shabd-logo

इन्तजार (भाग 26)

30 मार्च 2022

16 बार देखा गया 16

जुग जुग जिए हो  ललनवा
अगनवाँ के भाग जागल हो
ललना लाला होइयेहैं कुलवा के दीपक
मनवाँ में आस लागल हो
आजु के दिनवाँ सुहावन रतिया लुभावन हो
ललना दिदिया के होरिला जनमें
होरिलवा बडा सुंदर हो
सासु सुहागिनी बड भागिनि
अन धन लुटावहिं हो
ललना दुअरा पे बजत बधइया
अगनवाँ उठे सोहर हो
ललना लाल होइयेहैं कुलवा के दीपक
मनवाँ में आस लागल हो ............
गांव की कोकिल बैनी स्त्रियां बधाई गीत गा रही थी। किशोरिया ढोलक की ताल पर नृत्य कर रही थी। मंगल गान की धुन पूरी हवेली में गूंज रही थी। हवेली भी आज बंदनवारों और रंग-बिरंगे पुरुष की लड़यों से दुल्हन की भाँति सजाई गई थी ।सैकड़ों नौकर चाकर साफ-सफाई और साज-सज्जा में लगे हुए थे। कुछ शाम को आने वाले अतिथियों की बैठक व्यवस्था का इन्तजाम कर रहे थे ।तरह-तरह के पकवानों की सुगंध वातावरण में भूल कर के हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी ।आखिर ठकुराने  में पुत्र ने जन्म लिया है ऐसे उत्सव का होना तो लाजमी है ।हवेली के मुख्य द्वार के पास एक किशोरवय लड़की हवेली से उठने वाली पकवानों की सुगंध की वजह से रुक जाती है ।अनुपम रूप सौंदर्य से युक्त वह लड़की वस्त्रों से गरीब और लाचार दिखाई पड़ रही थी ।दो दिनो की छुधा ने उसे हवेली के आगे ठिठकने पर मजबूर कर दिया था । उसे  तरह तरह के पकवानों से कोई सरोकार नहीं था वह बस पेट की आग बुझाने के लिए कुछ रोटियां चाहती थी। इसी आस मे कि शायद कोई उसे कुछ दे जाए, वह हवेली की तरफ टकटकी लगाए देख रही थी। तभी हवेली के चौकीदार की  निगाह उस पर पड़ी।
"ए लडकी क्या कर रही है ,चल भाग यहाँ से ।"चौकीदार ने उसे लताडते हुये कहा।
"बहुत जोर की भूँख लगी है ,कुछ खाने को देदीजिए मालिक ।"
"जवान खून होके भीख माँगती है ,शर्म नहीं आती तुझे "
"दो दिन से कुछ नही खाया ,माँ की तबियत ठीक नहीं है सो वो काम पर ना जा पाई ।घर में खाने को  कुछ नही है ।माँ ने भी दो दिन से कुछ नही खाया है ।"
"मुफ्त मे खाने को कुछ भी न मिलेगा ,हवेली मे बहुत काम है आज जा जाकर कुछ काम कर ले तुझे भी कुछ खाने को मिल जायेगा ।"
चौकीदार की अनुमति पा कर वह अतिउत्साह  से हवेली के अंदर जाती है ।हवेली की सजावट और ठाठ बाठदेखकर वह आश्चर्यचकित  हो गई ऐसा मनमोहक दृश्य उसने जीवन में पहली बार देखा था ।


30
रचनाएँ
इन्तजार
0.0
इन्तजार ,सच्चे प्यार की कहानी है ।जिसमें कुछ सामाजिक कुप्रथाओं पर भी प्रकाश डाला गया है।दर्द, तडप ,साहस ,विश्वास सभी इस कहानी के प्रमुख तत्व हैं ।काल्पनिक होते हुये भी जीवन्तता कीअनुभूति कराती यह कहानी आपको अवश्य पसंद आयेगी ।
1

इन्तजार( भाग 1)

9 मार्च 2022
2
1
1

"इंतजार "(भाग 1) यह एक काल्पनिक कहानी है इस कहानी के माध्यम से मैंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुप्रथा पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। यह पूर्ण

2

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
1
1
0

अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बगीचे में एक दूसरे से बात करने के

3

इन्तजार (भाग 2)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">अभी तक आपने पढ़ा, अवनी एक स्वप्न देखती है फिर वह कॉलेज चली जाती है ।शाम को उसके घर में लड़की वाले उसे देखने आते हैं, जो कि लगभग उसे पसंद ही कर लेते हैं । अवनी और रोहन बग

4

इन्तजार (भाग 3)

10 मार्च 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">ग्राउंड में कुछ युवक फुटबॉल खेल रहे हैं।दोनों टीम के खिलाड़ी अपने अपने टीम के लिए गोल करने का भरसक प्रयत्न करते हैं ।तभी फुटबाल खेल रहे अनिल के सर में अचानक

5

इंतजार (भाग 4)

