अगले दिन अवनी ,अनिल ध्रुव और दीपू सभी गाव वालो को लेकर थाने के सामने आमरण अनशन करने लगती है ,मीडिया को भी घटना कवर करने के लियें बुला लेती है।
बरछी की घटना सभी न्यूज चैनलों में दिखाई देने से क्षेत्र विशेष के मंत्री सकते में आ जाते हैं ।तभी थाने कीघंटी बजती है ।
"हलो इंस्पेक्टर"
"जी सर "
"अभी तक मुजरिमों को पकडा क्यों नही गया ।"
"जी सर ,उनके खिलाफ कोई सबूत नही मिला सर ।"
"इतनी बडी जनता तुम्हे दिखाई नही देती ।मेरा वोट बैंक खाली करना चाहते हो । जल्दी एक्शन नही लिया तो कुर्सी खतरे में पड जायेगीगी मेरी ।"
"जी सर "
मंत्री के कहने पर पुलिस रतन सिंह और वारदात मे शामिल लोगों को पकड लेती है ।
इधर रतन सिंह के पकडे जाने सेहरि सिंह तिलमिला उठता है ।वह अवनी को मारने के लिये कुछ गुंडे भेजता है ।
इधर अवनी और अनील दीपू के घर में बैठ कर रतन सिंह के गिरफ्तारी के विषय मे बाते कर रहे थे तभी रतन सिंह के गुंडों ने अवनी पर हमला कर दिया ।उनमे से एक ने अवनी पर गोली चलाई तभी ध्रुव अवनी के सामने आ जाता है और गोली उसे लग जाती है।अनिल दीपू गुंडों को मार पीट कर भगा देतें हैं ।
ध्रुव तुमने मेरी गोली अपने सीनें में क्यों ले ली यह कहकर अवनीउसका सिर अपनी गोद में ले लेती है ।
तुम्हें तुम्हारा इंतजार मिल गया ।तुम्हारे बिना मै नहीं जी सकता पर तुम्हारे लिये मर तो सकता हूँ न ।जीवनके रंगमंच पर मेरा किरदार यहीं तक था अवनी ।मै तुमसे जादा दिन दूर नहीं रह सकता ।मै जल्दीही आऊगां तुम्हारे आगन मे तुम्हारा बेट बन कर ।"
"तुम्हे कुछ नहीं होगा ध्रुव ,..........कोई जल्दीसे इसे हास्पिटल ले चलो ।"
"नहीं अवनी अब मुझे जाना होगा "
"अनिल मेरी अवनी को हमेशा खुश रखना .......इतना कहकर ध्रुव की सांस रूक जाती है । वहाँ मौजूद सभी लोग रोने लगतें हैं ।"
1साल बाद ......................................
अवनी ने अनिल के बेटे को जन्मदिया जिसका नाम रख्खा "ध्रुव "
समाप्त