कई जन्मों से बुला रहा हूँ.....
कई जन्मों से बुला रहा हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
नज़रो से नज़रे मिला ना सका,
मेरी नज़र का कसूर होगा...
तुम्ही तो मेरे मात पिता हो
तुम्ही तो मेरे बंधु सखा हो
कितने ही नाते तुम संग जोड़े,
कोई तो नाता जरुर होगा,
कई जन्मों से बुला रहा हूँ........
कभी बुलाते हो वृन्दावन मे,
कभी बुलाते हो गोकुल में
अपने घर तो रोज बुलाते,
कभी मेरे घर भी आना होगा
कई जन्मों से बुला रहा हूँ......
तुम्ही तो मेरे आत्मा हो,
तुम्ही तो मेरे परमात्मा हो
मुझी में रह कर मुझी से पर्दा
पर्दा हटाना जरुर होगा
कई जन्मों से बुला रहा हूँ.......
आँखों में बस गई तस्वीर तेरी,
दिल मेरा हो गया जागीर तेरी
दास की बिनती तुम्हारे आगे,
दर्श दिखना जरूर होगा
कई जन्मों से बुला रहा हूँ.......