*क्षमा* उन फूलों के समान है जो *कुचले* जाने के बाद भी *खुशबू* देना बन्द नहीँ करते,
*भगवान बुद्ध*
माना कि *Sapne* का पहला शब्द *S* होता है,
लेकिन अगर *S* निकाल दो तो *Apne* रह जाते हैं,
अगर *Apne* साथ दें तो *Sapne* पूरे हो जाते हैं,,,!!!
*कमाई* की कोई *निश्चित* परिभाषा नहीँ होती,
*अनुभव,रिश्ते,मान-सम्मान,* और अच्छे *मित्र* ,
ये सभी *कमाई* के *रुप* हैं,,,,!!!
*किस्मत* सिर्फ *मेहनत* से *बदलती* है,
*बैठ* कर *सोचते* रहने से नहीँ ,,,!!!
*मोती* महँगे होते हैं जो, गंवाये नहीँ जाते,
अपने तो अपने होते हैं, जो चाह कर भी *भुलाए* नहीँ जाते,,,,!!!
गुजर रही है *जिन्दगी* ऐसे *मुकाम* से,
अपने भी *दूर* हो जाते हैं जरा से *जुकाम* से,
तमाम कायनात में *एक कातिल बीमारी* की हवा हो गई ,
*वक्त* ने कैसा *सितम* ढाया कि *दूरियाँ* ही *दवा* हो गई,,,,!!!
सीख लॉ *आँखों* से *मुस्कुराना* क्योंकि *होठों* की मुस्कान तो *मास्क* ने छुपा ली,,,!!!
*प्रेम* तब *खुश* होता है जब वो कुछ दे पाता है,
*अहंकार* तब *खुश* होता है जब वो कुछ ले पाता है,,,,!!!
अपनो का साथ बहुत *आवश्यक* है,
*सुख* है तो *बढ* जाता है और *दु:ख* हो तो *बँट* जाता है,,,,!!
*दर्द* कितना *खुशनसीब* है,जिसे *पाकर* लोग अपनो को *याद* करते हैं ,
*दौलत* कितनी *बदनसीब* है,जिसे *पाकर* लोग *अक्सर* अपनो को *भूल* जाते हैं,,,!!!
*डर* से बडा कोई *वायरस* नहीँ,और *हिम्मत* से बडी कोई *वैक्सीन* नहीँ,,, !!!!
*वक्त* से लड़कर जो *भाग्य* बदल दे, *इन्सान*,वही जो अपनी *तकदीर* बदल दे,
कल क्या होगा कभी ना *सोचें*,क्या पता कल *वक्त* खुद आपकी *तकदीर* बदल दे,, !!!?
सोचा नहीँ था ऐसा भी *वक्त* आयेगा,
*फ़ुरसत* होगी लोगों के पास,लेकिन *मिल* कोई नहीँ पायेगा,,,!!!