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"लक्ष्मी"भाग-4

21 नवम्बर 2021

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अभी तक आपने लक्ष्मी के 1,2,3 भाग पढे।आपने अगर नहीं पढे तो पहले ये सभी पढें, तभी कहानी पूरी तरह समझ आयेगी
मां-बाप का साया उठते ही नगीना दास एकदम स्वच्छंद हो गया था।रुक्मिणी के गृहस्थी में फंस जाने पर उसका ध्यान फिर अपने पुराने साथियों में जा लगा और फिर मनमौजी हो गया।रुक्मणी को जब तक खबर हुई उसकी पहुंच से बाहर हो चुका था और दोनों के बीच एक बड़ी खाई खुद चुकी थी।इस माहौल ने बच्चों पर भी असर डालना शुरू कर दिया और नगीना रुकमणी से और भी दूर होने लगा। 

अब आगे......
     फैक्ट्री में पिता के समय से ही लाला चंदरलाल मुंशी का काम करते थे। नगीना उनका बहुत सम्मान करता था और फैक्टरी का सारा लिखा-पढ़ी का काम उन्हीं पर छोड़ रखा था।उम्रदराज लाला बेटे की तरह नगीना को सलाह-मशविरा दिया करते| इसीलिए नगीना उनकी बहुत इज्जत भी करते थे और उनके ऊपर काम छोड़कर मौज-मस्ती में लग जाते।           
  दो वर्ष पहले लाला चंदरलाल की पत्नी,बहू और बेटे की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो चुकी थी और बेटे की एकमात्र निशानी के तौर पर उनकी पोती सीमा थी जो इस समय पन्द्रह-सोलह साल की हो रही थी

   जब भी नगीना ज्यादा समय फैक्टरी में रुकते तो अक्सर लाला चन्दरलाल उनके लिए घर से खाना लेकर आते और जब कभी नगीना की लड़ाई  रुक्मिणी से हो जाती तो वह नाराज होकर रात को भी फैक्ट्री पर ही रुक जाते।तब लाला चंदरलाल उसको घर पर खाने के लिए ले जाते जहां पर नगीना की निगाह सीमा पर पड़ गई
   खूबसूरत कली सी खिलती सीमा उनके मन को भाने लगी थी और उनका मन उसके लिए मचलने लगानौ-दस साल पहले रूक्मिणी भी उन्हें ऐसे ही भायी थी।उसका यौवन उन्हें खींचने लगा था। आते-जाते कभी-कभी सीमा भी उनसे बात करने लगी
            सौभाग्य कहिए या दुर्भाग्य अचानक लाला चंदरलाल बीमार पड़े तो कई दिन फैक्टरी नहीं जा पाए।तब नगीना कारण जानने के लिए जब घर गये तो पता लगा लाला चंदरलाल बीमार हैं और फिर दवाई देखभाल का जिम्मा स्वयं ले लिया। इस तरह नगीना का घर में आना-जाना बहुत ज्यादा होने लगा और सीमा भी उनसे खुल गई
         देखभाल के बहाने नगीना काफी समय लाला चंदरलाल के यहां गुजारने लगा।कई बार तो वह सुबह ही पहुंच जाता और नाश्ता, खाना, रात का खाना सब कुछ वहीं खाने लगा।सीमा से वह बहुत प्यार से बात करता और सीमा उसे साहब कहकर पुकारती।. 
     जैसे-जैसे उसकी सीमा से निकटता बढ़ती जा रही थी,रुक्मिणी उनके दिल से बिल्कुल दूर होती जा रही थी।अब वह सीमा के ही सपने देखते और उसका मन बहलाने को तरह तरह के जतन कहते। अल्हड़ सीमा को इस सब की समझ ना थी।नगीना का अतिरिक्त ध्यान देना उसे अच्छा लगता और माँ-बाप के बाद दादा ही एक सहारे थे और उनकी बीमारी में नगीना एकमात्र सहायक

