15 फरवरी
मंगलवार
अचानक से बिना बताये आगरा बहन के घर पहुंचे.... देख कर गले से लिपट गई...। बहुत खुश हुई...।
उसका पूरा परिवार आवभगत में लग गया....। कल शाम तकरीबन सात बजे पहुंचे.... देर रात एक बजे तक तो बातें ही करते रहे...। हालांकि हम फोन पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं पर मिलकर ऐसा लग रहा था जैसे सालों से बात नहीं की हो...। उसके ससुराल वालों का स्वभाव भी बहुत अच्छा हैं...। अगले दिन यानि आज के दिन सिंभल ऑफ लव यानि ताजमहल देखने का प्रोग्राम बनाया...। आगरा आए और ताजमहल देखें बिना चलें जाएं वो तो मुमकिन ही नहीं...। सवेरे ग्यारह बजे बहन के साथ निकले...। सच में बेहद खुबसूरत हैं...। दुनिया के सात अजूबों में शामिल होने पर एकदम खरा उतरता हैं...। बहुत सारे पिक्चर निकाले.... कुछ यादगार चीज़ें भी वहाँ से खरीदी...। घर में सबके लिए कुछ ना कुछ गिफ्ट लिए...।
शाम होतें होतें घर वापस आए और सब सामान पैक करके...वापसी की तैयारी करने लगे...।
रात दस बजे की ट्रेन से अपने शहर अपने घर अहमदाबाद वापस रवाना हो चुकें हैं....।
कल से वहीं जिंदगी फिर से जिएंगे.... बीते हुए लम्हों की यादें अपने साथ लिए...। आने वाले और भी खुबसूरत लम्हों की चाह साथ में लिए...।
जिंदगी के हर पल को बेहतरीन तरीके से जी रहे हैं.... ना जाने कौनसा पल आखिरी सलाम दे दे....।
सफ़र के दौरान कुछ खुबसूरत पल अभी भी आपके साथ साझा करने हैं... उसके लिए कल फिर मिलूंगी....।
जय श्री राम....।