*छलक गई गगरिया सारी, हुई बावरी राधे*
*दिवा स्वप्न में खो गई, रही गगरिया आधी*
*अपनी धुन में पनघट पहुंची, ले कान्हा की याद*
*पनघट कान्हा ना पहुंचे तो, राधे भई उदास*
*संग सहेली ताने मारे, कहां रच्चैयो रास*
*दिव्य दृष्टि से कान्हा देखे, करे तनिक उपहास*
*मधुर मुरलियां गगन गुंज्जाऐ, राधे आओ पास*
*हतप्रत होकर राधे झांके, कोऊ ना उसके पास*
*करें "दास" कल्पना अनूठी, और करें अरदास*
*पवन झकौरा शीतल बन प्रभु मधुर जगाओ आस*
*आलिंगन कर कहो प्रेम से, राधे क्यूं है उदास*
*राधा माधव*