shabd-logo

इन्तजार भाग 6

14 मार्च 2022

19 बार देखा गया 19

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय रूपा से मिलने तालाब के किनारे आता है lऔर उससे कहता है कि वह उसके लिए कुछ उपहार लाया है lपरंतु वह उसे यहां नहीं दिखाएगा यह कह कर तालाब से उसे मंदिर के पीछे के जंगल की तरफ ले जाता है। अब आगे .................
"अब तो दिखाओ विजय तुम क्या लाए हो मेरे लिए?"
" ऐसे नहीं पहले तुम अपनी आंखें बंद करो "
रूपा अपनी आंखें बंद कर लेती है तो विजय अपने साथ लाया सिंदूर रूपा की मांग में भर देता है। रूपा घबराकर आंखें खोल लेते हैं ,और फिर विजय उसके गले में मंगलसूत्र भी पहना देता है रूपा इस अप्रत्याशित घटना से अचंभित रह जाती है ,उसे घबराया हुआ देख विजय उसे गले से लगा लेता है ।प्रथम बार किसी पुरुष के स्पर्श से उसके देह में तिरंगे दौड़ने लगती है ।वह आवाक् सी खड़ी रह जाती है ।उसके मुंह से किसी भी तरह के बोल नही निकल रहे थे, वह पलक झपकाए बिना विजय को निहारती जा रही थी ।समा संवादविहींन  हो जाता है ।धीरे से वह भी अपने हाथों को ऊपर करती है और विजय को अपने बाहूपास में जकड़ लेती है ।दोनों ही लंबे समय तक आलिंगन बंद रहते हैं । दोनों ही देश दुनिया से बेखबर एक दूसरे में समा जाने को मचल उठते हैं सहसा रूपा को बिरजू की बातें याद आती हैं ।और वह विजय से छिटक कर खड़ी हो जाती है ।रूपा  के इस तरह से दूर हट जाने से विजय के  सुख में अचानक से व्यवधान उत्पन्न हो जाता है, जिससे वह तिलमिला जाता है।
" क्या हुआ रूपा? तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं है "
"है पर डर लगता है "
"अब किस बात का डर, तुम मेरी पत्नी हो मैंने तुमसे विवाह कर लिया है। फिर हम दोनों के एक होने में कोई पाप नहीं है।"
" तुम्हारी नजर में मैं तुम्हारी पत्नी हूं पर दुनिया की नजर में नहीं ,जिस दिन तुम मुझे समाज के सामने अपना लोगे, उस दिन मैं खुद को तुम्हें सौंपप दूंगी।"
" जैसी तुम्हारी मर्जी ,जब तक तुम नहीं कहोगी मैं तुम्हें छुऊगां भी नहीं।
रात हो रही है चलो घर चलते हैं।"
विजय का मन टूट जाने से रूपा अपराध बोध से ग्रसित हो रही थी। पर वह बिरजू की बातों को सच साबित नहीं होने देना चाहती थी। वह खुशी ग्लानि के मिश्रित भाव लिए घर की ओर चली जा रही थी, तभी बिरजू जो कि बहुत देर से उसकी राह तक रहा था, सामने आ गया और रूपा की मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र देखकर क्रोधित हो गया।  आदत अनुसार वह रूपा का रास्ता रोक लेता है।
" क्या बात है? आज तो बड़ी खुश नजर आ रही है रूपा।  खुश क्यों ना हो, आज प्रीयतम का साथ जो मिल गया, आज तो कोई कसर  नहीं बची होगी मिलन में।"
" बिरजू तू फिर आ गया मुझे परेशान करने, तू मेरा पीछा करना छोड़ दे मैं विजय की ब्याहता हूं। मेरी तरफ देखना भी पाप है।"
" क्या पाप है क्या पुण्य अब तू मुझे सिखाएगी। खुद तो प्रेम की गंगा में डुबकी लगाकर आ रही है और मुझे पापी कह रही है। मैं तो बस बहती गंगा में हाथ धोना चाहता हूं। कौन सा तू मुझे उम्र भर के लिए चाहिए अब तो कोई मेरे ऊपर शक भी नहीं करेगा। बस एक बार मेरी हो जा मैं तेरे रास्ते से हमेशा के लिए हट जाऊंगा ।"
"बस यही तो अंतर है   तुझ में और विजय में वह मुझसे प्यार करता है, और तू मेरे जिस्म  से। उसने मुझसे ब्याह करके भी मुझे नहीं छुआ और तेरी गंदी नियत के बारे में तो मुझे सोच कर भी घिन आती है।"