    इधर लाला चन्दरलाल को सीमा की चिन्ता सता रही थी कि अगर उन्हें कुछ हो गया तो सीमा का क्या होगा?
उन्होंने नगीना से चिन्ता व्यक्त की
बेटे मेरी बीमारी ठीक होते नहीं दिखती... लगता है जल्दी ही बुलाबाजायेगामेरे बाद सीमा  क्या होगा...?बहुत छोटी उम्र है उसकी और शादी के बारे में सोच रहा थाकि इस बीमारी ने घेर लिया...। 
आप चिंता मत करिये मुंशीजी.. जल्द ही आप ठीक हो जायेंगें और मैं हूँ न... सीमा की चिंता मत करियेबस आप भगवान पर भरोसा रखिये.... नगीना ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह सीमा का अपनी तरफ से उसका पूरा ध्यान रखेगा।
क्रमशः

प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"

21/11/2021 

Jyoti

Jyoti

बहुत अच्छी

21 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

सुन्दर

21 दिसम्बर 2021

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बढिया कहानी

8 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
"ससुराल रूपी पिंजरा "
4.8
मेरी यह पुस्तक नारी जीवन के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में दो कहानियां हैं। "ससुराल रूपी पिंजरा "जिसमें शादी के बाद आनेवाली बहुत सी समस्याओं में से एक कहानी का विषय है। लड़कियों के जीवन में विवाह के बाद आये बदलाव और सामंजस्य बिठाने को लेकर लिखी गयी यह कहानी भारतीय मूल्यों को बरकरार रखते हुए लिखी गयी है, जहां लडकियों का संयम और समझदारी ही राह दिखाते हैं और समस्याओं से पार होना सिखाते हैं।आशावादी रवैया और धैर्य समस्याओं का हल निकालता है। दूसरी कहानी "लक्ष्मी" पहली कहानी के उल्ट बहू द्वारा सास को उसके घर में पुनर्स्थान की है वो भी शान्ति और सौहार्दपूर्ण तरीके से। आशा है पुस्तक की दोनों कहानियाँ पाठकों को पसंद आयेंगी। पुस्तक निःशुल्क रखी गयी थी ताकि ज्यादा से ज्यादा साथी पढ सकें पर कुछ ज्यादा समीक्षायें नहीं दिखीं।
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भाग-1"शादी और ससुराल की हकीकत"

19 अक्टूबर 2021
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<p dir="ltr"><b> भाग-1</b></p><p dir="ltr"><b> घर में सुबह से

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"पिंजरे में बन्द"

20 अक्टूबर 2021
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<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढ़ा---&nbs

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"सामंजस्य "

22 अक्टूबर 2021
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पिछले अंक में आपने पढ़ा ...<div><span style="font-size: 1em;">पूनम के ससुराल वालों का व्यवहार उसके सा

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"सास-बहु और खट्टा-मीठा"

26 अक्टूबर 2021
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<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढा--</p><p

5

"पिंजरा बना सपनों का महल"

28 अक्टूबर 2021
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<p>अभी तक आपने पढा---</p><p>पूनम को उसके पिता लेने आये तो सास ने उसे भेज दिया और फिर हफ्ता होते ही ज

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"पिंजरा खुला "

29 अक्टूबर 2021
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<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढा--</p><p

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"लक्ष्मी "

7 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"> लक्ष्मी रसोई में बैठी खाने की तैयारियों म

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"लक्ष्मी" भाग-2

16 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b>पढा</

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"लक्ष्मी "भाग-3

20 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>पहले के भाग1,2में आपने पढ़ा--</b></p> </div><p dir="ltr"><b style=

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"लक्ष्मी"भाग-4

21 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी "भाग-5

22 नवम्बर 2021
7
7
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b>आपने लक्ष्मी के भाग1,2,3और 4अगर नहीं </b><b>पढ़े</b><b> </b><b>तो<

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"लक्ष्मी"भाग-6

23 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>अभी तक आपने पढ़ा--</b></p> </div><p dir="ltr"><b style="font-size:

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"लक्ष्मी"भाग-7

24 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b>अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b>पढ़ा</b><b>--</b><b

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"लक्ष्मी"भाग-8

25 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b> आपने लक्ष्मी के पिछले भाग नहीं पढ़े तो

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"लक्ष्मी "भाग-9

26 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी "भाग-10

28 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी"भाग11

28 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"><b>अभी तक आपने पढा--</b><br> <b>पवन लक्ष्मी ने रूक्मिणी को अस्पताल में भर्ती करा दि और

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"लक्ष्मी"भाग-12

29 नवम्बर 2021
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"लक्ष्मी"भाग-13

30 नवम्बर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b

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