*ओ भगवान को भजने वाले धर ले मन में ध्यान*
*भाव बिनु मिले नहीं भगवान*
*दुर्योधन की छोड़ी मेवा विदुरानी की भा गयी सेवा*
*श्रध्दा और समर्पण से ही रीझै है भगवान*
*भाव बिनु मिले नहीं भगवान … ||*
*झूठे फल शबरी के खाए राम ने रूचि रूचि भोग लगाए*
*जो ढूंढे उसको मिल जाये कहते वेद पुराण*
*भाव बिनु मिले नहीं भगवान … ||*
*ध्रुव प्रहलाद सुदामा तेरा नरसी भगत का मिटाया फेरा*
*भूल गए मोहन ठकुराई बन गए सेवक आन*
*भाव बिनु मिले नहीं भगवान … ||*