बिरजू यह जानकर की रूपा अभी भी कुमारी है वह उसके कौमार्य  का उपभोग करने के लिए तड़प उठता है। और रूपा को झपट कर पकड़ लेता है, एक हाथ से उसका मुंह दबा देता है ताकि वह चिल्ला न पाये और उसकी देह से वस्त्रों  को अलग  करने का उपक्रम करने लगता है। तभी रूपा दांतो से उसका हाथ काट लेती है जिससे बिरजू की पकड़ ढीली पड़ जाती है।रूपा भाग कर विजय की तरफ जाती है ।विजय अभी अभी बहुत दूर नही निकला था ।वह उसे भागता व चिल्लाता देख कर वहीं से वापस रूपा की तरफ आ जाता है।
बिरजू अपने मुंह से शिकार को बच निकलता देख बौखला जाता है ।वह उससे बदला लेने की ठान लेता है। वह जानता है कि रूपा भागकर विजय के पास गई होगी इसलिए वह चिल्लाकर गांव के सभी लोगों को इकट्ठा कर लेता है।वह रूपा और विजय के बारे में बताता है कि वे दोनों ने समाज , बिरादरी की।  नाक कटा दी है ।दोनों ने छुपके शादी कर ली है, और मैंने उन दोनों को मुंह काला करते हुए देख लिया तो दोनों जंगल की तरफ भाग गए यह सब सुनकर गांव के लोगों के सिर पर खून सवार हो जाता है। सभी गांव वाले  विजय और रूपा को जान से मारने के लिए बिरजू की बताई दिशा की तरफ दौड़ पड़ते हैं।कुछ युवक साथ में मसाल व मिट्टीका तेल लेकर पीछे पीछे जातें हैं। गांव वालों को अपनी ओर आता देख रुपा विजय डर जाते हैं वह भी तेजी से भागने लगते हैं। भागते भागते वे घने जंगलों की तरफ चले जाते हैं। तभी रूपा के पैर में एक कांटा चुभ जाता है। जिससे वह दर्द से चीख उठती है ,और वही गिर जाती है। बिरजू उसे गोद में उठाकर दौड़ने लगता है ,थोड़ी देर में थक कर वह भी लड़खड़ा कर गिर जाता है। इतने में  सभी गांव वाले वहां इकट्ठा हो जाते हैंऔर दोनों को घेर लेते हैं कुछ युवक उन दोनों को पकड़ लेते हैं तथा उनमें से कुछ बुजुर्ग व्यक्ति उन्हें समाज बिरादरी की दुहाई देकर गालियां देते हैं। फिर उन दोनों को अलग-अलग पेड़ में बांध दिया जाता है । कुछ युवक  विजय और रूपा के कपड़ों पर मिट्टी के तेल छिड़क देते हैं तथा साथ में लाए हुए मसाल से दोनों को आग लगा  देते हैं दोनों चीखते चिल्लाते रहते हैं परंतु उनकी कोई नहीं सुनता अतंतः वे दोनों मर जातें हैं।एक और प्रेमी जोडा आँनर किलिंग की भेट चढ जाता है।
                         पर्दा गिरता है
पर्दा गिरते ही सारा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है। और अवनी स्टेज पर आ जाती है। तभी भीड़ में से एक व्यक्ति कहता है कहानी का अंत सुखद नहीं है कहानी में यह दोनों मिल जाते तब अच्छा लगता" इट्स सैड  स्टोरी" अवनी अनाउंस करती है "कहानी अभी खत्म नहीं हुई है यह तो ट्रेलर है पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त" यह कहकर अवनी भीतर चली जाती है। कुछ समय पश्चात पर्दा पुनः उठता है अब स्टेज पर दो परिवारों में दोशिशुओं का जन्म दिखाई देता है । दोनों ही अपने-अपने संतति को लेकर उत्साहित और मंगल गान करते हैं ।यह दोनों ही रूपा और विजय का पुनर्जन्म है .
फिर 20 साल बाद का एक बोर्ड स्टेज पर लाकर रख दिया जाता है अब रूपा और विजय मॉर्डन कपड़ों में स्टेज पर आते हैं। दोनों ही एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं और क्लास में जाते समय दोनों एक दूसरे से टकरा जाते हैं। दोनों की टक्कर से रूपा की सारी किताबें नीचे गिर जाती हैं ।जिसे विजय उठाकर उसे दे देता है।
" शुक्रिया आपका शुभ नाम" रूपा ने कहा
"विजय,और आपका"
" रूपा"
"पहचाना नहीं मैं तो बरसों से आपका ही इंतजार कर रहा हूं "
"और मैं भी सालों से इसी घड़ी के इंतजार में बैठी हूं ,दोनों एक दूसरे का हाथ थाम कर क्लास में बैठ जाते हैं, और एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते हैं। फिर दोनों कहते हैं, "आखिर हम मिल ही गए "
अंततः प्रेमी युगल का मिलाप हो जाता है।
पर्दा गिरता है ।


