shabd-logo

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022

19 बार देखा गया 19

अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बगीचे में एक दूसरे से बात करने के लिए जाते हैं जहां रोहन उसने अपनी स्वीकृति प्रदान कर देता है, और अवनी की राय मांगता है। अब आगे.....।


"जी, मुझे भी आप पसंद हो" 

अवनी ने शर्माते हुए कहा
"पर मुझे एक बात कहनी है, मैं हमेशा से ऐसा हमसफर चाहती थी जो मुझे समझे मेरे सुख-दुख में मेरा साथ दे। मेरी समस्याओं को अपनी समस्या समझ कर हल करें।"
"बिल्कुल अवनी जी,मैं जिंदगी में हर सुख दुख में आपका साथ दूंगा, हर तरह समस्या निजात दिलाने का प्रयास करूंगा।"
" परंतु रोहन जी समस्या तो मेरे पास अभी ही है ,अब जबकि हम दोनों विवाह बंधने जारहे  हैं तो मैं आपसे एक बात  कहना चाहती हूं। मैं नहीं चाहती कि भविष्य में यह बात आपको किसी और से पता चले और आप मुझ पर शक करो।"
" मेरे कॉलेज में एक लड़का पढ़ता है हम दोनों अच्छे दोस्त  हैं। मैं ऐसा ही समझती थी, लेकिन एक दिन उसने मुझसे कहा कि वह मुझसे प्यार करता है ,और मुझसे शादी करना चाहता है ।मैंने उसे समझाया कि हम दोनों केवल दोस्त हैं और मैं तुमसे प्यार नहीं करती। मेरी शादी मेरे मम्मी पापा की पसंद से ही होगी l
तो उसने मुझे धमकाया की मेरे सिवा तुम जिससे भी शादी करोगी मैं उसकी जान ले लूंगा। मुझे यह बताने में अच्छा नहीं लग रहा है ,पर आप के अलावा पहले भी एक दो रिश्ते आ चुके हैं परंतु उसकी वजह से किसी के साथ बात ना बन सकी। दोनों रिश्तेदारों से उसने झगड़ा कर लिया था और मेरे बारे में गलत गलत बातें फैला दी ।बस यही डर लगता है
यदि उसे आपके बारे में पता चलेगा तो वह इस बार भी वैसी ही  हरकत करेगा यदि आप खुद को मेरी जगह रखेंगे तो आप मेरी बात समझ पाएंगे।..................... आप मैनेज कर लेंगे ना रोहन जी।"
" जी कोशिश करूंगा, मैं उसे समझाने का भी प्रयास करूंगा "रोहन ने कहा।
फिर वे दोनों बातें खत्म करके हाल में आ गए रोहन ने माँ  को घर चलने के लिये कहा।
" रोहन बेटा तो आपका इस रिश्ते के बारे में क्या ख्याल है" शोभा ने कहा।
" शाम तक सोच कर बताता हूं आंटी जी", रोहन ने अनमने ढंग से कहा।
फिर वे सभी अपने घर चले जाते हैं वैसे तो रोहन को अवनी  पसंद थी पर अपनी जिंदगी में वह किसी तरह की उलझन नहीं चाहता था। वह शांति से अपनी मैरिड लाइफ इंजॉय करना चाहता था। सो  उसे अवनी की लाइफ क्रिटिकल लग रही थी। उसने रिश्ते केलिए मना कर दिया। "हेलो ....हेलो रवि जी मुझे बताते हुए अच्छा तो नहीं लग रहा है पर रोहन अभी शादी नहीं करना चाहता अगर आप कुछ सालों की मोहलत दे दे तो अच्छा रहेगा" रोहन की मां ने कहा
"जी ठीक है, जैसा आप ठीक समझें बहन जी" रवि ने कहा।
"क्या हुआ क्या कहा रोहन की फैमिली ने ,कब तक की शादी की डेट रख रहे हैं। सुभा ने  रवि से कहा "
वह अभी कुछ सालों तक शादी नहीं करना चाहते
" ऐसा तो उनकी बातों से लग नहीं रहा था रोहन की मां को तो बहुत जल्दी थी बहू लाने की, ऐसा क्या हो गया ?"

