*सुखी बसे संसार सब,,, दुखिया रहे न कोय..!!!*
*यह अभिलाषा हम सब की,,, भगवन पूरी होय..!!!*
*विद्या बुध्दि तेज बल सबके भीतर होय..!!!*
*दूध पूत धन-धान्य से वंचित रहे न कोय..!!!*
*आपकी भक्ति प्रेम से मन होवे भरपूर..!!!*
*राग-द्वेष से चित्त मेरा कोसों भागे दूर..!!!*
*मिले भरोसा आपका,,, हमें सदा जगदीश..!!!*
*आशा तेरे धाम की,,, बनी रहे मम ईश..!!!*
*हमें बचाओ पाप से,,, करके दया दयाल..!!!*
*अपना भक्त बनाय कर,,, हमको करो निहाल..!!!*
*दिल में दया उदारता मन में प्रेम अपार..!!!*
*धैर्य हृदय में धीरता,,, सबको दो करतार..!!!*
*नारायण तुम आप हो,,, कर्मफल देनेहार..!!!*
*हमको बुध्दि दीजिए,,, सुखों के भंडार..!!!*
*हाथ जोड़ विनती करूं सुनिए कृपा निधान..!!!*
*साधु-संगत सुख दीजिए,,, दया नम्रता दान..!!!*