shabd-logo

जीवन परिचय

hindi articles, stories and books related to Jivan parichay


अपनों को खोकर हम जिंदा है
ए जिंदगी तुझसे हम बहुत शर्मिंदा हैं। 

</

जो मैं कह ना सका 
  जो मैं दिख ना सका 
 जो मैं सह ना सक

इन रिश्तों को जरा थाम लो

 समय रहते इंसान को उसकी जगह दिखा देनी चाहिए,
 पैरों की जूती, कभी सर का ताज

ना घमंड मेरा रहा, ना गुरुर तेरा रहेगा 
आज जमी पर हे कल अंदर दफन रहेगा, 

तुमको क्या मालूम ऐ रूप
जाने कितना  ख़ुदग़र्ज़ हूँ मैं
मौका परस्ती फितरत त

अजनबियों से भरी दुनिया थी

कि मैंने बस स्टैंड पर खड़े एक भूखे से पूछा कुछ खाओगे

उसने मेरी तरफ देखा और कहा नहीं तुम वी

राहुल ने थोड़ा सा इमोशनल हो कर कहा , " मेरे बिना रह लोगी ? "



राहुल

तो यहां से शुरू होती है , ये कहानी : 




राहुल ने

चलो इक बार अजनबी  से बन जाए
न हम तुम्हें हमें जानों न हम तुम्हें जानें

🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹✍🌹

तेरे मोहब्बत ने भी क्या रंग दिखाई
थीं कहाँ मैं पहले अ

न जाने इंतजार कब तक
बैठा हूं राहों में कब से
आंख तरस गयी
एक नज़र

जीवन , जीवन को हम कई तरीके से अपने हिसाब से जी सकते हैं पर जीवन जीने के भी बहुत से हिसाब होते ह

जीवन में बहुत से रगं होते है और उन्ही से जीवन रंगीन बनता है हर रंग का अपना अलग महत्व होता है जै

ये कैसा नृत्य 

,, निर्मलता के सामने ही हमेशा बर्बरता होती है।
,, सबलता के सामने तो हमेशा कायरता होती

मासूम सी हंसी उसकी जाने क्या कमाल करती है
मां के ज़ख्मों पे दवा का काम करती है
<

तुलसीदास का परिचय काव्य रूप मे

राजापुर गाव मे था जन्मा 1589 सन वो था
जब प्रभु ने

बस दिल के अह्सास हैं,
ब्याँ करने को अल्फाज हैं,
इन अल्फाजों में छुपे कुछ जज

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए