shabd-logo

"लक्ष्मी "भाग-5

22 नवम्बर 2021

28 बार देखा गया 28

आपने लक्ष्मी के भाग1,2,3और 4अगर नहीं पढ़े तो कृपया उन्हें पढ़िए तभी कहानी का मर्म समझ आयेगा
अभी तक आपने नगीना दास और रुक्मिणी के रिश्ते में आ गई दरार के बारे में पढ़ा जो न भरने की हद तक बड़ी हो गई थी।लाला चन्दरलाल जो बीमार हुये तो नगीना को उनके घर आने- जाने का सुनहरा मौका मिल गया
अब आगे----
        कुछ दिनों की बीमारी लाला चन्दरलाल को अपने साथ ले गई और छोड़ गई मासूम-सी सीमा को अकेला।
नगीना ही इस समय उसका एकमात्र सहारा था और इस सहारे ने इस अवसर का पूरा-पूरा फायदा उठाया। नगीना ज्यादा समय सीमा का ध्यान रखने में गुजारने लगा।इस तरह सीमा पूरी तरह उस पर निर्भर हो गई।
   और एक दिन जब नगीना घर वापिस आया तो साथ में सीमा थी उसकी दूसरी पत्नी के रूप में। रूक्मिणी के जीवन में जो थोड़ी बहुत उम्मीद थी,वो भी समाप्त हो गई।
अपने घर में ,अपने कमरे में,अपने ही पति के साथ किसी दूसरी औरत को बर्दाश्त करना आसान न था।जब तक ये सब बाहर था,आंखों से दूर था एक हल्का सा पर्दा था
      बच्चे अभी नासमझ थे,उनके सामने सीमा का परिचय उनकी छोटी मां है ,कहकर कराया गया। सीमा रूक्मिणी को जीजी कहती, उसे सम्मान देती,उसे ज्यादा समझ नहीं थी पर ये अहसास था कि उसने रूक्मिणी के अधिकार को अपने नाम कर लिया है। उसकी कोशिश रहती कि वह रूक्मिणी कोई दुःख न पहुंचाए लेकिन रूक्मिणी के लिए इससे बड़ा दुःख क्या हो सकता था कि उसके अधिकारों पर उसकी आंखों के आगे डाका पड़ गया और वो कुछकर सकी ....
सुनो मुझे तुम्हें जीजी कहने की कोई जरूरत नहीं... मैं तुम्हारी जीजी नहीं हूं... भगवान ना करे किसी की तुम्हारे जैसी छोटी बहन हो.... कहकर रूक्मिणी ने सीमा को दुत्कार दिया
तो मैं क्या कहूँ.... सीमा के पूछने पर रुक्मिण क्रोध से पैर पटकते हुये वहां से चली गई
सीमा दुःखी मन से वहां से अपने कमरे में चली गई और सारे दिन अनमनी सी कमरे में रही और जब रात को नगीना लौटा तो उसने उसके कुम्हलाए हुए चेहरे को देखा तो पूछ बैठा,.
क्या हुआ.....?
और फिर रोते हुए सीमा ने उसको रुक्मिणी की बात बता दी
     समझता तो नगीना भी सब कुछ था लेकिन अब उसके लिए सीमा ज्यादा महत्वपूर्ण थीउसने सीमा को बहलाया,
तुम्हें रुकमणी से बात करने की जरूरत ही नहीं है, तुम अपने काम से काम रखा करो जो भी कहना है मैं हूं ना तुम्हारे लिए..... कुछ दिन में सब ठीक हो जाएगा और उसने सीमा को अपने गले लगा लिया
      अब नगीना से रूक्मिणी की बात हीहोती, कुछ तो नगीना का अपराध बोध रुकमणी के सामने नहीं पड़ता और कुछ रुक्मणी का क्रोध दोनों ने एक दूसरे को एक दूसरे से पूरी तरह काट दिया था और अब वह पूरी तरह सीमा का होके रह गया। बच्चों की जरूरतों को भी वह सीमा से पूछकर पूरी करने लगा।मासूम,भोले बच्चों की बातें सुन सीमा खुश रहतीतीन-चार साल के अकेलेपन के जीवन से निकल वो एक भरे-पूरे परिवार में आ गई थी।बच्चे जब उसे छोटी मां कहकर बुलाते तो उसे बड़प्पन का अहसास होता और जब नगीना उस पर प्रेम लुटाता सारी फर्माइश पूरी करता तो जैसे पिता की कमी पूरी हो जाती।अजीब सा रिश्ता था एक ही घर में एक-दूसरे के साथ।
       इन सबके बीच रूक्मिणी की नफ़रत सीमा के लिए बढ़ने लगी थी और इस नफ़रत की आग का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ने लगा क्योंकि रुक्मिणी अपने बच्चों को सीमा से दूर रखना चाहती थी, उसे लगता था कि उसका पति तो उसे छोड़ चुका है और कहीं बच्चे भी सीमा के लाढ-दुलार में उससे दूर न हो जायें। प्रतिकूल परिस्थितियों ने उसे और भी चिड़चिड़ा बना दिया जिसका फायदा सीमा को हुआ।ये स्वाभाविक है कि जहां बच्चों को प्यार मिलने लगे, इच्छाओं की पूर्ति हो,बच्चे पानी की तरह वहीं बह जाते हैं।
     दो साल बीतते- बीतते सीमा गर्भवती हो गई।इस समय तक रूक्मिणी के तानों को सुनते-सुनते वह भी उससे कटने लगी। वह अब उसे बड़ी बहिन न मान दिल से सौत समझने लगी क्योंकि वहां समाज में अभी भी रूक्मिणी ही पत्नी का दर्जा  प्राप्त किये हुये थीजैसे-जैसे वह घर में रहते हुए चीजों को समझ रही थी पर पग होते जा रही थी और धीरे- धीरे वह रूक्मिणी के खिलाफ नगीना के कान भरने लगी
      हालांकि अभी तक नगीना ने रूक्मिणी के साथ कोई दुर्व्यवहार न किया था।अपने बच्चों को वह बहुत चाहता था और रूक्मिणी उनकी मां थी लेकिन सीमा के साथ रूक्मिणी का व्यवहार उसे अच्छा न लगतालेकिन फिर भी वह ये सब अनदेखा कर दिया करता था
      रूक्मिणी की बजाय ये हक उसको मिले इसके लिए सीमा ने नगीना पर जोर डालना शुरू किया और इसके लिए आग्रह यह था कि वह शहर चले और उसके घर शिफ्ट हो जाये। वहां वह फैक्ट्री भी अच्छी तरह देख पायेगा और उसके साथ भी ज्यादा समय गुजार पायेगा।उसका बच्चा भी वहीं पैदा होगासमाज में वही उसकी पत्नी के रूप में जानी जायेगी
    कुछ दिनों की टाल-मटोल के बाद सीमा के आगे उसे झुकना ही पड़ा और नगीना कुछ दिनों में ही शहर शिफ्ट होगया।
क्रमशः
प्रीति शर्मा"पूर्णिमा"

