*हे नाथ,*
*मुझमें शबरी जैसा धैर्य नहीं,*
*कि मैं सालों साल आपकी प्रतीक्षा कर सकूँ ।*
*हे नाथ,*
*मुझमें केवट जैसी चतुराई नहीं*
*कि मैं आपकी चरण सेवा कर सकूँ ।*
हे नाथ,*
*मुझमें गजेंद्र जैसी बुद्धि नही*
*कि मैं आपकी स्तुति गायन कर सकूँ ।*
*हे नाथ,*
*मुझमें विदुर जैसी सरलता नहीं,*
*कि मैं अनासक्त रह सकूँ ।*
हे नाथ,*
*मुझमें सुदामा जैसा समर्पण नहीं,*
*कि मैं सदा आपको भजता रह सकूँ ।*
**हे मेरे नाथ,*
*मैं सबसे दीन हीन और कलयुग के समस्त दोषों से भरा जीव हूँ ।*
*फिर भी, मैं जैसा भी हूँ आपका हूँ ।*
*मेरा आपके सिवा और कौन है ।*
हे दीनदयाल, हे दीनानाथ*
*मुझ पर कृपा करो, कृपा करो ।।*
*हे नाथ*
हे मेरे नाथ*
*मैं आपको भुलूं नही आप मेरे हो मैं आपका हूं ।