लौट आयेगी खुशियाँ, अभी कुछ गमो का शोर है..*
*केरोना का दौर*
*जरा संभलकर रहो मेरे अज़ीज़ों,*
*अब फिर से इम्तिहान का दौर है..!*
*खैरियत से हूँ मैं मेरे शहर में...*
*तुम अपने शहर में अपनी हिफाजत रखना...!*
*किसी का हाथ छुना नहीं पर...*
*किसी का साथ छोड़ना नहीं..*
*दिन रात तेरे प्रेमी तेरा जाप करते है*
*हर पल आपसे मिलने की आस करते है*
*आखिर कब आओगे गिरधारी*
*बस हर पल यही अरदास करते है*
*जरा संभलकर रहो मेरे अज़ीज़ों,*
*केरोना का दौर*