22/11/2021 

Jyoti

Jyoti

👌

21 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

सुन्दर

21 दिसम्बर 2021

8 दिसम्बर 2021

19
रचनाएँ
"ससुराल रूपी पिंजरा "
4.8
मेरी यह पुस्तक नारी जीवन के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में दो कहानियां हैं। "ससुराल रूपी पिंजरा "जिसमें शादी के बाद आनेवाली बहुत सी समस्याओं में से एक कहानी का विषय है। लड़कियों के जीवन में विवाह के बाद आये बदलाव और सामंजस्य बिठाने को लेकर लिखी गयी यह कहानी भारतीय मूल्यों को बरकरार रखते हुए लिखी गयी है, जहां लडकियों का संयम और समझदारी ही राह दिखाते हैं और समस्याओं से पार होना सिखाते हैं।आशावादी रवैया और धैर्य समस्याओं का हल निकालता है। दूसरी कहानी "लक्ष्मी" पहली कहानी के उल्ट बहू द्वारा सास को उसके घर में पुनर्स्थान की है वो भी शान्ति और सौहार्दपूर्ण तरीके से। आशा है पुस्तक की दोनों कहानियाँ पाठकों को पसंद आयेंगी। पुस्तक निःशुल्क रखी गयी थी ताकि ज्यादा से ज्यादा साथी पढ सकें पर कुछ ज्यादा समीक्षायें नहीं दिखीं।
1