पुनः हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है ।स्टेज पर सभी कलाकार इकट्ठे हो जाते हैं ।मुख्य अतिथि के द्वारा उन्हें पुरस्कार प्रदान किया जाता है ।और वार्षिकोत्सव का समापन हो जाता है।
      क्रमशः.....


30
रचनाएँ
इन्तजार
0.0
इन्तजार ,सच्चे प्यार की कहानी है ।जिसमें कुछ सामाजिक कुप्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।दर्द, तडप ,साहस ,विश्वास सभी इस कहानी के प्रमुख तत्व हैं ।काल्पनिक होते हुये भी जीवन्तता कीअनुभूति कराती यह कहानी आपको अवश्य पसंद आयेगी ।
1

इन्तजार( भाग 1)

9 मार्च 2022
2
1
1

"इंतजार "(भाग 1) यह एक काल्पनिक कहानी है इस कहानी के माध्यम से मैंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुप्रथा पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। यह पूर्ण

2

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
1
1
0

अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बगीचे में एक दूसरे से बात करने के

3

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बग

4

इन्तजार (भाग 3)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">ग्राउंड में कुछ युवक फुटबॉल खेल रहे हैं।दोनों टीम के खिलाड़ी अपने अपने टीम के लिए गोल करने का भरसक प्रयत्न करते हैं ।तभी फुटबाल खेल रहे अनिल के सर में अचानक

5

इंतजार (भाग 4)

12 मार्च 2022
1
1
1

अवनि कॉलेज से लौट रही थी ,तभी रास्ते में उसकी स्कूटी खराब हो जाती है ।उसका घर शहर से दूर पहाड़ियों के पास मैदानी क्षेत्र में है, इसी वजह से वह स्कूटी से आती जाती है ।अब उसके पास यह समस्या है कि यदि वह

6

इन्तजार भाग 5

14 मार्च 2022
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">पिछले भाग में आपने पढ़ा ,अवनी कॉलेज में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए मंचन हेतु कहानी लिखने का प्रयास करती हैl परंतु आप कुछ भी लिख नहीं पातीl थक हारकर वह सो जाती है ,सो

7

इन्तजार भाग 6

14 मार्च 2022
1
1
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय रूपा से मिलने तालाब के किनारे आता है lऔर उससे कहता है कि वह उसके लिए कुछ उपहार लाया है lपरंतु वह उसे यहां नहीं दिखाएगा यह कह कर तालाब से उसे मंदिर के पीछे के जंगल की तरफ ल

8

इन्तजार भाग 7

14 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सब ने पढ़ा कि अवनी और उसके फ्रेंड वार्षिक उत्सव में नाटक का मंचन करते हैं। मुख्य अतिथि के द्वारा सभी कलाकारों को पुरस्कार वितरित किया जाता है। और वार्षिक उत्सव समाप्त हो जाता है। अब आ

9

इन्तजार भाग 8

15 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा की पार्टी समाप्त होने के बाद अवनी स्कूटी से घर जाने के लिए तैयार होती है। लेकिन ध्रुव उसे स्कूटी से जाने के लिए मना कर देता है। और उसे अपने साथ कार से घर छोड़ने का प

