निष्कर्ष की बात ने काश्वी की सारी खुशी को धुंधला कर दिया। थोड़ी देर पहले तक वो खुद पर इतरा रही थी लेकिन अब उसे खुद पर ही शक होने लगा। धीरे – धीरे निराशा उसे घेरने लगी और वो चुपचाप एक कोने में जाकर खड़ी हो गई।
पूरे हॉल में उसकी नजर बार – बार निष्कर्ष पर जा रही थी और उसे आराम से सबसे बातें करते देखकर उसकी तकलीफ गुस्से में बदलने लगी। उसने घड़ी में समय देखा, दोपहर का एक बज गया, काश्वी को वहां 3 बजे तक रूकने को कहा गया था लेकिन अब उसका मन वहां नहीं लग रहा था, कुछ था जो उसे परेशान कर रहा था। काश्वी वहां से निकल कर अपने घर आ गई, घर पहुंचते ही वो अपने रूम में चली गई। घर में सब सोच रहे थे कि आज तो काश्वी बहुत खुश होगी पर वो तो किसी और ही मूड में नजर आई। पापा ने रूम का दरवाजा खटखटकाया तो भी काफी देर बाद काश्वी बाहर आई।
पापा ने काश्वी से पूछा, “कुछ हुआ है क्या? क्या बात है कुछ परेशान लग रही हो?” काश्वी चुप रही, उसने कुछ कहा नहीं, पापा ने फिर पूछा, “क्या हुआ कुछ बोलो तो” काश्वी की आंखों में आंसू आ गये, वो अपने हाथों में चेहरा छुपाए रोने लगी काश्वी को रोते देख उसके पापा परेशान हो गये, उन्होंने उसका हाथ पकड़ कर फिर पूछा, “बेटा बोलो किसी ने
कुछ कहा क्या?, आज तो इतना बड़ा दिन है तुम्हारे लिये, तुम्हें प्राइस मिलने वाला है फिर क्यों रो रही हो?” “काश्वी ने अपने आंसू पोंछे और कहा, “कुछ नहीं बस यूं ही”, काश्वी ने बस इतना ही कहा “कुछ तो हुआ है जल्दी बताओ”, पापा ने फिर कहा काश्वी ने पापा को पूरी बात बताई, उसने बताया कैसे निष्कर्ष ने एक मिनट में ही अपनी बातों से उसका पूरा दिन खराब कर दिया, काश्वी की बात सुनकर उसके पापा मुस्कुराने लगे, “ओह तो ये बात है, इसमें रोने की क्या बात है काश्वी, सबका अपना प्वांइट ऑफ व्यू होता है जरुरी नहीं ना कि सबको तुम्हारी पिक्चर्स पंसद आये”, “पर उसे पंसद आई, उसने कहा वो
परफेक्ट हैं पर उनमें जान नहीं, जिदंगी की झलक नहीं, इसका क्या मतलब हुआ?”, काश्वी ने पूछा
“मतलब तो वही बताएगा, उसी से पूछो, तुम्हें पूछना चाहिए था वो कहना क्या चाहता है, क्या बस यूं ही कह दिया या
इसके पीछे वाकई कोई वजह थी, देखो काश्वी, वो तुम्हें नहीं जानता, तुम्हारी पिक्चर्स भी उसने पहली बार देखी और जैसा तुमने बताया उसे नहीं पता था कि तुमने ये कॉन्टेस्ट जीता, तो इसका मतलब ये कि उसने जो कहा वो पहली नजर में उसे जो लगा वही था, पर उसकी बात का मतलब क्या था ये तुम्हें जरुर जानना चाहिए, हो सकता है इससे तुम्हें और कुछ सीखने को
मिले, पर फिलहाल टेंशन मत लो, किसी के कुछ कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता जिस कॉन्टेस्ट में तुमने हिस्सा लिया उसमें तुम बेस्ट हो और इस वक्त ये सबसे बड़ी बात है, इसे इंजॉय करो, चलो अब कुछ खा लो और फिर तैयार हो जाओ, फंक्शन के लिये लेट हो जाएगा”, पापा से बात करके काश्वी को अच्छा लगा, कुछ देर बाद वो जाने के लिये तैयार भी हो गई, सब तैयार थे काश्वी के बिग डे को सेलिब्रेट करने के लिये, फंक्शन में अनाउंसमेंट हुई, “और आज की फर्स्ट प्राइज विनर है मिस काश्वी, काश्वी की पिक्चर्स आपने एग्जिबिशन में देखी, इन तस्वीरों की गहराई से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो आगे जाकर एक बहुत अच्छी फोटोग्राफर बन सकती है”, काश्वी स्टेज पर पहुंची, ये लम्हा उसके सपनो में कई बार आया, कामयाबी की पहली सीढ़ी है ये काश्वी के लिये, स्टेज पर काश्वी को प्राइज देने के लिये उसे ही बुलाया गया जिसने काश्वी को कुछ घंटे पहले उसकी अपनी कामयाबी पर शक करने की वजह दी थी, निष्कर्ष, ना चाहते हुए भी स्टेज पर काश्वी के साथ खड़ा था, उसे अपनी बात के लिये काफी शर्मिंदगी हो रही थी, निष्कर्ष ने काश्वी को उसका प्राइज दिया, काश्वी प्राइज लेकर जाने लगी तो अनाउंसर ने उसे रोक लिया और कहा कि इस प्राइज के साथ एक महीने की वर्कशॉप भी होगी जो पहले 10 कंटेस्टेंटस को ट्रेनिंग देने के लिये रखी गई है, ये वर्कशॉप निष्कर्ष की कंपनी स्पांसर करती है हर साल, उसी के जैसे नए उभरते फोटोग्राफर्स को ट्रेनिंग दी जाती है और ट्रेन करने वाले एक फेमस फोटोग्राफर हैं जो निष्कर्ष के पिता भी है। तालियों की आवाज के साथ काश्वी अपना प्राइज लेकर स्टेज से नीचे आ गई, काश्वी का पूरा परिवार उसके पास आ गया, मम्मी ने गले लगाया और पापा ने सिर पर हाथ रख कर उसे आशीर्वाद दिया। दीदी और भइया उस के लिये खुशी से चीयर करने लगे, ये सब देख कर काश्वी निष्कर्ष को भूल कर उनके साथ खुश हो गई। एक बात और थी जो काश्वी की एक्साइटमेंट को बढ़ा रही थी, उसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि उसे ट्रेनिंग देने वाले वही हैं जिनकी तस्वीरें देखकर उसे फोटोग्राफी को करियर बनाने की इंस्पीरेशन मिली थी। काश्वी इस फंक्शन में सबके लिये एक यंग अचीवर बन गई, हर कोई उससे बात करने, उसे बधाई देने उसके पास आने लगा। निष्कर्ष भी दूर से काश्वी को देखता रहा, पास जाकर बात करने की हिम्मत नहीं हुई उसकी।