीर में अज

16

इन्तजार( भाग15)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि सभी टूरिस्ट सिटी पैलेस जाते हैं। और वहां की ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन करते हैं। वहां से आकर सभी अपने अपने रूम में सोने चले जाते हैं। नित्य की भांति अवनी भोर में प्राकृतिक स

17

इन्तजार (भाग16 )

19 मार्च 2022
0
0
0

"तो राजू अब कल आप हमें कहां घुमा रहे हैं ?"अलका ने बस से उतरते हुए कहा। "जयपुर में देखने के लिए अभी कई स्थान बचे हुए हैं जल महल ,नाहरगढ़, रामबाग पैलेस ,रायगढ़ किला, नाहर दुर्ग, जंतर मंतर यह सब यहां क

18

इन्तजार भाग (17)

19 मार्च 2022
0
0
0

दिन भर की थकान के बाद सभी पर्यटक अपने अपने कमरों में सोने चले जाते हैं lपरंतु ध्रुव की आंखों में नींद नहीं थी वह बालकनी में खड़े होकर आकाश में चमकते चांद को देख रहा थाl दूधिया सफेद चाँद उसके ह्रदय की

19

इन्तजार भाग( 18)

23 मार्च 2022
0
0
0

हफ्ते भर जयपुर घूमने के बाद सभी वापस जाने का निर्णय लेते हैं तभी मयंक सुबह का पेपर पढ़ते हुए अवनी के रूम में आ जाता है "अवनी आज का समाचार पढ़ा तुमने?" नहीं, क्यों? कोई खास बातहै" " हां यार पास के ही ए

20

इन्तजार (भाग 19 )

23 मार्च 2022
0
0
0

मयंक सभी को कल के ट्रेन के समय से अवगत कराता है और अपने अपने सामान पैक करने को बोलता हैlवह ध्रुव के पास जाता है और उसे अवनी के मंसूबों के बारे में बताता है। अवनी के रुकने की बात जानकर ध्रुव भी रुकने क

21

इन्तजार (भाग 20)

24 मार्च 2022
0
0
0

अवनी बरछी में रुक कर ग्रामीणों से उस महिला के बारे में जानकारी एकत्र करना चाहती थी। जिसके लिए उसे किसी घर में पेइंग गेस्ट की तरह कुछ दिन रहना था। अवनी इस गांव में किसी को ना जानती थी ।उसे होटल क

22

इन्तजार भाग 21

25 मार्च 2022
0
0
0

,नाश्ता करने के बाद सुधा और राधेश्याम अपने अपने कामों में लग गएl अवनी भी गांव में घूम घूम कर जानकारी एकत्रित करना चाहती थी ।इसके लिए उसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ की जरूरत थी जो इस गांव के बारे मे

23

इन्तजार भाग 22

25 मार्च 2022
0
0
0

अवनी और दीपू मिलकर प्लान बनाते हैं जिसके तहत वे गांव में उन घरों में जहां की बहू बेटियों को डायन करार देकर जला दिया गया था वहां जाकर इस प्रथा के खिलाफ विरोध करने के लिए समझाते हैं ।गांव के बाहर

24

इन्तजार (भाग 23)

29 मार्च 2022
0
0
0

भोला ने अवनी को अतीत की कुछ घटनाएं बताना प्रारंभ कर दी " गरीब घर की बेटी थी। बेचारी न जानेकैसे ठाकुर के चंगुल में फंस गई। उसकी कुछ ख्वाहिशों को पूरी न करने के कारण किसी बहाने से ठाकुर ने उसे डाय

25

इन्तजार (भाग 24)

29 मार्च 2022
0
0
0

"रतन सिंह को सजा होगी न दीदी "दीपू ने अवनी से कहा " दीपू जब तक मैं इन्हे सजा ना दिला दूं हार नहीं मानूंगी बस तुम सब विश्वास बनाए रखना। कब तक वह भाड़े के टट्टू के सहारे हमें डराएगा " "जी दीदी हम सब आपक

26

इन्तजार (भाग 25 )

30 मार्च 2022
0
0
0

मंदिर की सीढ़ियों पर अनिल बेसब्री से अवनी का इंतजार कर रहा था। एक मिनट उसे युगों के बराबर लग रहा था तभी उसकी नजर मंदिर की ओर आती हुई अवनी पर पड़ती है, गुलाबी सूट में वह किसी गुड़िया की तरह दिख रही थी

27

इन्तजार (भाग 26)

30 मार्च 2022
0
0
0

जुग जुग जिए हो ललनवा अगनवाँ के भाग जागल हो ललना लाला होइयेहैं कुलवा के दीपक मनवाँ में आस लागल हो आजु के दिनवाँ सुहावन रतिया लुभावन हो ललना दिदिया के होरिला जनमें होरिलवा बडा सुंदर हो सासु

28

इन्तजार (भाग 27)

30 मार्च 2022
0
0
0

उस लड़की ने वहां की सजावट को देखकर अंदाजा लगा लिया कि यहां पर कोई भव्य आयोजन होने वाला है। जहां तरह-तरह पकवान बने थे जिनकी सुगंध उसकी व्याकुलता को और बढ़ाने का कार्य कर रहे थे ।पर उस

29

इन्तजार (भाग 28)

30 मार्च 2022
1
1
0

अवंतिका नियमित रूप से हवेली में काम करने लगी ।उसे नवप्रसूता और नवजात से दूर रखा जाता लेकिन उसके मन में नवजात को देखने की उत्सुकता बलवती होती जा रही थी ।हरिसिंह भी अवंतिका के रूप सौंदर्य से मोहित होकर

30

इन्तजार (भाग 29 ) अंतिम भाग

30 मार्च 2022
0
0
0

अगले दिन अवनी ,अनिल ध्रुव और दीपू सभी गाव वालो को लेकर थाने के सामने आमरण अनशन करने लगती है ,मीडिया को भी घटना कवर करने के लियें बुला लेती है। बरछी की घटना सभी न्यूज चैनलों में दिखाई देने से क्षेत्र व

---

किताब पढ़िए