भीगे मन को भीगा सावन, सूखा-सूखा लगता है । मूक अधर, सूनी नजरों से, चौपाल भला कब सजता है । आँखों की कोरें भीगी हों तो क्या करना सावन का, मन में यदि न उम्मीदें हों तो क्या करना सावन का,
श्रावण मास के प्रमुख व्रतोत्सव 4 जुलाई से 31 अगस्त 2023 सोमवार 3 जुलाई को सायंकाल पाँच बजकर नौ मिनट के लगभग आषाढ़ पूर्णिमा – जिसे व्यास अथवा गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है – समाप्त होकर वृश्चिक लग
लडका अपनी छोटी बहन के साथ बाजार से जा रहा था।अचानक से उसे लगा की, उसकी बहन पीछे रह गयी है।वह रुका, पीछे मुडकर देखा तो जाना कि, उसकी बहन एक खिलौने के दुकान के सामने खडी कोई चीज निहार रही है।लडका पीछे आ
ये गलती कभी ना ब्लॉगर करें।(Bloggers ever make this mistake) और हमें हमेशा अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए आर्टिकल लिखना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है और ना ही ऑनलाइन माध्यम से पैसा कमाना कोई बहुत
सब से अलग हैंभैया मेरासब से प्यारा हैभैया मेराकौन कहता हैंखुशियाँ हीसब होती हैंजहां मेंमेरे लिए तोखुशियों से भीअनमोल हैंभैया मेरा
रक्षाबंधन, 26-8-18 भाई-बहन के पवित्ररिश्ते को अपने आँचल में छूपाये हुए इस महान पर्व रक्षाबंधन के अनुपम अवसर पर आपसभी को दिल से बधाई व मंगलमयी शुभकामना,ॐ जय माँ शारदा.....!“चतुष्पदी” राखी का त्यौहारप्रिय, प्रिय बहना का स्नेह। पकड़ कलाई वीर की, बाँध रही शुभ नेह। थाली कंकू से भरी, सूत्र रंग आशीष- रक्षा
सर्वप्रथम सभी कोप्रेम और सौहार्द के प्रतीक रक्षाबन्धन के इस उल्लासमय पावन पर्व की हार्दिकशुभकामनाएँ...इस रक्षा बन्धन आइये मिलकर शपथ लें कि“वृक्षारोपण के साथ ही वृक्षाबन्धन” भी करेंगे ताकि वृक्षों की रक्षा की जा सके...क्योंकि इन्हीं से तो मिलती है हमें शुद्ध और ताज़ी हवा –
26 अगस्त 2018 रक्षाबंधन: हिन्दू धर्म के अनुसार रक्षाबंधन जो की राखी के नाम से भी प्रचलित है इस बार 26 अगस्त 2018 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का त्योहार सबसे बड़े त्योहारों में से एक है जो पूरे भारत मे मनाया जाता है। रक्षाबंधन के ठीक सात दि
भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार रक्षाबंधन इस साल 26 अगस्त को मनाया जाना वाला है. श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्योहार हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. इस दिन बहन अपने छोटे और बड़े भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानि की राखी बांधकर अपनी सुरक्षा का वचन मा
राखी का यह धागा विजयश्री के साथ वापस ले आएगा, इस विश्वास के साथ राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी। राखी के साथ एक और ऐतिहासिक प्रसंग जुड़ा हुआ है। मुगल काल के दौर में जब मुगल बादशाह हुमायूँ चितौड़ पर आक्रमण करने बढ़ा तो रा