"कुछ नहीं शायद उन्हें यह रिश्ता नहीं करना"
" पर रोहन और अवनी की मुलाकात के पहले तो सभी बहुत खुश नजर आ रहे थे हो न हो यह अवनी का किया धरा हो" रवि ने कहा ।
"अवनी....  इधर आओ "
"आई मम्मी"
" रोहन ने रिश्ते के लिए मना कर दिया ,क्या तुम मुझे बता सकती  हो क्यों ?"
"मुझे क्या पता "
"मेरी तरफ देख कर बोलो ,तुमने रोहन से क्या कहा?
"कुछ भी तो नहीं"
" झूठ मत बोलो तुम्हें तो बहुत खुशी हो रही होगी यह जानकर तुम्हारी मुराद जो पूरी हो गई है हर बार की तरह इस बार भी रिश्ता टूट  गया ।आखिर तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है "शोभा ने खींझते हुए कहा
"जब आपको पता है कि मुझे शादी नहीं करनी तो क्यों आप लोग मेरी शादी के लिए परेशान रहते हैं"
" हम तेरे मां-बाप हैं, दुश्मन नहीं। हमारे भी कई अरमान है अपनी बेटी को दुल्हन के रूप में देखने के ।अब तेरा अपना घर परिवार बस जाए तो हमें भी चैन मिले।"
" क्यों यह मेरा घर परिवार नहीं ,आप लोग मुझे खुद से दूर करना चाहते हैं"।
" ऐसी बात नहीं है बेटा, पर हर किसी को अपना घर तो बसाना  पड़ता है, फिर आज तो हम हैं, कल को हम रहे ना रहे, तो जीवन बिताने के लिए जीवनसाथी तो बनाना ही पड़ता है "रवि ने कहा
"पर पापा मैं अभी शादी नहीं करना चाहती "
"लेकिन क्यों कारण भी तो नहीं बताती । तुम किसी  और को पसंद करती हो तो बता दो। हम तुम्हारी शादी उसी से करा देंगे"" शोभा ने कहा
" नहीं मां मैं किसी को नहीं चाहती हूं बस मुझे अभी शादी नहीं करनी।"
"यह तो कोई बात ना हुई अवनी, अब बचपना छोड़ दो, और सोच समझकर निर्णय लो ।तुम छोटी नहीं हो "
"जी पापा "पर आप लोग मुझे कुछ समय दीजिए सही समय आने पर मैं सब कुछ आपको बता दूंगी ।"
इसकी बातें तो मेरी समझ से परे है ,ना जाने कैसी पहेली भरी बातें करती है,"
" शोभा छोड़ो इन बातों को रात हो रही है उसे आराम करने दो "।
"बच्ची  है, समय के साथ उसे हमारी बातें समझ में आ जाएगी"
खाना खाकर वह कमरे में चली जाती हैं ।अवनी बिस्तर पर लेट तो जाती है, पर उसकी आंखों से नींद कोसों दूर है।
" मैं शादी क्यों नहीं करना चाहती क्या जवाब दूं मैं मम्मी को ,इस प्रश्न का जवाब तो मुझे भी नहीं पता क्या कहूं मैं मुझे इंतजार है अनिरुद्ध का जिसे मैं सपने में देखती हूं। अनिरुद्ध तुम कौन हो कहां हो आखिर मेंरे सपने में तुम क्यों आते हो? वह सपना केवल सपना नहीं हो सकता। नहीं तो हमेशा एक ही सपना क्यों देखतीं।

हे ईश्वर ,आपकी मर्जी आप ही जानो पर मुझे मेरे अनिरुद्ध से मिला दो ।
यह सब सोचते सोचते अवनी की आंख लग जाती है पूर्णिमा की उंजली रोशनी में सारा सामा नहा रहा था। वही नदी के किनारे एक युवक और एक युवती बैठे हुए थे। युवक की उम्र लगभग 23 _24 के आसपास  थी वहीं युवती की 18 उन्नीस के आसपास लग रही थी l जहां युवती ग्रामीण वेशभूषा मे थी।
वहीं युवक की पोशाक से वह युवती के समकक्ष नहीं लग रहा था वह संभ्रांत परिवार का प्रतीत हो रहा था 5 फुट 8 इंच की लंबाई गेहुआ रंग सुडौल शरीर वह युवक काफी आकर्षक लग रहा था वहीं युवती का भी रूप  अनुपम था सादगी में।
चन्द्रमाके  समानआकर्षक लग रही थी, और उसके वस्त्र चंद्रमा में दिखने वाले धब्बे के समान।


