13 फरवरी....
रविवार...
समय:-
आखिर कार नन्हे मेहमान से मिलने की घड़ी आ ही गई....। मासूम सा चेहरा.... छोटी सी आंखें.... प्यारी सी मुस्कान....। जितनी तारीफ करें उतना कम...।
सालों बाद भाई भाभी से मिलकर बहुत अच्छा लगा...।
बड़े भाई भाभी.... और बड़ी बहन सभी बहुत लंबे समय बाद एक दुसरे से मिले थे...।
सवेरे पांच बजे दिल्ली पहुंचे...। उसके बाद सबसे मिलना मिलाना....। मस्ती मजाक.... फिर वही बचपन की बातें...। यहाँ वहाँ की यादें....।
दोपहर के खाने के बाद सब फिर से बातें कर रहे थे.... अचानक से मम्मी की तस्वीर पर नज़र गई.... कुछ पल के लिए आंखें भर आई..। लेकिन ऐसे खुशी के माहौल को आंसुओं से खराब नहीं करना चाहते थे... इसलिए हम वहाँ से वाशरूम का बहाना बना कर उठ गए...।
सब थे पर मम्मी पापा की कमी हमेशा रहतीं हैं...।
पता नहीं ऐसा सिर्फ मेरे साथ होता हैं या कोई और भी महसूस करता हैं.... पर जब भी हम मम्मी की तस्वीर को देखते हैं ऐसा लगता हैं जैसे वो कुछ कहना चाहतीं हो...।
मेरी छोटी बेटी तो जल्द ही बच्चों में घुलमिल जातीं हैं.... पर मुझे बड़ी बेटी की भी चिंता लगातार रहीं..... उसे वहीं घर पर छोड़ कर आए हैं.... लगातार उससे फोन पर कांटेक्ट बना कर रखते हैं....।
खैर ये तो बात हुई मेरे दिल्ली पहुंचने की बात.... लेकिन गुजरात से दिल्ली का सफर भी बेहद दिलचस्प रहा.... ।
हमने कहा था की हर बार सफ़र में कुछ ना कुछ ऐसा घटित होता ही हैं जिससे उस पल की यादें जुड़ जातीं हैं.... उन यादों के बारे में जल्द ही आपसे बातें करेंगे.... अभी बात करते हैं..... आज के दिन.... यानि kiss day..... की.....।
जहाँ प्यार हैं वहां ये तो होना ही हैं...। हर प्रेमी जोड़ा अगर सच्चे प्यार में हो तो अपना पहला चुम्बन कभी नहीं भूल सकता....। जिस तरह प्यार में झप्पी का महत्व हैं उस तरह प्यार में चुम्बन का भी अपना महत्व हैं....। दो आत्माओ के मिलन की शुरुआत यहीं से होतीं हैं...।
लेकिन बात फिर से वहीं हैं.... इस क्रिया में भी सच्चाई और पवित्रता का होना बहुत आवश्यक हैं... हवस और सब कुछ पाने की चाहत नहीं.....।
प्यार सिर्फ दो शरीर का नहीं बल्कि दो दिलों का... दो आत्माओ का मिलन होता हैं...। प्यार एक बेहद खूबसूरत अहसास हैं जिसने उसको महसूस कर लिया... समझों सब कुछ पा लिया..।
आज के लिए इतना ही... कल फिर मिलुंगी...।