12 मार्च...
शनिवार...
आज का दिन मेरे लिए बहुत खास हैं...। आज किसी खास का जन्मदिन हैं..। अब उससे कोई रिश्ता तो नहीं हैं दूनिया की नजरों में लेकिन मेरे दिल के किसी कोने में आज भी उसकी वो जगह मौजूद हैं..।
मैं बात कर रहीं हूँ मेरे बेटे की...।
मेरी डियर डायरी भी आश्चर्यचकित हो गई ये सुनकर ... 😊😊।
क्योंकि आज तक कभी मैने मेरे बेटे के बारे में किसी को बताया ही नहीं....। कभी बात ही नहीं की...। आज सबको सब कुछ बताती हूँ...।
मुझे बच्चों से शुरू से ही बहुत लगाव रहा हैं..। मैं जब शादी करके इस घर में आई तो मेरी जेठानी का बेटा दस महीने का था...। वो स्टेज पर रखें गिफ्ट बाक्स से खेल रहा था...। वो पहली बार मैने उसको देखा था... बस तबसे ही हमारा रिश्ता बन गया..।
वो मुझसे बहुत घुलमिल गया था...। यूं समझों मेरी जेठानी को उससे आजादी मिल गई थी..। उसकी हर जिम्मेदारी मैनें उठा ली थी..। वक्त पंख लगाकर उड़ता गया और हमारा रिश्ता माँ बेटे का हो गया था.... वो मुझे छोटी माँ कहता था...। अपनी हर बात वो मुझसे शेयर करता था....। माँ बेटे से ज्यादा हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे..। हर खुशी हर तकलीफ हर बात मेरी जेठानी से पहले मुझ तक आतीं थी...।
आज से कुछ साल पहले मेरी जेठानी का तलाक हो गया था...। तबसे उन दोनों से मेरा कोई कोन्टेक्ट नहीं हैं...। ऊपर से आर्डर मिले हुए हैं की अगर मैनें कोशिश भी की रिश्ता रखने की तो मेरे लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे...। कसमें दी हुई हैं... वादे लिए हुए हैं...।
बड़ों के बीच बात चाहे जो भी रहीं हो लेकिन इसमें बच्चों का क्या कसूर...।
मेरी बड़ी बेटी कड़े विरोध के बावजूद घर के बाहर ही मिलकर उसे हर साल राखी बांधती हैं...। भले ही पूरा साल ना मिले..।
मैं तो मिल भी नहीं सकतीं.... बात भी नहीं कर सकतीं..।
लेकिन दिल से आज उसके उन्नीसवें जन्मदिन पर उसे ढेर सारा आशीर्वाद और प्यार देतीं हूँ...। दूनिया कुछ भी कहे.... रिश्ते कुछ भी रहें.... मेरे लिए वो हमेशा मेरा बेटा रहेगा दिल से...।