दोनों युवक युवती पास में पड़े पत्थर उठाकर नदी के पानी में फेंक रहे थे ।और एक दूसरे को देख रहे थे परंतु दोनों के मध्य कोई बात नहीं हो रही थी। हाव भाव से वह दोनों ही चिंतित नजर आ रहे थे। फिर धुंधला सा छा जाता है फिर वह युवती एक पेड़ पर बंधी है। उसके चारों ओर आग जल ही है ।वह मदद के लिए अनिरुद्ध..... अनिरुद्ध की आवाज लगा रही है। तभी वहां वहीं युवक आ जाता है और वह उसे बचाने के लिए आग में कूद जाता है। उसकी रस्सी खोलने लगता है ।तभी अचानक से वहां कुछ गुन्डे  आ जाते हैं ,और वह उसी युवक को खींचकर दूसरे पेड़ से बांध देते हैं। वह युवती पुनः चीख पड़ती है।
" अनिरुद्ध....... अनिरुद्ध ,छोड़ दो अनिरुद्ध को "।
और इसी चीख  के साथ अवनी की नींद खुल जाती है। "फिर वही सपना, अनिरुद्ध तुम कौन हो? कहां हो?
मैंने तुम्हें कभी नहीं देखा ,पर ना जाने क्यों मेरी सांसे सिर्फ तुम्हारे लिए ही चल रही है। यदि तुम मुझे नहीं मिले तो मैं सारी उम्र अविवाहित रह जाऊंगी, और अपने प्राण त्याग दूंगी।
" हे ईश्वर मैं तुम्हारे खेल को नहीं समझ सकती ।आखिर मुझे इस तरह के सपने बार-बार क्यों आते हैं ।मैं बस इतना जानती हूं कि मुझे मेरे अनिरुद्ध से मिला दो।
ऐसे सोचते हुए वह अपने दैनिक कार्यों में लग जाती है।



                                     क्रमशः


30
रचनाएँ
इन्तजार
0.0
इन्तजार ,सच्चे प्यार की कहानी है ।जिसमें कुछ सामाजिक कुप्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।दर्द, तडप ,साहस ,विश्वास सभी इस कहानी के प्रमुख तत्व हैं ।काल्पनिक होते हुये भी जीवन्तता कीअनुभूति कराती यह कहानी आपको अवश्य पसंद आयेगी ।
1

इन्तजार( भाग 1)

9 मार्च 2022
2
1
1

"इंतजार "(भाग 1) यह एक काल्पनिक कहानी है इस कहानी के माध्यम से मैंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुप्रथा पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। यह पूर्ण

2

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
1
1
0

अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बगीचे में एक दूसरे से बात करने के

3

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बग

4

इन्तजार (भाग 3)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">ग्राउंड में कुछ युवक फुटबॉल खेल रहे हैं।दोनों टीम के खिलाड़ी अपने अपने टीम के लिए गोल करने का भरसक प्रयत्न करते हैं ।तभी फुटबाल खेल रहे अनिल के सर में अचानक

5

इंतजार (भाग 4)

12 मार्च 2022
1
1
1

अवनि कॉलेज से लौट रही थी ,तभी रास्ते में उसकी स्कूटी खराब हो जाती है ।उसका घर शहर से दूर पहाड़ियों के पास मैदानी क्षेत्र में है, इसी वजह से वह स्कूटी से आती जाती है ।अब उसके पास यह समस्या है कि यदि वह

6

इन्तजार भाग 5

14 मार्च 2022
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">पिछले भाग में आपने पढ़ा ,अवनी कॉलेज में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए मंचन हेतु कहानी लिखने का प्रयास करती हैl परंतु आप कुछ भी लिख नहीं पातीl थक हारकर वह सो जाती है ,सो

7

इन्तजार भाग 6

14 मार्च 2022
1
1
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय रूपा से मिलने तालाब के किनारे आता है lऔर उससे कहता है कि वह उसके लिए कुछ उपहार लाया है lपरंतु वह उसे यहां नहीं दिखाएगा यह कह कर तालाब से उसे मंदिर के पीछे के जंगल की तरफ ल

8

इन्तजार भाग 7

14 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सब ने पढ़ा कि अवनी और उसके फ्रेंड वार्षिक उत्सव में नाटक का मंचन करते हैं। मुख्य अतिथि के द्वारा सभी कलाकारों को पुरस्कार वितरित किया जाता है। और वार्षिक उत्सव समाप्त हो जाता है। अब आ

