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इन्तजार भाग 11

17 मार्च 2022

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"डॉ अनिल अनिल की बेहोशी और सर दर्द की वजह क्या है? मेरे बेटे को कब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। आप जहां कहेंगे मैं वहां उसका इलाज करा लूंगा। बस वह ठीक हो जाए।" विजय ने कहा 
"देखिए सर मैंने हर तरह की जांच करके देख लिया है मुझे किसी भी प्रकार की समस्या नजर नहीं आई ।वैसे आप चाहें तो इसे किसी बड़े डॉक्टर को भी दिखा सकते हैं।
हां पर एक राय देना चाहता हूं।"
" कहिए आप हमारे फैमिली डॉक्टर हैं, मुझे आप पर पूरा भरोसा है। "
"एक जगह रहते रहते शायद नीरसता की वजह से ऐसा हो रहा हो। यदि वह कहीं घूमने फिरने जाए तो हो सकता है कि उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार हो। बाकी फिजिकली तौर पर वह पूरी तरह से स्वस्थ है।"
" ठीक है डॉक्टर इतने प्रयास किए हैं तो एक बार यह भी करके देखता हूं। ठीक है अब मैं चलता हूं, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद"
विजय ने घर आकर अलका को सारी बातें बताई। स्वीटी ने जब यह सुना तो वह भी खुश हो गई
" मम्मी हम सब कहां घूमने जा रहे हैं "स्वीटी ने कहा 
"अभी तो तय नहीं है, अनिल के आने के बाद उसी से पूछेंगे कि उसे कहां जाना पसंद है।"
"डिनर के समय पर सब इकट्ठे रहेंगे तभी डिसाइड कर सकेंगे "
"ओके मम्मा"
रात मे सब इसी विषय पर चर्चा करतेहैं।तब अनिल राजस्थान घूमने का सुझाव देता है ।
"क्या भैया ऊँटी, मनाली ,पचमढ़ी ,जैसे इंटरेस्टिंग प्लेस छोड़कर आप राजस्थान जाने के बारे में सोच रहे हैं। वहां के मरुस्थल देखने के लिए?"
" क्या वहां पर केवल मरुस्थल ही हैं ?"
"क्यों ऐसा क्या है वहां"
"काफी समय से मैं वह जाने के लिए सोच ही रहा था। ऐसा लगता है जैसे वह जगह मुझे बुला रही हो।...... शायद मेरी अवंतिका हो वहां" अनिल ने कहा
" क्या भैया आप भी ना, जब देखो अवंतिका अवंतिका.... क्या कभी सपने भी सच होते हैं। खैर अब आपको वही जाना है। तो कोई रोकेगा भी नहीं ।"
अल्का कमरे में आती है 
"बच्चों तुम लोग अपने फ्रेंड से टूर  के विषय में डिस्कस कर लो और घूम आओ "
"क्यों मम्मी आप नहीं चलेगी"
" नहीं बेटा तुम सब जाओ ,तुम्हें अच्छा लगेगा"
" ठीक है "
स्वीटी और अनिल गूगल मैप पर राजस्थान के टूरिस्ट प्लेस सर्च करते हैं। पिंक सिटी जयपुर, जोधपुर ,जैसलमेर, उदयपुर, बीकानेर, पुष्कर ,अजमेर ,माउंटआबू ,चित्तौड़गढ़ रणथंबोर।
" भैया राजस्थान में तो बहुत सारे टूरिस्ट प्लेस हैं। घूमने में तो महीनों गुजर जाएंगे "स्वीटी ने कहा 
"हां स्वीटी पर हम कुछ खास जगह पर ही  जाएंगे फिर भी कम से कम 15 दिन का समय तो लग ही जाएगा। सबसे पहले हम जयपुर जाएंगे"
" भैया और कौन-कौन चलेगा साथ में "
"अभी तो मैंने किसी से बात नहीं की है, आज सब दोस्तों से पूछता हूं। उसके बाद ही रिजर्वेशन करवाएंगे हम।
" ठीक है भैया, मैं भी प्रिया से बात करती हूं वह साथ चलेगी तो मजा आ जाएगा नहीं तो आपकी कंपनी में मैं बोर हो जाऊंगी।"
" हां ...हां ठीक है उसे भी बोल दो "
"दोनों अपने दोस्तों से बातें करते हैं फाइनली विकी, विजय भी घूमने के लिए तैयार हो जाते हैं।  विकी, विजय ,प्रिया अनिल , स्वीटी का ग्रुप घूमने की तैयारी में जुट जाता है। अनिल भी रिजर्वेशन करवा लेता है 5 दिन बाद की ट्रेन है उनकी ,इसलिए वे सभी खरीदारी और पैकिंग करने लगते हैं।