10

इन्तजार (भाग 9)

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी की तबीयत खराब होने की वजह से ध्रुव उससे मिलने आता है ।उसे सोता हुआ देखकर वहीं उसके पास बैठ जाता है। जब अवनी की नींद खुलती है तो वह दोनों बातें करने लग

11

इन्तजार (भाग 10 )

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ध्रुव अवनी से अपने हाल ए दिल बयां करता है। वहीं अवनी उसकी बातों का कोई जवाब नहीं देती, और जड़वत बैठी रहती है। अब आगे ............. "क्या हुआ अवनी तुम खामोश क्यों

12

इन्तजार भाग 11

17 मार्च 2022
0
0
0

"डॉ अनिल अनिल की बेहोशी और सर दर्द की वजह क्या है? मेरे बेटे को कब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। आप जहां कहेंगे मैं वहां उसका इलाज करा लूंगा। बस वह ठीक हो जाए।" विजय ने कहा "देखिए सर मैंने हर तरह

13

इन्तजार भाग 12

18 मार्च 2022
0
0
0

ध्रुव ,अवनि से मिलने के लिए और उसके सपने के रहस्य को जानने के लिए बेचैन हो जाता है ।शाम को वह अवनी के घर पहुंचता है डोर बेल बजाने पर दरवाजा शोभा खोलती है ।तीनों साथ में चाय पीते हैं फिर शोभा घर

14

इन्तजार भाग 13

18 मार्च 2022
0
0
0

ट्रेन जयपुर स्टेशन पर पहुंचती है, अलका ,स्वीटी ,अनिल और बाकी सभी फ्रेंड से नीचे उतर कर अपना अपना सामान चेक करते हैं lऑटो स्टैंड से ऑटो लेकर वे सभी जयपुर के एक अच्छे होटल में पहुंच जाते हैं l "यार हम स

15

इन्तजार (भाग 14)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी का फ्रेंड्स ग्रुप अनिल का फ्रेंड्स ग्रुप दोनों एक साथ हवा महल देखने जाते हैं ।वहां का खूबसूरत दृश्य देखने के दौरान अवनी अनिल से टकरा जाती है ।जिससे दोनों के शरीर में अज

16

इन्तजार( भाग15)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि सभी टूरिस्ट सिटी पैलेस जाते हैं। और वहां की ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन करते हैं। वहां से आकर सभी अपने अपने रूम में सोने चले जाते हैं। नित्य की भांति अवनी भोर में प्राकृतिक स

17

इन्तजार (भाग16 )

19 मार्च 2022
0
0
0

"तो राजू अब कल आप हमें कहां घुमा रहे हैं ?"अलका ने बस से उतरते हुए कहा। "जयपुर में देखने के लिए अभी कई स्थान बचे हुए हैं जल महल ,नाहरगढ़, रामबाग पैलेस ,रायगढ़ किला, नाहर दुर्ग, जंतर मंतर यह सब यहां क

18

इन्तजार भाग (17)

19 मार्च 2022
0
0
0

दिन भर की थकान के बाद सभी पर्यटक अपने अपने कमरों में सोने चले जाते हैं lपरंतु ध्रुव की आंखों में नींद नहीं थी वह बालकनी में खड़े होकर आकाश में चमकते चांद को देख रहा थाl दूधिया सफेद चाँद उसके ह्रदय की

19

इन्तजार भाग( 18)

23 मार्च 2022
0
0
0

हफ्ते भर जयपुर घूमने के बाद सभी वापस जाने का निर्णय लेते हैं तभी मयंक सुबह का पेपर पढ़ते हुए अवनी के रूम में आ जाता है "अवनी आज का समाचार पढ़ा तुमने?" नहीं, क्यों? कोई खास बातहै" " हां यार पास के ही ए

20

इन्तजार (भाग 19 )

23 मार्च 2022
0
0
0

मयंक सभी को कल के ट्रेन के समय से अवगत कराता है और अपने अपने सामान पैक करने को बोलता हैlवह ध्रुव के पास जाता है और उसे अवनी के मंसूबों के बारे में बताता है। अवनी के रुकने की बात जानकर ध्रुव भी रुकने क