9

इन्तजार भाग 8

15 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा की पार्टी समाप्त होने के बाद अवनी स्कूटी से घर जाने के लिए तैयार होती है। लेकिन ध्रुव उसे स्कूटी से जाने के लिए मना कर देता है। और उसे अपने साथ कार से घर छोड़ने का प

10

इन्तजार (भाग 9)

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी की तबीयत खराब होने की वजह से ध्रुव उससे मिलने आता है ।उसे सोता हुआ देखकर वहीं उसके पास बैठ जाता है। जब अवनी की नींद खुलती है तो वह दोनों बातें करने लग

11

इन्तजार (भाग 10 )

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ध्रुव अवनी से अपने हाल ए दिल बयां करता है। वहीं अवनी उसकी बातों का कोई जवाब नहीं देती, और जड़वत बैठी रहती है। अब आगे ............. "क्या हुआ अवनी तुम खामोश क्यों

12

इन्तजार भाग 11

17 मार्च 2022
0
0
0

"डॉ अनिल अनिल की बेहोशी और सर दर्द की वजह क्या है? मेरे बेटे को कब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। आप जहां कहेंगे मैं वहां उसका इलाज करा लूंगा। बस वह ठीक हो जाए।" विजय ने कहा "देखिए सर मैंने हर तरह

13

इन्तजार भाग 12

18 मार्च 2022
0
0
0

ध्रुव ,अवनि से मिलने के लिए और उसके सपने के रहस्य को जानने के लिए बेचैन हो जाता है ।शाम को वह अवनी के घर पहुंचता है डोर बेल बजाने पर दरवाजा शोभा खोलती है ।तीनों साथ में चाय पीते हैं फिर शोभा घर

14

इन्तजार भाग 13

18 मार्च 2022
0
0
0

ट्रेन जयपुर स्टेशन पर पहुंचती है, अलका ,स्वीटी ,अनिल और बाकी सभी फ्रेंड से नीचे उतर कर अपना अपना सामान चेक करते हैं lऑटो स्टैंड से ऑटो लेकर वे सभी जयपुर के एक अच्छे होटल में पहुंच जाते हैं l "यार हम स

15

इन्तजार (भाग 14)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी का फ्रेंड्स ग्रुप अनिल का फ्रेंड्स ग्रुप दोनों एक साथ हवा महल देखने जाते हैं ।वहां का खूबसूरत दृश्य देखने के दौरान अवनी अनिल से टकरा जाती है ।जिससे दोनों के शरीर में अज

16

इन्तजार( भाग15)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि सभी टूरिस्ट सिटी पैलेस जाते हैं। और वहां की ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन करते हैं। वहां से आकर सभी अपने अपने रूम में सोने चले जाते हैं। नित्य की भांति अवनी भोर में प्राकृतिक स

17

इन्तजार (भाग16 )

19 मार्च 2022
0
0
0

"तो राजू अब कल आप हमें कहां घुमा रहे हैं ?"अलका ने बस से उतरते हुए कहा। "जयपुर में देखने के लिए अभी कई स्थान बचे हुए हैं जल महल ,नाहरगढ़, रामबाग पैलेस ,रायगढ़ किला, नाहर दुर्ग, जंतर मंतर यह सब यहां क

18

इन्तजार भाग (17)

19 मार्च 2022
0
0
0

दिन भर की थकान के बाद सभी पर्यटक अपने अपने कमरों में सोने चले जाते हैं lपरंतु ध्रुव की आंखों में नींद नहीं थी वह बालकनी में खड़े होकर आकाश में चमकते चांद को देख रहा थाl दूधिया सफेद चाँद उसके ह्रदय की

19

इन्तजार भाग( 18)

23 मार्च 2022
0
0
0

हफ्ते भर जयपुर घूमने के बाद सभी वापस जाने का निर्णय लेते हैं तभी मयंक सुबह का पेपर पढ़ते हुए अवनी के रूम में आ जाता है "अवनी आज का समाचार पढ़ा तुमने?" नहीं, क्यों? कोई खास बातहै" " हां यार पास के ही ए

20

इन्तजार (भाग 19 )