12 मार्च 2022
1
1
1

अवनि कॉलेज से लौट रही थी ,तभी रास्ते में उसकी स्कूटी खराब हो जाती है ।उसका घर शहर से दूर पहाड़ियों के पास मैदानी क्षेत्र में है, इसी वजह से वह स्कूटी से आती जाती है ।अब उसके पास यह समस्या है कि यदि वह

6

इन्तजार भाग 5

14 मार्च 2022
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">पिछले भाग में आपने पढ़ा ,अवनी कॉलेज में होने वाले वार्षिक उत्सव के लिए मंचन हेतु कहानी लिखने का प्रयास करती हैl परंतु आप कुछ भी लिख नहीं पातीl थक हारकर वह सो जाती है ,सो

7

इन्तजार भाग 6

14 मार्च 2022
1
1
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय रूपा से मिलने तालाब के किनारे आता है lऔर उससे कहता है कि वह उसके लिए कुछ उपहार लाया है lपरंतु वह उसे यहां नहीं दिखाएगा यह कह कर तालाब से उसे मंदिर के पीछे के जंगल की तरफ ल

8

इन्तजार भाग 7

14 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सब ने पढ़ा कि अवनी और उसके फ्रेंड वार्षिक उत्सव में नाटक का मंचन करते हैं। मुख्य अतिथि के द्वारा सभी कलाकारों को पुरस्कार वितरित किया जाता है। और वार्षिक उत्सव समाप्त हो जाता है। अब आ

9

इन्तजार भाग 8

15 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा की पार्टी समाप्त होने के बाद अवनी स्कूटी से घर जाने के लिए तैयार होती है। लेकिन ध्रुव उसे स्कूटी से जाने के लिए मना कर देता है। और उसे अपने साथ कार से घर छोड़ने का प

10

इन्तजार (भाग 9)

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी की तबीयत खराब होने की वजह से ध्रुव उससे मिलने आता है ।उसे सोता हुआ देखकर वहीं उसके पास बैठ जाता है। जब अवनी की नींद खुलती है तो वह दोनों बातें करने लग

11

इन्तजार (भाग 10 )

16 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ध्रुव अवनी से अपने हाल ए दिल बयां करता है। वहीं अवनी उसकी बातों का कोई जवाब नहीं देती, और जड़वत बैठी रहती है। अब आगे ............. "क्या हुआ अवनी तुम खामोश क्यों

12

इन्तजार भाग 11

17 मार्च 2022
0
0
0

"डॉ अनिल अनिल की बेहोशी और सर दर्द की वजह क्या है? मेरे बेटे को कब इस परेशानी से मुक्ति मिलेगी। आप जहां कहेंगे मैं वहां उसका इलाज करा लूंगा। बस वह ठीक हो जाए।" विजय ने कहा "देखिए सर मैंने हर तरह

13

इन्तजार भाग 12

18 मार्च 2022
0
0
0

ध्रुव ,अवनि से मिलने के लिए और उसके सपने के रहस्य को जानने के लिए बेचैन हो जाता है ।शाम को वह अवनी के घर पहुंचता है डोर बेल बजाने पर दरवाजा शोभा खोलती है ।तीनों साथ में चाय पीते हैं फिर शोभा घर

14

इन्तजार भाग 13

18 मार्च 2022
0
0
0

ट्रेन जयपुर स्टेशन पर पहुंचती है, अलका ,स्वीटी ,अनिल और बाकी सभी फ्रेंड से नीचे उतर कर अपना अपना सामान चेक करते हैं lऑटो स्टैंड से ऑटो लेकर वे सभी जयपुर के एक अच्छे होटल में पहुंच जाते हैं l "यार हम स

15

इन्तजार (भाग 14)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा की अवनी का फ्रेंड्स ग्रुप अनिल का फ्रेंड्स ग्रुप दोनों एक साथ हवा महल देखने जाते हैं ।वहां का खूबसूरत दृश्य देखने के दौरान अवनी अनिल से टकरा जाती है ।जिससे दोनों के शरीर में अज

16

इन्तजार( भाग15)

19 मार्च 2022
0
0
0

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि सभी टूरिस्ट सिटी पैलेस जाते हैं। और वहां की ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन करते हैं। वहां से आकर सभी अपने अपने रूम में सोने चले जाते हैं। नित्य की भांति अवनी भोर में प्राकृतिक स

17

इन्तजार (भाग16 )

19 मार्च 2022
0
0
0

"तो राजू अब कल आप हमें कहां घुमा रहे हैं ?"अलका ने बस से उतरते हुए कहा। "जयपुर में देखने के लिए अभी कई स्थान बचे हुए हैं जल महल ,नाहरगढ़, रामबाग पैलेस ,रायगढ़ किला, नाहर दुर्ग, जंतर मंतर यह सब यहां क

18

इन्तजार भाग (17)

19 मार्च 2022
0
0
0

दिन भर की थकान के बाद सभी पर्यटक अपने अपने कमरों में सोने चले जाते हैं lपरंतु ध्रुव की आंखों में नींद नहीं थी वह बालकनी में खड़े होकर आकाश में चमकते चांद को देख रहा थाl दूधिया सफेद चाँद उसके ह्रदय की

