9 फरवरी 2022
बुधवार.....
कल की रात शायद सबसे डरावनी और टेंशन देने वाली रात रहीं..। पतिदेव की तबियत बहुत खराब हो गई थी अचानक से...। पूरी रात उनके साथ जागने में निकाली..। रात के तकरीबन तीन बजे के बाद थोड़ा आराम मिला...। लेकिन तब तक आंखों से नींद गायब हो चुकी थी...। पांच बजे वो तो निकल गए अपने काम पर... लेकिन मुझे चैन कहाँ मिलने वाला था...। छह बजे बेटी को उठाया..... उनका दूध नाश्ता तैयार कर स्कूल भेजा ही था की सात बजते ही एक खबर ऐसी आई की समझ नहीं आ रहा की खुश होऊं या दुखी होऊं...।
मेरे छोटे भाई जो भाभी के साथ दिल्ली में रहते हैं....। भाभी शादी के पांच सालों के बाद ट्रीटमेंट करने पर भरी मुश्किल से प्रेग्नेंट हुईं थी...और वो भी जुड़वां बच्चे....। नौ महीने तक बहुत खुश थें की चलो ऊपरवाले ने दिया तो भी छप्पर फाड़ कर...। एक साथ दो...।
लेकिन कुदरत को आज तक कौन समझ पाया हैं...। भाई का फोन आया सवेरे सात बजे की रात को तबीयत खराब होने की वजह से भाभी को हास्पिटल लाया गया और एक बच्चा नहीं बचा पाएं.... भाभी भी आईसीयू में हैं और दूसरा बच्चा भी अभी वेंटिलेटर पर ही हैं....। दोनों बच्चे लड़के हुए...। पर एक नहीं रहा....।
एक तरफ़ खुश भी हैं की इतने सालों बाद पेरेन्ट्स बनने का सुख तो नसीब हुआ.... पर दूसरी तरफ सोच कर दुख भी होता हैं की नौ महीने रखने के बाद ऐसा हो तो माँ पर क्या बितती होगी...।
फिलहाल तो बस भाभी और बच्चे की सलामती की दुआ मांगती हूँ..। आप सबसे भी यहीं कहूंगी जो हुआ उस पर तो हमारा जोर नहीं हैं... पर जो हैं वो सलामत रहें..... प्लीज प्रे फार बोथ.....।
जय श्री राम....।।।