आज की तारीख....
2 / 2 / 22
माँ..... हर बच्चे की चाहत... हर उम्र में जरूरत...।
हम छोटे से बड़े क्यूँ ना हो जाए.... माँ की चाहत हमेशा ही रहतीं हैं...। माँ ही वो शख्स हैं जिसकी गोद में सिर रखकर हम सब कुछ भूल जाते हैं...। माँ.... एक छोटा सा शब्द.... लेकिन अपने भीतर पूरी दुनिया समेटे हुए...।
आप सोच रहे होंगे मैं आज माँ का विषय क्यूँ निकाल रहीं हूँ...।
पता नहीं क्यूँ पर जब भी मैं किसी शख्स की मृत्यु का समाचार सुनती हूँ.... ना जाने क्यूँ अनायास ही दिल में मेरी मम्मी का ख्याल आ जाता हैं...।
मौत तो हर किसी को आनी हैं....। आज तक ना जाने कितने अपनों को खोया हैं....। सभी को अपनी माँ से विशेष स्नेह होता हैं...।
इंसान का आना जाना ही दुनिया का दस्तुर हैं...। ना जाने कब कौनसा वक्त किस का आखिरी वक्त हो जाए...।
कल सांझ को एक बहुत करीबी की मौत की सुचना मिली .... उस शख़्स को मैं व्यक्तिगत रुप से तो नहीं जानती थी पर किसी जरीये से जुड़ी हुई थी... तबसे ही दिल में मम्मी की बात फिर से ताजा हो गई....।
दरअसल जिस हालात में मेरी मम्मी की मृत्यु हुई थी ,मैं उन हालातों को आज तक सुलझा नहीं पाई...। एक साजिश.... सोची समझी साज़िश...... किसी अपने के द्वारा रची हुई साज़िश....। मेरी मम्मी की मौत मेरे लिए बहुत सवाल खड़े कर गई...।
ऐसे सवाल जिनका जवाब आज तक नहीं मिला...।
चार साल होने को आए पर आज भी सवाल वहीं का वही हैं... आखिर कैसे और क्यूँ.....।
सवाल बहुत हैं..... जवाब एक भी नहीं....।
तकलीफ तो इस बात से हैं की बहुत कुछ जानते हुए भी आज तक मैं किसी को कुछ कह नही पाई...।
उम्मीद करतीं हूँ..... कल का दिन एक नई रोशनी लेकर आएगी मेरे जीवन में....। आज का दिन मम्मी की यादों में....।
जय श्री राम.....।