“चकाचौंध” पत्रिका अपने प्रकाशन के चार साल पूरेकर चुकी थी, किसी को उम्मीद भी नहीं थी कि इस पत्रिका की बिक्री इतनी बढ़ जाएगी,अब ऐसे में सभी सदस्यों को मीटिंग में बुलाया गया और उनके योगदान के लिए बधाई दीगई। तभी मीटिंग में एक व्यक्ति ने पत्रिका
साथी उसे बनाओं जो सुख दुख में साथ दे.ना कि उसे जो सिर्फ तस्वीरों में आपकी शोभा बढ़ाएं.शिल्पा रोंघे
अभीशब्दनगरी पर एक बड़ा अच्छा और मार्मिक शब्दचित्र पढने का सौभाग्य प्राप्त हुआ... डॉदिनेश शर्मा का लिखा “महानगर का तपस्वी”... आप लोग भी पढ़ें... महानगरका तपस्वी - दिनेश डॉक्टर प्रोपर्टियों के रेट गिरने के बाद से वर्मा का हौसलाकाफी हिला हुआ था और कल शाम जब मैंने उसे कहा
वो भी बचपन के क्या दिन थेजब हम घूमते थे और खुस होते थेतब हम रोते थे फिर भी चुप होते थेना वादे होते थे ना शिकवे होते थेबस थोड़ा लड़ते थे फिर मिलते थेवो भी क्या बचपन के दिन थेतब सब कुछ अच्छा लगता थाचाहे जो हो सब सच्चा लगता थागांव की गालिया नानी के यहाँ अच्छा लगता थाना झूठ था ना फरेब था एक दूसरे की रोटिय
कहीं कांप रही धरती. कहीं बेमौसम बारिश से बह रही धरती. कहीं ठंड के मौसम में बुखार से तप रही धरती. कभी जल से, तो कभी वायु प्रदूषण से ज़हरीली हो रही प्रकृति. विकास के नाम पर विनाश का दर्द झेलती प्रकृति अपनी ही संतति से अवहेलना प्
🙏🏻आखिर ऐसा क्यों? 🙏🏻"""""""""""""""""""""""""""""""""अचानक से मेरे मन मस्तिष्क पर वह दृश्य नाच गया।घर के चौतरे पर एक घूँटे से बंधी थी वह लाचार माँ। उनकी हृदय को झकझोर देने वाली आवाज ।अब भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं उन दर्दनाक दृश्य को याद कर ।उन दिनों मैं छोटी बच्ची थी ,दर्द हुआ था पर समझ न पाई
Saraswati Mata Story in Hindi माता सरस्वती की कथाSaraswati Mata हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं. वह भगवान ब्रह्मदेव की मानसपुत्री हैं. मां सरस्वती को विद्या की देवी माना गया है. इन्हें वाग्देवी, शारदा, सतरूपा, वीणावादिनी, वागेश्वरी, भारती आदि नामों से जाना जात
Durvasa Rishi ki Jivni कौन थे दुर्वासा ऋषिDurvasa महर्षि दुर्वासा एक महान ऋषि थे और उन्हें इसीलिए “महर्षि ” की उपाधि प्राप्त थी. महर्षि दुर्वासा माता अनुसुइया और ऋषि अत्री के पुत्र थे.महर्षि दुर्वासा सतयुग, द्वापर और त्रेता तीनो ही युगों में थे. उनके दिए हुए श्राप और आशी
draupadi महाभारत ग्रंथ के अनुसार एक बार राजा द्रुपद ने कौरवो और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का अपमान कर दिया था. गुरु द्रोणाचार्य इस अपमान को भूल नहीं पाए.इसलिए जब पण्डवों और कौरवों ने शिक्षा समाप्ति के पश्चात गुरु द्रोणाचार्य से गुरु दक्षि
mahabharat katha महाभारत की रचना महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने की है, लेकिन इसका लेखन भगवान श्रीगणेश ने किया है.. महाभारत ग्रंथ में चंद्रवंश का वर्णन है.mahabharat katha में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्
parshuram मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जिनका सादर नमन करते हों, उन शस्त्रधारी भगवान परशुराम की महिमा का वर्णन शब्दों की सीमा में संभव नहीं हो सकता है.वे योग, वेद और नीति में निष्णात थे, तंत्रकर्म तथा ब्रह्मास्त्र समेत विभिन्न दिव्यास्त्रों के संचालन में पारंगत थे. यान
अपने स्कूल के आम के पेड़ के नजदीक खड़ा थी तन्वी, ये वही पेड़ था जिस पर वो आम तोड़ने जा चढ़ी थी। नन्ही तन्वी जो बमुश्किल १० साल की थी.जैसे तैसे चढ़ तो गई लेकिन उतरना जैसे टेढ़ी
ali baba 40 chor बहुत समय पहले की बात है. पर्शिया के एक शहर में गलीचों का एक व्यापारी रहता था. उसके दो बेटे थे. एक का नाम कासीम और दुसरे का नाम अलीबाबा था.पिता की मृत्यु के बाद कासिम ने भोले अलीबाबा को धोखा देखर पुरे कारोबार पर कब्ज़ा कर लिया. कासिम ने एक अमीर लड़की से शादी