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"लक्ष्मी"भाग-13

30 नवम्बर 2021

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     अभी तक आपने पढ़ा---
लक्ष्मी पवन की पत्नी बनकर घर में आई। नगीना दास और सीमा को उसन सास-ससुर के रूप में पाया लेकिन जब उसे पता लगा कि उसकी सास रूक्मिणी है और उसकी हालत शारीरिक मानसिक से बहुत खराब है।उसको घर में एक शख्स का दर्जा भी प्राप्त नहीं तो उसने अपनी सास को इंसाफ दिलाने के लिए कदम उठाया।अपने पति को समझाया और फिर दोनों ने किस प्रकार अपनी मां, सास को उनके अपने घर में उनका स्थान दिलवाया,
पढ़िए अंतिम भाग में-
     आशा है पसंद आएगा कहानी का समापन है

     जैसा कि लक्ष्मी से सीमा ने कहा था बाकी सभी को भी यही कहकर रखा था कि रुक्मिणी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। लक्ष्मी ने इसी बात को आधार बनाया और घर में कह दिया कि डाॅक्टर ने कहा है कि अब मेंटल हॉस्पिटल में ही रुक्मिणी का इलाज होगा। हम उन्हें वहां से अपने मायके के शहर के एक हॉस्पिटल में शिफ्ट कर रहे हैं और वहां पर उन्हें मिलने के लिए ज्यादा लोग नहीं जा सकतेमरीज से मिलने पर पाबंदी है क्योंकि इससे इलाज में बाधा पड़ती है।हास्पीटल के नियमानुसार एक ही व्यक्ति उन्हें मिल सकता है तो किसी को भी ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हम बीच-बीच में उसे देख आएंगे और मेरे मायके वाले भी वहां हैं वो भी देखभाल कर लेंगे