23 मार्च 2022
0
0
0

मयंक सभी को कल के ट्रेन के समय से अवगत कराता है और अपने अपने सामान पैक करने को बोलता हैlवह ध्रुव के पास जाता है और उसे अवनी के मंसूबों के बारे में बताता है। अवनी के रुकने की बात जानकर ध्रुव भी रुकने क

21

इन्तजार (भाग 20)

24 मार्च 2022
0
0
0

अवनी बरछी में रुक कर ग्रामीणों से उस महिला के बारे में जानकारी एकत्र करना चाहती थी। जिसके लिए उसे किसी घर में पेइंग गेस्ट की तरह कुछ दिन रहना था। अवनी इस गांव में किसी को ना जानती थी ।उसे होटल क

22

इन्तजार भाग 21

25 मार्च 2022
0
0
0

,नाश्ता करने के बाद सुधा और राधेश्याम अपने अपने कामों में लग गएl अवनी भी गांव में घूम घूम कर जानकारी एकत्रित करना चाहती थी ।इसके लिए उसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ की जरूरत थी जो इस गांव के बारे मे

23

इन्तजार भाग 22

25 मार्च 2022
0
0
0

अवनी और दीपू मिलकर प्लान बनाते हैं जिसके तहत वे गांव में उन घरों में जहां की बहू बेटियों को डायन करार देकर जला दिया गया था वहां जाकर इस प्रथा के खिलाफ विरोध करने के लिए समझाते हैं ।गांव के बाहर

24

इन्तजार (भाग 23)

29 मार्च 2022
0
0
0

भोला ने अवनी को अतीत की कुछ घटनाएं बताना प्रारंभ कर दी " गरीब घर की बेटी थी। बेचारी न जानेकैसे ठाकुर के चंगुल में फंस गई। उसकी कुछ ख्वाहिशों को पूरी न करने के कारण किसी बहाने से ठाकुर ने उसे डाय

25

इन्तजार (भाग 24)

29 मार्च 2022
0
0
0

"रतन सिंह को सजा होगी न दीदी "दीपू ने अवनी से कहा " दीपू जब तक मैं इन्हे सजा ना दिला दूं हार नहीं मानूंगी बस तुम सब विश्वास बनाए रखना। कब तक वह भाड़े के टट्टू के सहारे हमें डराएगा " "जी दीदी हम सब आपक

26

इन्तजार (भाग 25 )

30 मार्च 2022
0
0
0

मंदिर की सीढ़ियों पर अनिल बेसब्री से अवनी का इंतजार कर रहा था। एक मिनट उसे युगों के बराबर लग रहा था तभी उसकी नजर मंदिर की ओर आती हुई अवनी पर पड़ती है, गुलाबी सूट में वह किसी गुड़िया की तरह दिख रही थी

27

इन्तजार (भाग 26)

30 मार्च 2022
0
0
0

जुग जुग जिए हो ललनवा अगनवाँ के भाग जागल हो ललना लाला होइयेहैं कुलवा के दीपक मनवाँ में आस लागल हो आजु के दिनवाँ सुहावन रतिया लुभावन हो ललना दिदिया के होरिला जनमें होरिलवा बडा सुंदर हो सासु

28

इन्तजार (भाग 27)

30 मार्च 2022
0
0
0

उस लड़की ने वहां की सजावट को देखकर अंदाजा लगा लिया कि यहां पर कोई भव्य आयोजन होने वाला है। जहां तरह-तरह पकवान बने थे जिनकी सुगंध उसकी व्याकुलता को और बढ़ाने का कार्य कर रहे थे ।पर उस

29

इन्तजार (भाग 28)

30 मार्च 2022
1
1
0

अवंतिका नियमित रूप से हवेली में काम करने लगी ।उसे नवप्रसूता और नवजात से दूर रखा जाता लेकिन उसके मन में नवजात को देखने की उत्सुकता बलवती होती जा रही थी ।हरिसिंह भी अवंतिका के रूप सौंदर्य से मोहित होकर

30

इन्तजार (भाग 29 ) अंतिम भाग

30 मार्च 2022
0
0
0

अगले दिन अवनी ,अनिल ध्रुव और दीपू सभी गाव वालो को लेकर थाने के सामने आमरण अनशन करने लगती है ,मीडिया को भी घटना कवर करने के लियें बुला लेती है। बरछी की घटना सभी न्यूज चैनलों में दिखाई देने से क्षेत्र व

---

किताब पढ़िए