21

इन्तजार (भाग 20)

24 मार्च 2022
0
0
0

अवनी बरछी में रुक कर ग्रामीणों से उस महिला के बारे में जानकारी एकत्र करना चाहती थी। जिसके लिए उसे किसी घर में पेइंग गेस्ट की तरह कुछ दिन रहना था। अवनी इस गांव में किसी को ना जानती थी ।उसे होटल क

22

इन्तजार भाग 21

25 मार्च 2022
0
0
0

,नाश्ता करने के बाद सुधा और राधेश्याम अपने अपने कामों में लग गएl अवनी भी गांव में घूम घूम कर जानकारी एकत्रित करना चाहती थी ।इसके लिए उसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ की जरूरत थी जो इस गांव के बारे मे

23

इन्तजार भाग 22

25 मार्च 2022
0
0
0

अवनी और दीपू मिलकर प्लान बनाते हैं जिसके तहत वे गांव में उन घरों में जहां की बहू बेटियों को डायन करार देकर जला दिया गया था वहां जाकर इस प्रथा के खिलाफ विरोध करने के लिए समझाते हैं ।गांव के बाहर

24

इन्तजार (भाग 23)

29 मार्च 2022
0
0
0

भोला ने अवनी को अतीत की कुछ घटनाएं बताना प्रारंभ कर दी " गरीब घर की बेटी थी। बेचारी न जानेकैसे ठाकुर के चंगुल में फंस गई। उसकी कुछ ख्वाहिशों को पूरी न करने के कारण किसी बहाने से ठाकुर ने उसे डाय

25

इन्तजार (भाग 24)

29 मार्च 2022
0
0
0

"रतन सिंह को सजा होगी न दीदी "दीपू ने अवनी से कहा " दीपू जब तक मैं इन्हे सजा ना दिला दूं हार नहीं मानूंगी बस तुम सब विश्वास बनाए रखना। कब तक वह भाड़े के टट्टू के सहारे हमें डराएगा " "जी दीदी हम सब आपक

26

इन्तजार (भाग 25 )

30 मार्च 2022
0
0
0

मंदिर की सीढ़ियों पर अनिल बेसब्री से अवनी का इंतजार कर रहा था। एक मिनट उसे युगों के बराबर लग रहा था तभी उसकी नजर मंदिर की ओर आती हुई अवनी पर पड़ती है, गुलाबी सूट में वह किसी गुड़िया की तरह दिख रही थी

27

इन्तजार (भाग 26)

30 मार्च 2022
0
0
0

जुग जुग जिए हो ललनवा अगनवाँ के भाग जागल हो ललना लाला होइयेहैं कुलवा के दीपक मनवाँ में आस लागल हो आजु के दिनवाँ सुहावन रतिया लुभावन हो ललना दिदिया के होरिला जनमें होरिलवा बडा सुंदर हो सासु

28

इन्तजार (भाग 27)

30 मार्च 2022
0
0
0

उस लड़की ने वहां की सजावट को देखकर अंदाजा लगा लिया कि यहां पर कोई भव्य आयोजन होने वाला है। जहां तरह-तरह पकवान बने थे जिनकी सुगंध उसकी व्याकुलता को और बढ़ाने का कार्य कर रहे थे ।पर उस

29

इन्तजार (भाग 28)

30 मार्च 2022
1
1
0

अवंतिका नियमित रूप से हवेली में काम करने लगी ।उसे नवप्रसूता और नवजात से दूर रखा जाता लेकिन उसके मन में नवजात को देखने की उत्सुकता बलवती होती जा रही थी ।हरिसिंह भी अवंतिका के रूप सौंदर्य से मोहित होकर

30

इन्तजार (भाग 29 ) अंतिम भाग

30 मार्च 2022
0
0
0

अगले दिन अवनी ,अनिल ध्रुव और दीपू सभी गाव वालो को लेकर थाने के सामने आमरण अनशन करने लगती है ,मीडिया को भी घटना कवर करने के लियें बुला लेती है। बरछी की घटना सभी न्यूज चैनलों में दिखाई देने से क्षेत्र व

---

किताब पढ़िए