नगीना और सीमा ने एक बार हिचकिचाहट दिखाई कि उसके मायके वाले पूछेंगे तो हम क्या जवाब देंगे ?
तब लक्ष्मी ने उन्हें तसल्ली देते हुए कहा कि वह सब संभाल लेगी।अपने ससुराल की बदनामी नहीं होने देगी।इस तरह रुकमणी हॉस्पिटल में रहने लगी। लगभग एक साल होने आया, इस बीच सिर्फ पवन- लक्ष्मी रूक्मिणी से मिलने जाते और कभी -कभी रात को भी वहां रुक जाते।
           नगीना ,सीमा ने एक दो बार जब देखने जाने को बोला तो पवन व लक्ष्मी ने उनसे परेशान ना होने की बात कहकर टाल दिया ।दोनों पति-पत्नी ,सीमा -नगीना वैसे भी अपने मन में शर्मिंदा थे और रुक्मिणी का सामना नहीं कर सकते थे,पता नहीं सामना होने पर वह कैसा व्यवहार करे?
इसीलिए वह उनकी बात मान लेते थे।
        लक्ष्मी और पवन अभी भी सीमा को वही सम्मान देते थे जैसा पहले। दिल ही दिल में वे ये भी जानते थे कि छोटी मां ज्यादा दोषी नहीं है।उन्हें मुसीबत में जो भी सहारा मिला,थाम लिया। सीमा जब घर में आई थी पवन सात-आठ साल का था और रूक्मिणी-नगीना के झगड़ों को देखता था, थोड़ा बहुत समझता भी था।शुरू में सीमा ने उसकी मां को भी मान दिया था पर मां पिता के इस धोखे को सहन नहीं कर पाई और सारा क्रोध बच्चोंसीमा पर निकालती थी
  गलती तो पिता की थी,सज़ा उन सबको मिली और उस समय सीमा चाहती तो बच्चों को भी दुःखी कर सकती थी।शायद पिताजी भी तब छोटी मां के प्रेम में ज्यादा दखलदेतेसीमा तो मन ही मन शर्मिंदा थी इसलिए उनसे कुछ ना कहती ।
      वास्तविकता यह थी कि पवन लक्ष्मी ने एक कमरा लेकर रुक्मिणी को वहां शिफ्ट कर दिया था।साथ ही एक नर्स देखभाल के लिए रहती थी,जो घर के अन्य काम भी किया करती थी। रुक्मिणी को इलाज की इतनी जरूरत नहीं थी, जितनी कि किसी अपने के साथ की, शांति की ,प्यार की, और यह आवश्यकता लक्ष्मी और पवन दोनों मिलकर कर रहे थे। खानपान व उचित देखभाल,पवन -लक्ष्मी का साथ रुक्मणी के लिए वरदान बना।
  शरीर धीरे-धीरे भर गया था।चेहरे से झुर्रियां गायब हो गई थीं मानो कभी थी ही नहींजीने की चाह पैदा हुई आशायें उम्मीदें बढने लगीं तो आंखों में चमक भर गयी ।जो कुछ उसके जीवन में हुआ ,उसे भाग्य मानकर आज वह स्वीकार कर चुकी थी और आगे के जीवन को परिवार के साथ रहकर खुशी और शान्ति- पूर्वक बिताना चाहती थी।
    आज लक्ष्मी और पवन की शादी को एक साल हो रहा है।घर में सुबह से रौनक थी।नगीना और सीमा ने मिलकर उनके इस दिन को खास बनाने के लिए सोचा था।शायद वह इस तरह से उन को खुश करना चाहते थे कि उन्होंने उन्हें अभी भी वही मान सम्मान दिया ।उनके सामने कभी अपनी मां की हालत को लेकर या बात को छुपाने की जो भूल की थी, उसके लिए वह शायद एक पश्चाताप कर रहे थे या उनको उसका फल दे रहे थे
चारों और सजावट हो रही थी ।शाम को खाने पीने का आयोजन था।बहुत से लोगों को निमंत्रण दिया गया था ।लक्ष्मी के मायके वाले भीरहे थेलक्ष्मी पवन ने भी कुछ खास सोच रखा था
रात्रि के लगभग 7:00 बजे लक्ष्मी तैयार होने के लिए ब्यूटी पार्लर पर जाने के लिए कहकर गई थी।मीना आई हुई थी और जब उसे पता लगा उसकी मां यहां नहीं है हॉस्पिटल में है तो उसे लगा शायद उसकी मां के दिन अब भाभी के आने से फिर जाएंगे ।
      सभी लक्ष्मी के आने का इंतजार कर रहे थे तभी सबने देखा लक्ष्मी आ रही है पर अकेली नहीं साथ में एक सुंदर, प्रभावशाली व्यक्तित्व की महिला उसके साथ है। सभी देखने लगे मायके वाले तो पहले हीचुके थेलक्ष्मी के साथ कौन है?
यह प्रश्न सभी के दिमाग में कौंध रहा था।जब वह दोनों नजदीक आए तो सबके साथ सीमा और नगीना देखते रह गए क्योंकि यह रुक्मिणी थी। दोनों के मुंह से एक साथ आश्चर्य में निकला।-
    तुम .....रुक्मिणी ....जीजी.....
             रुक्मिणी मुस्कुराई उसने सीमा के गाल थपथपायेये स्पर्श सीमा को अहसा़स करा गया कि रूक्मिणी ने उसे माफ कर दियावह झट से उसके चरणों में झुक गई
   मुझे माफ करना जीजीमैंने आपके साथ बहुत ही गलत किया...
     रुक्मणी ने उसे उठाकर गले लगा लिया ।
   तुमसे मुझे कोई गिला नहीं है क्योंकि तुमने मेरे बच्चों को कभी भी अपनी सौत के बच्चे नहीं माना और उन्हें मेरी तरह ही प्यार दुलार दे कर बड़ा किया है और सबसे बड़ी बात लक्ष्मी जैसी बहू लेकर आई हो जिसने मुझे दुबारा ये दिन दिखायातुम्हारी इसमें कोई ज्यादा गलती नहीं है तुम तो बच्ची ही थीं..
    नगीना दास अपने किये पर शर्मिंदा थे।उन्होंने अपने दोनों हाथ रुकमणी के आगे जोड़ दिए ।
   मैं बहुत शर्मिंदा हूं ,,.....मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया।मुझे माफ़ कर दो रूक्मिणी।माफी के काबिल तो नहीं पर फिर भी.....
    रुक्मिणी ने कहा, - "जो हो गया भूल जाइएआपने जो किया माफी के काबिल तो नहीं.... लेकिन बच्चों को इस घर में कभी भी किसी भी कमी को महसूस नहीं होने दिया और सीमा ने हमेशा उनका ध्यान रखा तो मैं आपको आपकी गलतियों के लिए माफ करती हूं।"
   "मेरी बहू नाम की ही लक्ष्मी नहीं सचमुच में लक्ष्मी है और मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि ऐसी सुंदर, सुशील समझदार बहू सबको मिले जो अपनी ही सास को उसका हक दिलाने के लिए खुद पहल करे और बिना किसी को नुकसान पहुंचाए,अपमानित किए,
घर समाज में सम्मान दिलाये ।"
रूक्मिणी ने लक्ष्मी को गले लगा लिया। मीना और सीमा भी दोनों तरफ से उसके गले लग गईं। नगीनादास ने भी पवन को गले लगाया।गगन व भुवन ने रुक्मिणी के चरण स्पर्श किये।चारों ओर खुशियां थी।सभी खुश थे।       
  रुक्मिणी को घर में आज वही सम्मान मिला जो उसका पहले था।सीमा ने उसको बड़ी बहन की तरह ही जैसे कि पहले जब वो आई थी उसी तरह से उसको मान दिया और रुक्मिणी ने, जो पहले नहीं किया था वह आज किया सीमा को मन से अपनी छोटी बहन स्वीकार करके।
समाप्त।