"मम्मी, प्लीज आप पैकिंग करने में मेरी मदद करो ना। मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा कि मैं क्या ले जाऊं क्या नहीं। पहली बार आपके बिना घूमने जा रही हूं ।कुछ समझ ही नहीं आ रहा न जाने कैसे सब मैनेज होगा "।स्वीटी ने कहा 
"कूल डाउन बेबी, मैं हेल्प करती हूं ।अब तुम बड़े हो गए हो तुम्हें अपने सारे काम स्वयं करना सीखना होगा ।मेरी बातें ध्यान से सुनो जब हम सफर पर जा रहे हो तो हमें कम से कम सामान ले जाना चाहिए। कपड़े भी लाइटवेट व कंफर्टेबल लेने चाहिए ताकि घूमने फिरने में उलझन न हो। साथ में कुछ जरूरी दवाइयां भी रखनी चाहिए जिससे जरूरत पड़ने पर आपको परेशान ना होना पड़े। जरूरी और छोटी चीजें अलग से एक छोटे बैग में होनी चाहिए ताकि उन्हें खोजने के लिए सारा सामान उलट-पुलट न करना पड़े ।अब तो सब समझ में आ गया ना ठीक है अब तुम पैकिंग करो और मैं चलती हूं कुछ मिठाईयां और लड्डू बना दूं तुम लोगों के लिए ।"
"थैंक्यू मम्मी आप दुनिया की बेस्ट मम्मी हो ,पर मम्मी लड्डू बनाने की क्या जरूरत है आजकल तो हर जगह खाने पीने की सुविधा रहती है "
"हां बेटा पर कभी-कभी इनकी जरूरत भी होती है। अब तुम पैकिंग कर लो ,अनिल भी आता होगा उसके सामान भी पैक करने हैं"
" ठीक है मम्मी "
स्वीटी और अलका सफर की तैयारियों में लग जाती है। रिजर्वेशन वाले दिन सभी दोस्त अपने अपने सामान के साथ रेलवे स्टेशन में पहुंच जाते हैं। ट्रेन के आने पर सभी अपनी अपनी सीट चेक करते हैं, और सामान सेट करके गपशप करने लगते हैं।
" मैं आज बहुत खुश हूं ,स्कूल टूर के बाद आज तक मैं कहीं भी घूमने नहीं जा पाई। पापा के पास तो टाइम ही नहीं है, और अकेले कहीं जाने नहीं देते।" प्रिया ने कहा 
"तो आज कैसे आने दिया ?"
"तुम लोगों का साथ था तो मैं जिद करके आ गई ,स्वीटी तुमने मेकअप किट रख लिया है ना "
"हां बाबा रख लिया है ,वैसे भी हम घूमने जा रहे हैं किसी फैशन शो में नहीं "
"तो क्या हुआ हमें हमेशा परफेक्ट दिखना चाहिए "
"हां... हां ठीक है मेकअप की दुकान ,अब थोड़ी अंताक्षरी हो जाए ताकि हमारा भी टाइम पास हो जाए "विकी ने कहा 
"हां क्यों नहीं, देखते हैं गर्ल्स और ब्याज में कौन जीतता है।
सभी समय काटने के लिए अंताक्षरी खेलते हैं। रात होने पर सब खाना खाकर अपनी अपनी बर्थ पर सो जाते हैं ।"पर अनिल की आंखों में नींद नहीं आती। वह खिड़की के बाहर की तरफ देखता रहता है ।रात की वजह से कुछ भी साफ दिखाई नहीं पड़ता। परंतुवह   अपने अनसुलझे विजंस की तरह उन धुंधले जंगलों को देखने ,समझने का प्रयास करता है। तभी उसकी नजर चांद की तरफ जाती है। और वह उससे बातें करने लगता है।
" चंदा तुझे तो पता है ना कि मेरी अवंतिका कहां है? मेरा संदेश उस तक पहुंचा देना। मैं आ रहा हूं उसे खोजने ।जाने क्यों मुझे ऐसा लगता है कि वह मुझे राजस्थान में मिलेगी।  जो गांववाले सपने में दिखाई देते हैं वह राजस्थानी है, उनके कपड़े से तो ऐसा ही लग रहा था।
हो सकता है यह सब मेरा वहम हो। पर ना जाने क्यों ऐसा लगता है। कि तुम मुझे वहीं मिलोगी
अगर ईश्वर की मर्जी होगी तो वह हमें जरूर मिलाएगा। अगर तुम नहीं मिली अवंतिका तो मैं आजीवन अविवाहित रहूंगा। मैं तुम्हारा स्थान किसी को नहीं दे सकता, फिर चाहे तुम मेरी कोरी कल्पना ही क्यों न हो।...... पर तुम कल्पना तो नहीं हो सकती ।मैं तुम्हें महसूस करता हूं, मेरी धड़कनों में मेरी यादों में और तुम्हें देखता हूं, हमेशा सपनों में।
मैं आ रहा हूं तुम्हारी तलाश में। उसकी तलाश में जो कभी मुझे मिली ही नहीं, और मैं यह तलाश तब तक जारी रखूंगा जब तक तुम  मुझे मिल नहीं जाती।