19

इन्तजार भाग( 18)

23 मार्च 2022
0
0
0

हफ्ते भर जयपुर घूमने के बाद सभी वापस जाने का निर्णय लेते हैं तभी मयंक सुबह का पेपर पढ़ते हुए अवनी के रूम में आ जाता है "अवनी आज का समाचार पढ़ा तुमने?" नहीं, क्यों? कोई खास बातहै" " हां यार पास के ही ए

20

इन्तजार (भाग 19 )

23 मार्च 2022
0
0
0

मयंक सभी को कल के ट्रेन के समय से अवगत कराता है और अपने अपने सामान पैक करने को बोलता हैlवह ध्रुव के पास जाता है और उसे अवनी के मंसूबों के बारे में बताता है। अवनी के रुकने की बात जानकर ध्रुव भी रुकने क

21

इन्तजार (भाग 20)

24 मार्च 2022
0
0
0

अवनी बरछी में रुक कर ग्रामीणों से उस महिला के बारे में जानकारी एकत्र करना चाहती थी। जिसके लिए उसे किसी घर में पेइंग गेस्ट की तरह कुछ दिन रहना था। अवनी इस गांव में किसी को ना जानती थी ।उसे होटल क

22

इन्तजार भाग 21

25 मार्च 2022
0
0
0

,नाश्ता करने के बाद सुधा और राधेश्याम अपने अपने कामों में लग गएl अवनी भी गांव में घूम घूम कर जानकारी एकत्रित करना चाहती थी ।इसके लिए उसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ की जरूरत थी जो इस गांव के बारे मे

23

इन्तजार भाग 22

25 मार्च 2022
0
0
0

अवनी और दीपू मिलकर प्लान बनाते हैं जिसके तहत वे गांव में उन घरों में जहां की बहू बेटियों को डायन करार देकर जला दिया गया था वहां जाकर इस प्रथा के खिलाफ विरोध करने के लिए समझाते हैं ।गांव के बाहर

24

इन्तजार (भाग 23)

29 मार्च 2022
0
0
0

भोला ने अवनी को अतीत की कुछ घटनाएं बताना प्रारंभ कर दी " गरीब घर की बेटी थी। बेचारी न जानेकैसे ठाकुर के चंगुल में फंस गई। उसकी कुछ ख्वाहिशों को पूरी न करने के कारण किसी बहाने से ठाकुर ने उसे डाय

25

इन्तजार (भाग 24)

29 मार्च 2022
0
0
0

"रतन सिंह को सजा होगी न दीदी "दीपू ने अवनी से कहा " दीपू जब तक मैं इन्हे सजा ना दिला दूं हार नहीं मानूंगी बस तुम सब विश्वास बनाए रखना। कब तक वह भाड़े के टट्टू के सहारे हमें डराएगा " "जी दीदी हम सब आपक

26

इन्तजार (भाग 25 )

30 मार्च 2022
0
0
0

मंदिर की सीढ़ियों पर अनिल बेसब्री से अवनी का इंतजार कर रहा था। एक मिनट उसे युगों के बराबर लग रहा था तभी उसकी नजर मंदिर की ओर आती हुई अवनी पर पड़ती है, गुलाबी सूट में वह किसी गुड़िया की तरह दिख रही थी

27

इन्तजार (भाग 26)

30 मार्च 2022
0
0
0

जुग जुग जिए हो ललनवा अगनवाँ के भाग जागल हो ललना लाला होइयेहैं कुलवा के दीपक मनवाँ में आस लागल हो आजु के दिनवाँ सुहावन रतिया लुभावन हो ललना दिदिया के होरिला जनमें होरिलवा बडा सुंदर हो सासु

28

इन्तजार (भाग 27)

30 मार्च 2022
0
0
0

उस लड़की ने वहां की सजावट को देखकर अंदाजा लगा लिया कि यहां पर कोई भव्य आयोजन होने वाला है। जहां तरह-तरह पकवान बने थे जिनकी सुगंध उसकी व्याकुलता को और बढ़ाने का कार्य कर रहे थे ।पर उस

29

इन्तजार (भाग 28)

30 मार्च 2022
1
1
0

अवंतिका नियमित रूप से हवेली में काम करने लगी ।उसे नवप्रसूता और नवजात से दूर रखा जाता लेकिन उसके मन में नवजात को देखने की उत्सुकता बलवती होती जा रही थी ।हरिसिंह भी अवंतिका के रूप सौंदर्य से मोहित होकर

30

इन्तजार (भाग 29 ) अंतिम भाग

30 मार्च 2022
0
0
0

अगले दिन अवनी ,अनिल ध्रुव और दीपू सभी गाव वालो को लेकर थाने के सामने आमरण अनशन करने लगती है ,मीडिया को भी घटना कवर करने के लियें बुला लेती है। बरछी की घटना सभी न्यूज चैनलों में दिखाई देने से क्षेत्र व

---

किताब पढ़िए