1 फरवरी 2022......
पहली बार डायरी लेखन लिख रहीं हूँ..। कोशिश करूंगी बेहतर और अच्छा लिख सकूँ...। कुछ भी लिखने से पहले अपना एक संक्षिप्त परिचय दे रहीं हूँ...।
दिया जेठवानी.... एक गृहणी..... दो बच्चियों की माँ और सयुंक्त परिवार में रहतीं हूँ..।
शहर - अहमदाबाद...
राज्य - गुजरात....।
एक गृहणी होने के नाते शायद में कुछ खास दैनिक क्रिया के बारे में ना लिख पाऊँ... क्योंकि बहुत ही साधारण सी जीवनी होतीं हैं हमारी..। सुबह उठना.... घर का दैनिक कार्य.... बच्चों की पढ़ाई... बड़ों की हर जरूरत को समय पर पूरा करना...।
घर की चार दिवारों में ही हमने अपनी एक छोटी सी जिंदगी सजा ली होतीं हैं..।
लेकिन घर को घर हम गृहणियां ही बनातीं हैं... ये भी एक सत्य हैं..।
जो भी हैं कोशिश करुंगी हर रोज कुछ बेहतर और अच्छा लिखने की..।
उपन्यास, कहानियाँ, लेख और कविताएँ तो लिख लेती हूँ लेकिन अपने आप के जीवन पर लिखना एक अलग ही चुनौती हैं...।
मैं पेशे से लेखक नहीं हूँ. । बस बचपन से लिखने का शौक़ था जो अब जाकर पूरा करने की कोशिश कर रहीं हूँ..।
कहते हैं जब जागो तभी सवेरा...।
तो मेरे इस सवेरे की शुरुआत आज से कुछ महिनों पहले ही हुई थी...।
आज भी मेरी शुरुआत सामान्य ही हुई।
कुछ समय से परिवार में बहुत समस्या चल रहीं हैं....।लेकिन जिंदगी में जब तक समस्या ना आए तब तक उसे ठीक से समझा भी नहीं जा सकता..।
एक पंक्ति में हमेशा अपने आप से कहतीं हूँ.... जब भी कुछ समस्या आएं या परेशानी आए....." उम्मीद पर दिया कायम"..... 🤗
मैं उम्मीद कभी नहीं छोड़ती..... जब तक सांस हैं तब तक आस हैं...। एक विश्वास हैं समस्या जल्द सुलझ जाएगी....।
इसी विश्वास के साथ आपसे फिर मिलुंगी....।
आप सभी का दिन मंगलमय रहे...।
जय श्री राम....