भाग-1"शादी और ससुराल की हकीकत"

19 अक्टूबर 2021
13
10
11

<p dir="ltr"><b> भाग-1</b></p><p dir="ltr"><b> घर में सुबह से

2

"पिंजरे में बन्द"

20 अक्टूबर 2021
9
9
8

<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढ़ा---&nbs

3

"सामंजस्य "

22 अक्टूबर 2021
9
8
5

पिछले अंक में आपने पढ़ा ...<div><span style="font-size: 1em;">पूनम के ससुराल वालों का व्यवहार उसके सा

4

"सास-बहु और खट्टा-मीठा"

26 अक्टूबर 2021
8
8
4

<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढा--</p><p

5

"पिंजरा बना सपनों का महल"

28 अक्टूबर 2021
9
8
10

<p>अभी तक आपने पढा---</p><p>पूनम को उसके पिता लेने आये तो सास ने उसे भेज दिया और फिर हफ्ता होते ही ज

6

"पिंजरा खुला "

29 अक्टूबर 2021
7
7
2

<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अभी तक आपने पढा--</p><p

7

"लक्ष्मी "

7 नवम्बर 2021
7
7
5

<div align="left"><p dir="ltr"> लक्ष्मी रसोई में बैठी खाने की तैयारियों म

8

"लक्ष्मी" भाग-2

16 नवम्बर 2021
7
7
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b>पढा</

9

"लक्ष्मी "भाग-3

20 नवम्बर 2021
7
8
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b>पहले के भाग1,2में आपने पढ़ा--</b></p> </div><p dir="ltr"><b style=

10

"लक्ष्मी"भाग-4

21 नवम्बर 2021
7
8
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b>अभी तक आपने लक्ष्मी के 1,2,3 भाग पढे।आपने अगर नहीं </b><b>पढे</b><

11

"लक्ष्मी "भाग-5

22 नवम्बर 2021
7
7
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b>आपने लक्ष्मी के भाग1,2,3और 4अगर नहीं </b><b>पढ़े</b><b> </b><b>तो<

12

"लक्ष्मी"भाग-6

23 नवम्बर 2021
6
7
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b>अभी तक आपने पढ़ा--</b></p> </div><p dir="ltr"><b style="font-size:

13

"लक्ष्मी"भाग-7

24 नवम्बर 2021
6
6
2

<div align="left"><p dir="ltr"><b>अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b>पढ़ा</b><b>--</b><b

14

"लक्ष्मी"भाग-8

25 नवम्बर 2021
8
7
4

<div align="left"><p dir="ltr"><b> आपने लक्ष्मी के पिछले भाग नहीं पढ़े तो

15

"लक्ष्मी "भाग-9

26 नवम्बर 2021
6
6
3

<div align="left"><p dir="ltr"> अब तक आपने पढ़ा कि लक्ष्मी को अपनी ससुराल

16

"लक्ष्मी "भाग-10

28 नवम्बर 2021
6
6
4

<div align="left"><p dir="ltr"><b> आपने अभी तक पढा - - </b><

17

"लक्ष्मी"भाग11

28 नवम्बर 2021
6
6
4

<p dir="ltr"><b>अभी तक आपने पढा--</b><br> <b>पवन लक्ष्मी ने रूक्मिणी को अस्पताल में भर्ती करा दि और

18

"लक्ष्मी"भाग-12

29 नवम्बर 2021
4
4
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी तक आपने पढ़ा--</b></p> </div><p dir="ltr"><b style="fon

19

"लक्ष्मी"भाग-13

30 नवम्बर 2021
3
3
6

<div align="left"><p dir="ltr"><b> अभी </b><b>तक</b><b> </b><b>आपने</b><b> </b><b

---

किताब पढ़िए