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रचनाएँ
इन्तजार
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इन्तजार ,सच्चे प्यार की कहानी है ।जिसमें कुछ सामाजिक कुप्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।दर्द, तडप ,साहस ,विश्वास सभी इस कहानी के प्रमुख तत्व हैं ।काल्पनिक होते हुये भी जीवन्तता कीअनुभूति कराती यह कहानी आपको अवश्य पसंद आयेगी ।
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23 मार्च 2022
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हफ्ते भर जयपुर घूमने के बाद सभी वापस जाने का निर्णय लेते हैं तभी मयंक सुबह का पेपर पढ़ते हुए अवनी के रूम में आ जाता है "अवनी आज का समाचार पढ़ा तुमने?" नहीं, क्यों? कोई खास बातहै" " हां यार पास के ही ए

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29 मार्च 2022
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"रतन सिंह को सजा होगी न दीदी "दीपू ने अवनी से कहा " दीपू जब तक मैं इन्हे सजा ना दिला दूं हार नहीं मानूंगी बस तुम सब विश्वास बनाए रखना। कब तक वह भाड़े के टट्टू के सहारे हमें डराएगा " "जी दीदी हम सब आपक

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मंदिर की सीढ़ियों पर अनिल बेसब्री से अवनी का इंतजार कर रहा था। एक मिनट उसे युगों के बराबर लग रहा था तभी उसकी नजर मंदिर की ओर आती हुई अवनी पर पड़ती है, गुलाबी सूट में वह किसी गुड़िया की तरह दिख रही थी

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जुग जुग जिए हो ललनवा अगनवाँ के भाग जागल हो ललना लाला होइयेहैं कुलवा के दीपक मनवाँ में आस लागल हो आजु के दिनवाँ सुहावन रतिया लुभावन हो ललना दिदिया के होरिला जनमें होरिलवा बडा सुंदर हो सासु

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इन्तजार (भाग 27)

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इन्तजार (भाग 28)

30 मार्च 2022
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अवंतिका नियमित रूप से हवेली में काम करने लगी ।उसे नवप्रसूता और नवजात से दूर रखा जाता लेकिन उसके मन में नवजात को देखने की उत्सुकता बलवती होती जा रही थी ।हरिसिंह भी अवंतिका के रूप सौंदर्य से मोहित होकर

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इन्तजार (भाग 29 ) अंतिम भाग

30 मार्च 2022
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