प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"


Anita Singh

Anita Singh

बहुत सुंदर कहानियां लिखी आपने

21 दिसम्बर 2021

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

2 जनवरी 2022

बहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी 💐💐💐🙏🙏🙏नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🌹🌹🌹

Jyoti

Jyoti

बहुत अच्छा

21 दिसम्बर 2021

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

2 जनवरी 2022

धन्यवाद ज्योति जी 🌹🌹🙏🙏नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बढिया रचना है

8 दिसम्बर 2021

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

2 जनवरी 2022

धन्यवाद ज्योति जी🙏🙏🎂💐नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹🌹🌹

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रचनाएँ
"ससुराल रूपी पिंजरा "
4.8
मेरी यह पुस्तक नारी जीवन के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में दो कहानियां हैं। "ससुराल रूपी पिंजरा "जिसमें शादी के बाद आनेवाली बहुत सी समस्याओं में से एक कहानी का विषय है। लड़कियों के जीवन में विवाह के बाद आये बदलाव और सामंजस्य बिठाने को लेकर लिखी गयी यह कहानी भारतीय मूल्यों को बरकरार रखते हुए लिखी गयी है, जहां लडकियों का संयम और समझदारी ही राह दिखाते हैं और समस्याओं से पार होना सिखाते हैं।आशावादी रवैया और धैर्य समस्याओं का हल निकालता है। दूसरी कहानी "लक्ष्मी" पहली कहानी के उल्ट बहू द्वारा सास को उसके घर में पुनर्स्थान की है वो भी शान्ति और सौहार्दपूर्ण तरीके से। आशा है पुस्तक की दोनों कहानियाँ पाठकों को पसंद आयेंगी। पुस्तक निःशुल्क रखी गयी थी ताकि ज्यादा से ज्यादा साथी पढ सकें पर कुछ ज्यादा समीक्षायें नहीं दिखीं।
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भाग-1"शादी और ससुराल की हकीकत"

19 अक्टूबर 2021
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"सामंजस्य "

22 अक्टूबर 2021
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पिछले अंक में आपने पढ़ा ...<div><span style="font-size: 1em;">पूनम के ससुराल वालों का व्यवहार उसके सा

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"सास-बहु और खट्टा-मीठा"

26 अक्टूबर 2021
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<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढा--</p><p

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"पिंजरा बना सपनों का महल"

28 अक्टूबर 2021
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<p>अभी तक आपने पढा---</p><p>पूनम को उसके पिता लेने आये तो सास ने उसे भेज दिया और फिर हफ्ता होते ही ज

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"पिंजरा खुला "

29 अक्टूबर 2021
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<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढा--</p><p

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"लक्ष्मी "

7 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"> लक्ष्मी रसोई में बैठी खाने की तैयारियों म

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"लक्ष्मी" भाग-2

16 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b>पढा</

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"लक्ष्मी "भाग-3

20 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>पहले के भाग1,2में आपने पढ़ा--</b></p> </div><p dir="ltr"><b style=

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"लक्ष्मी"भाग-4

21 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>अभी तक आपने लक्ष्मी के 1,2,3 भाग पढे।आपने अगर नहीं </b><b>पढे</b><

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"लक्ष्मी "भाग-5

22 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>आपने लक्ष्मी के भाग1,2,3और 4अगर नहीं </b><b>पढ़े</b><b> </b><b>तो<

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"लक्ष्मी"भाग-6

23 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी"भाग-7

24 नवम्बर 2021
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25 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी "भाग-9

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"लक्ष्मी "भाग-10

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"लक्ष्मी"भाग11

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"लक्ष्मी"भाग-12

29 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी"भाग-13

30 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b

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