अपनों को खोकर हम जिंदा है
ए जिंदगी तुझसे हम बहुत शर्मिंदा हैं।
जख्मों के दर्द चुभते हैं, घाव भी रिस्ते है
यादों के अनगिनत किस्से ही किस्से है।
जिंदगी के कई अजब गहरे हिस्से हैं
बेहिसाब गमों के पहरे ही पहरे है।
सर्द रातों के घनघोर अंधेरे हैं
अपने पहलू मैं खुशी कम,
गम के हजारों अफसाने हैं
जख्म भी है, दर्द भी है, जुदाई भी है
अंतहीन तन्हाई, रुसवाई भी है
सिर्फ बस अपनों के साथ नहीं है
खुशियों की वो हसीन शहनाई ।
धन्यवाद🙏