12 फरवरी....
शनिवार....
समय... 12:30 ( दोपहर)
फरवरी का महीना.... प्यार का महीना.. ... इस महीने की बात ही अलग हैं.... और मुझे तो इस महीने एक नायाब तोहफा मिला हैं... प्यारा सा भतीजा.... उसी से मिलने ट्रेन से मिलों का सफ़र तय कर के जा रहे हैं.....।
आज के दिन को लोग hug day... के रुप में मनाते हैं..... मतलब जादू की झप्पी....।
सच ही हैं इस झप्पी में कुछ तो जादू हैं....परेशानी में... अकेले में.... जब किसी अपने की.... अपने प्यार करने वाले किसी शख्स की अगर झप्पी मिल जाए तो सच में जादू हो जाता हैं.... सारी तकलीफ.... सारी परेशानी... पल भर में खो जाती हैं...।
हाँ ये बात सही है की इससे परेशानी खत्म नही होतीं... पर एक सुकून.... एक राहत जरूर मिलतीं हैं... वो कुछ पल जो हम किसी की बांहों में होतें हैं.... वो कुछ पल... सब कुछ भूल जाते हैं.... सारी तकलीफ जैसे उस वक्त... ना जाने कहाँ चलीं जाती हैं...।
ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव हैं...।
लेकिन शर्त सिर्फ ये हैं की उस झप्पी में अपनापन हो.... प्यार हो... साथ हो.... ना की हवस और गलत इरादे.. . ...।
जरुरी नहीं की ये झप्पी प्रेमी या प्रेमिका की ही हो.... वो शख्स आपका दोस्त भी हो सकता हैं... रिश्तेदार भी हो सकता हैं... हमसफ़र भी हो सकता हैं...। जरूरी हैं सिर्फ प्यार का होना.... अपनेपन का होना...।
ये तो बात हुई जादू की झप्पी की.... अब बात करते हैं सफ़र की...।
ट्रेन का सफ़र.... मेरे सभी वाहनों में सबसे प्रिय सफ़र हैं....।
हर तरह के लोग आपको ट्रेन के सफ़र में मिल जातें हैं..। हर बार कोई ना कोई ऐसा मिल ही जाता हैं... जिससे कुछ घंटों की यात्रा में ही एक अविस्मरणीय यादें बन जातीं हैं..।
देखते हैं आज का सफ़र मेरे लिए क्या खास लेकर आता हैं.... अभी तो शुरुआत ही हुई हैं...।
अपने सफ़र का सफ़रनामा लेकर जल्द मिलुंगी....।
जय श्री राम.....।